ग्वालियर/जबलपुर/भोपाल/मुरैना। पूर्व मंत्री राजा पटेरिया पिछले 10 दस दिन से दमोह की जेल में बंद हैं. दमोह की हटा पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया था. मंगलवार को भी इस जमानत याचिका पर मामले पर सुनवाई होनी थी लेकिन केस डायरी नहीं आने के कारण यह सुनवाई बुधवार तक के लिए टल गई थी. सरकार की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक द्वारा अपने देश के प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल गंभीर मामला है.
सरकारी वकील ने किया जमानत देने का विरोध : सरकारी वकील ने कहा कि ऐसे में उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता. दमोह के हटा कस्बे में पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता राजा पटेरिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संविधान के लिए खतरा बताते हुए उनकी हत्या की बात कही थी. हालांकि उनके वकील ने इस वीडियो को एडिट वीडियो बताया था और पूरा वीडियो भी कोर्ट में पेश किया था. वहीं पूर्व मंत्री के अधिवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि इस मामले को अब विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट में सुना जाएगा. क्योंकि जांच के दौरान दो धाराएं बढ़ा दी गई हैं. इसलिए जमानत आवेदन गुरुवार को एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा. वहीं राजा पटेरिया के पुत्र ने कहा कि उन्हें न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है. उनके साथ न्याय होगा, ऐसी पूरी संभावना है.
डबल मनी मामले में पांच अभियुक्तों की जमानत निरस्त : नक्सल प्रभावित बालाघाट में डबल मनी मामले में मिली पांच अभियुक्तों की जमानत हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी है. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि कीड़े का डिब्बा खुल गया है, जिसे बंद करना समय की मांग है. एकलपीठ ने पुलिस अधीक्षक बालाघाट को निर्देशित किया है कि पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जाए. डबल मनी मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी सोमेन्द्र कन्करायने की जमानत निरस्त करने की राहत चाही गयी थी. पूर्व विधायक किशोर समरिते ने मुख्य आरोपी सहित पांच आरोपियों की जमानत निरस्त करने हाईकोर्ट में याचिका निरस्त की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि आरोपियों ने अल्प समय में राशि दोगना करने का प्रलोभन देकर बड़ी मात्रा में लोगों से राशि ली थी.
भोपाल सागर स्कूल के संचालक व प्रिंसिपल को नोटिस : जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भोपाल स्थित सागर पब्लिक स्कूल प्रबंधन द्वारा आधा वेतन काटे जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने संचालक व प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता अनिता पठोदिया की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि वह भोपाल स्थित सागर पब्लिक स्कूल में म्यूजिंग टीचर के पद पर पदस्थ थी. हाईकोर्ट ने 4 नवंबर को आदेश पारित किया था कि कोरोना काल में प्राइवेट स्कूलों के टीचर की सैलरी में 20 प्रतिशत से अधिक की कटौती नहीं की जाए. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता हितेंद्र गोहलानी ने पैरवी की.
भोपाल के भूमाफिया रमाकांत विजयवर्गीय को सजा : राजधानी भोपाल की जिला न्यायालय द्वारा एयरपोर्ट रोड पर पंचवटी कॉलोनी के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले रमाकांत विजयवर्गीय को 5 साल का कारावास और ₹50 हज़ार जुर्माने की सजा सुनाई गई है. हाई प्रोफाइल मामले में रमाकांत में खरीदारों के साथ ठगी की है. भूमाफिया रमाकांत विजयवर्गीय को राजधानी की कोहेफिजा थाना पुलिस ने इंदौर से दो साल पहले गिरफ्तार किया था. इंदौर में वह भेष बदल के रह रहा था. आरोपी रमाकांत विजयवर्गीय ने प्लॉट देने के नाम पर 160 करोड़ की धोखाधड़ी की थी. किसानों की जमीन पर काल्पनिक लेआउट बनाकर सैकड़ों लोगों को प्लॉट आवंटित कर ठगी की थी.
मुरैना में छात्रवृत्ति में घोटाला मामले 26 साल बाद सजा : मुरैना में छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में घोटाला मामले में 26 साल बाद विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के न्यायाधीश द्वारा फैसला सुनाया गया. एक आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास व डेढ़ लाख के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. राजेन्द्र शर्मा को दस वर्ष सश्रम कारावास भुगतना पड़ेगा. शासन की ओर से पैरवी इन्द्र सिंह गुर्जर ने की. उन्होंने बताया कि सन् 1995-96 में ततकालीन कलेक्टर राधेश्याम जुलानिया ने छात्रवृत्ति घोटाले की जानकारी होने पर जांच कराई थी. जिसमें सुरेश शर्मा, विकास खंड शिक्षा अधिकारी जे एस तोमर, मंडल संयोजक एनके नगाईच, जिला संयोजक आरके जैन, प्रधान अध्यापक राजेन्द्र शर्मा के विरुद्ध पुलिस कैलारस में अपराध दर्ज किया गया था.
MP High Court जिला न्यायालय अब अधीनस्थ न्यायपालिका की जगह जिला न्यायपालिका कहलाएगी
फर्जी मार्कशीट मामले में फैसला : मुरैना जिला न्यायालय के अष्टम अपर सत्र एवं पाक्सो न्यायाधीश की अदालत ने नाबालिग की फर्जी मार्कशीट बनाने के दो आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. अपर लोक अभियोजक रामभजन पाल के अनुसार 15 जून 2016 को उत्तमपुरा निवासी आरोपी भरत पचौरी पुत्र रामचरन जाटव एक नाबालिग किशोरी को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया. जिसके बाद कोतवाली ने आरोपी भरत पचौरी के खिलाफ बहला फुसलाकर कर अपहरण, दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. इसी बीच भरत कुमार नावालिग की मार्कशीट पेश की, लेकिन यह मार्कशीट फर्जी पाई गई. कोतवाली थाना पुलिस ने धाराओं में इजाफा करते हुए धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज तैयार करने का भी मामला दर्ज किया. इसी बीच किशोरी अपने बयानों से पलट गई. जिस पर जिला न्यायालय ने पाक्सो सहित अन्य धाराओं मे भरत पचौरी को दोषमुक्त कर दिया. लेकिन फर्जी मार्कशीट तैयार करने के मामले में दोषी करार दिया गया.