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एमपी के चर्चित व्यापम घोटाला मामले में दो आरोपियों को 4-4 साल की सजा, जाने किस भर्ती परीक्षा में किया था फर्जीवाड़ा - आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा का मामला

एमपी के व्यापम घोटाले मामले में दो आरोपियों को चार-चार साल की सजा सुनाई गई है. सीबीआई कोर्ट ने आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के मामले में अभ्यर्थी और उसकी जगह परीक्षा देने वाले को दोषी माना है वहीं एक आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया.

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एमपी का व्यापम घोटाला
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 26, 2023, 5:32 PM IST

ग्वालियर। एमपी के चर्चित व्यापम घोटाले मामले में दो आरोपियों को 4-4 साल की सजा सुनाई गई है. इस मामले में कोर्ट ने एक आरोपी को बरी कर दिया है. यह पूरा मामला 2012 का है. व्यापम ने आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी और इस मामले में परीक्षार्थी ने अपने स्थान पर दूसरे से परीक्षा दिलवाई थी. तीन आरोपियों के खिलाफ यह मामला CBI कोर्ट में लंबित था.

कैसे किया था घोटाला: दरअसल व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने 2012 में करवाई गई आरक्षक भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी के स्थान पर दूसरे व्यक्ति के परीक्षा देने की बात सामने आई थी. इसमें आरोपी लाल मोहम्मद ने अपने भाई मुनीम खान को परीक्षा में पास करवाने के लिए फर्जी तरीके से सतेंद्र जाट को उसकी जगह पर परीक्षा दिलवाने बैठा दिया था.परीक्षा का आयोजन मुरार के एक स्कूल में हुआ था.

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किसे हुई सजा: मामला सामने आने के बाद जब दस्तावेजों की जांच हुई तो परीक्षा में बैठे अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका और मुनीम खान की हैंड राइटिंग और अंगूठे के निशान आपस में नहीं मिले. जांच में इस गड़बड़ी का पता चला तो आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई. CBI कोर्ट के न्यायाधीश अजय सिंह ने आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में दोषी पाते हुए मथुरा निवासी मुनीम खान और औरंगाबाद निवासी सतेंद्र जाट को 4-4 साल की सजा सुनाई है. इस मामले में एक अन्य आरोपी लाल मोहम्मद को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है.

ग्वालियर। एमपी के चर्चित व्यापम घोटाले मामले में दो आरोपियों को 4-4 साल की सजा सुनाई गई है. इस मामले में कोर्ट ने एक आरोपी को बरी कर दिया है. यह पूरा मामला 2012 का है. व्यापम ने आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की थी और इस मामले में परीक्षार्थी ने अपने स्थान पर दूसरे से परीक्षा दिलवाई थी. तीन आरोपियों के खिलाफ यह मामला CBI कोर्ट में लंबित था.

कैसे किया था घोटाला: दरअसल व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने 2012 में करवाई गई आरक्षक भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी के स्थान पर दूसरे व्यक्ति के परीक्षा देने की बात सामने आई थी. इसमें आरोपी लाल मोहम्मद ने अपने भाई मुनीम खान को परीक्षा में पास करवाने के लिए फर्जी तरीके से सतेंद्र जाट को उसकी जगह पर परीक्षा दिलवाने बैठा दिया था.परीक्षा का आयोजन मुरार के एक स्कूल में हुआ था.

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किसे हुई सजा: मामला सामने आने के बाद जब दस्तावेजों की जांच हुई तो परीक्षा में बैठे अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका और मुनीम खान की हैंड राइटिंग और अंगूठे के निशान आपस में नहीं मिले. जांच में इस गड़बड़ी का पता चला तो आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई. CBI कोर्ट के न्यायाधीश अजय सिंह ने आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में दोषी पाते हुए मथुरा निवासी मुनीम खान और औरंगाबाद निवासी सतेंद्र जाट को 4-4 साल की सजा सुनाई है. इस मामले में एक अन्य आरोपी लाल मोहम्मद को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है.

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