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मध्यप्रदेश के नए मंत्रिमंडल में ग्वालियर-चंबल अंचल के साथ ही सिंधिया को क्यों लगा झटका - आधी रह गई मंत्रियों की संख्या

नवगठित डॉ.मोहन यादव सरकार का बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार हो गया. लेकिन इसमें 2018 की तुलना में तीन गुना सीटें जिताकर भाजपा को सौंपने वाले ग्वालियर अंचल के हिस्से को कम तवज्जो मिली. इस प्रकार ग्वालियर अंचल को घाटा ही हुआ. इतना ही नहीं इस मंत्रिमंडल में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की ताकत कम हो गई. उनके मंत्रियों की संख्या घटकर आधी रह गई. MP news cabinet

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ग्वालियर चंबल अंचल के साथ ही सिंधिया को लगा झटका
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 26, 2023, 3:04 PM IST

ग्वालियर। ग्वालियर अंचल में अब तक थे 8 मंत्री, अब सिर्फ चार हैं. साल 2020 में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस में बड़ी बगावत हुई और कांग्रेस की कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई तो सिंधिया के समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होने के बाद बने मंत्रिमंडल में उनका दबदबा साफ नजर आया था. इस मंत्रिमंडल में हर जिले से इनका समर्थक मंत्री बना था. ग्वालियर अंचल से भाजपा से सिर्फ तीन नाम थे- डॉ. नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया और भारत सिंह लेकिन इस बार तीनों चुनाव हार गए. MP news cabinet

आधी रह गई मंत्रियों की संख्या : वहीं, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में मुरैना के एदल सिंह कंसाना भी शामिल हुए थे लेकिन उनकी गिनती सिंधिया समर्थकों में नहीं होती है, जबकि सिंधिया समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी सुमन, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गिर्राज दंडोतिया, ओपीएस भदौरिया, सुरेश राठखेड़ा, बृजेन्द्र सिंह यादव मंत्री थे. हालांकि उप चुनाव में इनमें से इमरती, कंसाना और गिर्राज उपचुनाव हार गए थे. फिर भी शिवराज सरकार में अंचल से आठ मंत्री थे. लेकिन मोहन मंत्रिमंडल में यह संख्या घटकर आधी रह गयी है. MP news cabinet

तोमर समर्थक कंसाना मंत्री बने : ग्वालियर अंचल से इस बार सिर्फ चार मंत्री बने हैं जिनमें सिर्फ प्रद्युम्न सिंह तोमर ही सिंधिया के समर्थक हैं. नारायण सिंह कुशवाह और राकेश शुक्ला पुराने भाजपाई हैं. इनमे भी कुशवाह पूर्व सीएम शिवराज सिंह और संघ से जुड़े हैं जबकि राकेश शुक्ला विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के कोटे से हैं. मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने वाले एक अन्य नेता मुरैना जिले की सुमावली से जीते एदल सिंह कंसाना को नरेंद्र तोमर और डॉ. नरोत्तम मिश्रा का समर्थक माना जाता है. MP news cabinet

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सिंधिया भी रहे घाटे में : सिंधिया के संसदीय क्षेत्र के जिले गुना, शिवपुरी और अशोकनगर से एक भी मंत्री नहीं बन सका. इसके अलावा उनके साथ कांग्रेस छोड़ने वाले डॉ. प्रभुराम चौधरी नई कैबिनेट में जगह नहीं बना सके जबकि राज्यवर्धन दत्ती गांव तो चुनाव ही हार गए. अंचल के बाहर सिर्फ सागर से गोविंद राजपूत और इंदौर से तुलसीराम सिलावट ही जगह बना सके. MP news cabinet

ग्वालियर। ग्वालियर अंचल में अब तक थे 8 मंत्री, अब सिर्फ चार हैं. साल 2020 में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस में बड़ी बगावत हुई और कांग्रेस की कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई तो सिंधिया के समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होने के बाद बने मंत्रिमंडल में उनका दबदबा साफ नजर आया था. इस मंत्रिमंडल में हर जिले से इनका समर्थक मंत्री बना था. ग्वालियर अंचल से भाजपा से सिर्फ तीन नाम थे- डॉ. नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया और भारत सिंह लेकिन इस बार तीनों चुनाव हार गए. MP news cabinet

आधी रह गई मंत्रियों की संख्या : वहीं, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में मुरैना के एदल सिंह कंसाना भी शामिल हुए थे लेकिन उनकी गिनती सिंधिया समर्थकों में नहीं होती है, जबकि सिंधिया समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी सुमन, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गिर्राज दंडोतिया, ओपीएस भदौरिया, सुरेश राठखेड़ा, बृजेन्द्र सिंह यादव मंत्री थे. हालांकि उप चुनाव में इनमें से इमरती, कंसाना और गिर्राज उपचुनाव हार गए थे. फिर भी शिवराज सरकार में अंचल से आठ मंत्री थे. लेकिन मोहन मंत्रिमंडल में यह संख्या घटकर आधी रह गयी है. MP news cabinet

तोमर समर्थक कंसाना मंत्री बने : ग्वालियर अंचल से इस बार सिर्फ चार मंत्री बने हैं जिनमें सिर्फ प्रद्युम्न सिंह तोमर ही सिंधिया के समर्थक हैं. नारायण सिंह कुशवाह और राकेश शुक्ला पुराने भाजपाई हैं. इनमे भी कुशवाह पूर्व सीएम शिवराज सिंह और संघ से जुड़े हैं जबकि राकेश शुक्ला विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के कोटे से हैं. मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने वाले एक अन्य नेता मुरैना जिले की सुमावली से जीते एदल सिंह कंसाना को नरेंद्र तोमर और डॉ. नरोत्तम मिश्रा का समर्थक माना जाता है. MP news cabinet

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