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Budget 2023: एमपी चेंबर ऑफ कॉमर्स की राय, सरकार साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए करे काम

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Published : Feb 1, 2023, 6:08 PM IST

केंद्र सरकार के आम बजट को लेकर MP की चेंबर ऑफ कॉमर्स की तरफ से सरकार को राय दी गई है. उनका कहना है कि, सरकार कैशलेस की ओर कदम बढ़ा रही है, लेकिन साइबर फ्रॉड को उनके लिए रोकना मुश्किल है.

MP Chamber of Commerce
एमपी चेंबर ऑफ कॉमर्स
एमपी चेंबर ऑफ कॉमर्स की राय

ग्वालियर। मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल का मानना है कि, देश के वर्तमान बजट से भले ही आयकर में थोड़ी बहुत राहत मिले लेकिन मंहगाई से राहत मिलने की उम्मीद नजर नही आ रही. क्योंकि डीजल और पेट्रोल की लगातार बढ़ती कीमतों को कम करने को लेकर बजट में कोई योजना शामिल नही की गई है. उन्होंने कहाकि बजट में कैशलेस को बढ़ावा देने के संकेत है. इससे व्यापारियों के साथ होने वाले फ्रॉड रोकने और नुकसान की भरपाई करने का कोई ठोस उपाय नही दिखा. इसी तरह युवाओं में उद्योग और व्यापार से हो रहे माइग्रेशन को रोकने और दस फीसदीऑनलाइन व्यापारियों के सामने नही टिक पा रहे नब्बे फीसदी व्यापारियों की चिंता दूर करने का भी कोई बन्दोवस्त बजट में नही दिखा.

पेट्रोल-डीजल को लेकर कोई ऐलान नही: डॉ. अग्रवाल ने कहा कि, अभी मेरी प्रतिक्रिया शुरुआती है. क्योंकि पूरा अध्ययन बाकी है. जो आयकर की सीमा पांच से बढ़ाकर 7 लाख की गई है. वह स्वागतयोग्य है. स्टार्टअप की समय सीमा बढ़ाना और एमएसएमई के कोष में वृद्धि करना भी स्वागतयोग्य कदम है. चेम्बर अध्यक्ष ने कहा कि, आमजन के हिसाब से बजट में कुछ खास नहीं दिखा. क्योंकि पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतों ने लोगों को परेशान कर रखा है. लोगों को इनकी कीमतों के नियंत्रण की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नही हुआ. अर्थात बजट से मंहगाई में कोई कमी होने का संकेत नही मिला.

सायबर क्राइम से कैसे बचाएगी सरकार: डॉ. अग्रवाल ने कहा कि, इस बजट के जरिए सरकार कैशलेस की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए नजर आई है. लेकिन सायबर क्राइम को रोकने के लिए कोई ठोस और इससे व्यापारियों और आमजन को होने वाली आर्थिक क्षति की रिकवरी की कोई ठोस व्यवस्था भी बजट में परिलक्षित नहीं हुई है. डॉ अग्रवाल ने कहा ना केवल एमपी पूरे हिंदुस्तान का व्यापारी व्यापार के आगे टिक नही पा है. ऑनलाईन व्यापार में बड़े पिलर है. उनको सरकार से भी बड़ी सुविधाएं मिल रही है. उत्पादकों से भी को सोचना पड़ेगा कि उसे दस प्रतिशत व्यापारियों को चिंता करना है या 90 व्यापारियों की? ये करोड़ों लोग स्वरोजगार को अपनाकर लाखो लोगों को रोजगार दे रहे हैं. अगर सरकार ने समय रहते चिंता नही की तो एक जैसी स्थिति बनेगी.

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व्यापारियों के लिए बने आपदा फंड: उन्होंने कहाकि, अगली पीढ़ी हमारे व्यापार और उद्योग में नही आ रही है. उसके कारणों पर भी जाना होगा. इसकी वजह उनके मन में बैठी असुरक्षा की भावना है. जिस प्रकार हर व्यक्ति के सामने आपदा विपदा आने पर सरकार सुरक्षा देती है. ऐसे ही व्यापारियों के लिए एक आपदा फंड बनाना होगा. जो ऐसे हालात होने पर उद्योगपति और व्यापारी को ब्याजमुक्त ऋण प्रदान करे और आसान किश्तों में इसकी वापिसी हो. इससे सरकार का खजाना यथावत रहेगा और उद्योगपति और व्यापारी भी पुनर्जीवित हो सकेगा. जो हमारी पीढ़ी उद्योग व्यापार से छिटक रही है, इसमे जो यूथ माइग्रेशन हो रहा है उसे इससे रोका जा सकेगा.

एमपी चेंबर ऑफ कॉमर्स की राय

ग्वालियर। मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल का मानना है कि, देश के वर्तमान बजट से भले ही आयकर में थोड़ी बहुत राहत मिले लेकिन मंहगाई से राहत मिलने की उम्मीद नजर नही आ रही. क्योंकि डीजल और पेट्रोल की लगातार बढ़ती कीमतों को कम करने को लेकर बजट में कोई योजना शामिल नही की गई है. उन्होंने कहाकि बजट में कैशलेस को बढ़ावा देने के संकेत है. इससे व्यापारियों के साथ होने वाले फ्रॉड रोकने और नुकसान की भरपाई करने का कोई ठोस उपाय नही दिखा. इसी तरह युवाओं में उद्योग और व्यापार से हो रहे माइग्रेशन को रोकने और दस फीसदीऑनलाइन व्यापारियों के सामने नही टिक पा रहे नब्बे फीसदी व्यापारियों की चिंता दूर करने का भी कोई बन्दोवस्त बजट में नही दिखा.

पेट्रोल-डीजल को लेकर कोई ऐलान नही: डॉ. अग्रवाल ने कहा कि, अभी मेरी प्रतिक्रिया शुरुआती है. क्योंकि पूरा अध्ययन बाकी है. जो आयकर की सीमा पांच से बढ़ाकर 7 लाख की गई है. वह स्वागतयोग्य है. स्टार्टअप की समय सीमा बढ़ाना और एमएसएमई के कोष में वृद्धि करना भी स्वागतयोग्य कदम है. चेम्बर अध्यक्ष ने कहा कि, आमजन के हिसाब से बजट में कुछ खास नहीं दिखा. क्योंकि पेट्रोल और रसोई गैस की कीमतों ने लोगों को परेशान कर रखा है. लोगों को इनकी कीमतों के नियंत्रण की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नही हुआ. अर्थात बजट से मंहगाई में कोई कमी होने का संकेत नही मिला.

सायबर क्राइम से कैसे बचाएगी सरकार: डॉ. अग्रवाल ने कहा कि, इस बजट के जरिए सरकार कैशलेस की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए नजर आई है. लेकिन सायबर क्राइम को रोकने के लिए कोई ठोस और इससे व्यापारियों और आमजन को होने वाली आर्थिक क्षति की रिकवरी की कोई ठोस व्यवस्था भी बजट में परिलक्षित नहीं हुई है. डॉ अग्रवाल ने कहा ना केवल एमपी पूरे हिंदुस्तान का व्यापारी व्यापार के आगे टिक नही पा है. ऑनलाईन व्यापार में बड़े पिलर है. उनको सरकार से भी बड़ी सुविधाएं मिल रही है. उत्पादकों से भी को सोचना पड़ेगा कि उसे दस प्रतिशत व्यापारियों को चिंता करना है या 90 व्यापारियों की? ये करोड़ों लोग स्वरोजगार को अपनाकर लाखो लोगों को रोजगार दे रहे हैं. अगर सरकार ने समय रहते चिंता नही की तो एक जैसी स्थिति बनेगी.

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व्यापारियों के लिए बने आपदा फंड: उन्होंने कहाकि, अगली पीढ़ी हमारे व्यापार और उद्योग में नही आ रही है. उसके कारणों पर भी जाना होगा. इसकी वजह उनके मन में बैठी असुरक्षा की भावना है. जिस प्रकार हर व्यक्ति के सामने आपदा विपदा आने पर सरकार सुरक्षा देती है. ऐसे ही व्यापारियों के लिए एक आपदा फंड बनाना होगा. जो ऐसे हालात होने पर उद्योगपति और व्यापारी को ब्याजमुक्त ऋण प्रदान करे और आसान किश्तों में इसकी वापिसी हो. इससे सरकार का खजाना यथावत रहेगा और उद्योगपति और व्यापारी भी पुनर्जीवित हो सकेगा. जो हमारी पीढ़ी उद्योग व्यापार से छिटक रही है, इसमे जो यूथ माइग्रेशन हो रहा है उसे इससे रोका जा सकेगा.

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