ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक बार फिर खतरनाक ड्रग एमडीएमए के मामले में जेल में पिछले 8 महीने से बंद तीन और आरोपियों को एक रुपए के निजी मुचलके पर जमानत का लाभ दिया है. साथ ही हाईकोर्ट ने पिछले अपने आदेश को बरकरार रखा है जिसमें मोहित तिवारी नामक आरोपी को हर्जाने के रूप में 10 लाख रुपए देने के आदेश कोर्ट ने प्रदेश के पुलिस मुखिया डीजीपी को दिए थे.
हाईकोर्ट ने दी जमानत: हाईकोर्ट ने इस मामले में पकड़े गए ड्रग की फॉरेंसिक रिपोर्ट तलब की थी जिसमें एफएसएल ने बताया था कि आरोपियों के कब्जे से बरामद कथित एमडीएमए ड्रग नशीला पदार्थ नहीं होकर बल्कि यह यूरिया है. इसे कोर्ट ने बेहद गंभीर पुलिसिया चूक माना और आरोपियों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मखोल बनाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ 2 महीने में कार्यवाही कर डीजीपी को रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे. वहीं हर्जाने के रूप में आरोपी को 10 लाख रुपए देने के आदेश भी दिए थे. इसी आदेश के प्रकाश में बुधवार को मुकेश दांगी रमेश दांगी और ह्रदेश कुशवाह को जमानत दिया और उन्हें एक रुपए के व्यक्तिगत मुचलके पर छोड़ने के आदेश दिए हैं.
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फंसे पुलिस अधिकारी: खास बात यह है कि कोर्ट ने डीजीपी को हर्जाने की राशि जांचकर्ता पुलिस अधिकारियों से वसूलने की स्वतंत्रता दी थी. जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में शासन की ओर से अपील की गई है. उल्लेखनीय है कि पिछले साल 6 सितंबर को मुरार पुलिस और क्राइम ब्रांच ने एक महिला सहित सात लोगों को 720 ग्राम एमडीएमए ड्रग के साथ गिरफ्तार किया था. पुलिस का कहना है कि यह खतरनाक ड्रग है और गोवा दिल्ली मुंबई एवं महानगरों में रेव पार्टियों में इस्तेमाल की जाती है. यहां पुलिस ने दावा किया था कि ग्वालियर में यह ड्रग पहली बार पकड़ी गई है.