ETV Bharat / state

आरक्षक भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थी ने किया था सॉल्वर का इंतजाम, सीबीआई कोर्ट ने तीन लोगों को सुनाई ये सजा - Three people punish in constable exam

Three people punish in constable recruitment exam: एमपी में व्यापम द्वारा आयोजित आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में तीन लोगों को सजा सुनाई गई. सीबीआई की विशेष कोर्ट ने आरोपियों को 4-4 साल की सजा सुनाई.जबकि एक आरोपी सरकारी गवाह बन गया.

एमपी न्यूज
आरक्षक भर्ती परीक्षा का मामला
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 21, 2023, 3:43 PM IST

Updated : Dec 21, 2023, 6:02 PM IST

ग्वालियर। सीबीआई की विशेष कोर्ट ने आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में तीन लोगों को दोषी ठहराया है. इन तीनों आरोपियों को चार-चार साल की सजा सुनाई गई है. सभी पर लगभग 42000 रुपये से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया गया है.

क्या है मामला: दरअसल सितंबर 2012 में मुरैना में व्यापम द्वारा भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी जिसमें मुरैना के दधिबल सिंह ने अपने स्थान पर धौलपुर के सुनील कुमार को परीक्षा में बिठाया था.लेकिन पर्यवेक्षक ने फोटो मिसमैच के बाद उसे पकड़ लिया था. जब उसके हस्ताक्षर चैक करवाए गए तो वो भी फर्जी निकले. इसके बाद मामला पुलिस को सौंपा गया था.

कौन हैं तीनों आरोपी: परीक्षार्थी दधिबल सिंह ने अपने स्थान पर सॉल्वर के लिए आगरा के करतार सिंह से संपर्क साधा था.करतार सिंह ने दधिबल सिंह को फिरोजाबाद के विजय तोमर से मिलवाया. विजय ने परीक्षा में भाग लेने के लिए सॉल्वर सुनील का इंतजाम किया था. विजय तोमर ने ही सॉल्वर बने सुनील को पैसे भी दिलवाए. इसके बाद परीक्षा में सुनील पकड़ा गया था. इसकी पुष्टि सरकारी गवाह बने करतार सिंह ने भी की है.

ये भी पढ़ें:

कितनी सुनाई सजा: यह पूरा मामला सीबीआई की विशेष कोर्ट में चल रहा था. कोर्ट में चालान पेश होने के बाद धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने और परीक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराते हुए दधिबल सिंह, सॉल्वर सुनील कुमार और विजय तोमर को दोषी ठहराया है. इन तीनों आरोपियों को उन्हें 4-4 साल की सजा सुनाई गई है. सजा सुनाई जाते वक्त दधिबल सिंह कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. वहीं एक आरोपी करतार सिंह सरकारी गवाह बन गया.

ग्वालियर। सीबीआई की विशेष कोर्ट ने आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में तीन लोगों को दोषी ठहराया है. इन तीनों आरोपियों को चार-चार साल की सजा सुनाई गई है. सभी पर लगभग 42000 रुपये से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया गया है.

क्या है मामला: दरअसल सितंबर 2012 में मुरैना में व्यापम द्वारा भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी जिसमें मुरैना के दधिबल सिंह ने अपने स्थान पर धौलपुर के सुनील कुमार को परीक्षा में बिठाया था.लेकिन पर्यवेक्षक ने फोटो मिसमैच के बाद उसे पकड़ लिया था. जब उसके हस्ताक्षर चैक करवाए गए तो वो भी फर्जी निकले. इसके बाद मामला पुलिस को सौंपा गया था.

कौन हैं तीनों आरोपी: परीक्षार्थी दधिबल सिंह ने अपने स्थान पर सॉल्वर के लिए आगरा के करतार सिंह से संपर्क साधा था.करतार सिंह ने दधिबल सिंह को फिरोजाबाद के विजय तोमर से मिलवाया. विजय ने परीक्षा में भाग लेने के लिए सॉल्वर सुनील का इंतजाम किया था. विजय तोमर ने ही सॉल्वर बने सुनील को पैसे भी दिलवाए. इसके बाद परीक्षा में सुनील पकड़ा गया था. इसकी पुष्टि सरकारी गवाह बने करतार सिंह ने भी की है.

ये भी पढ़ें:

कितनी सुनाई सजा: यह पूरा मामला सीबीआई की विशेष कोर्ट में चल रहा था. कोर्ट में चालान पेश होने के बाद धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने और परीक्षा अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराते हुए दधिबल सिंह, सॉल्वर सुनील कुमार और विजय तोमर को दोषी ठहराया है. इन तीनों आरोपियों को उन्हें 4-4 साल की सजा सुनाई गई है. सजा सुनाई जाते वक्त दधिबल सिंह कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. वहीं एक आरोपी करतार सिंह सरकारी गवाह बन गया.

Last Updated : Dec 21, 2023, 6:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.