ग्वालियर। प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी की दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. बीजेपी के पूर्व संभागीय मीडिया प्रभारी सुबोध कुमार दुबे और किसान नेता सत्येंद्र गुर्जर ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. दोनों नेताओं ने पार्टी में कुछ ही लोगों का नियंत्रण होने का आरोप लगाते हुए निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा पर रोष जताया है. पांच साल पहले संभागीय मीडिया प्रभारी के पद से हटाए गए सुबोध दुबे ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि पार्टी में महत्वाकांक्षी नेताओं की भूमिका ज्यादा होने से उन जैसे कर्मठ और जमीनी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है.
पार्टी में तानाशाही बढ़ी : सुबोध कुमार दुबे ने खुद को हाशिए पर डाले रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपनी पीड़ा उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री और अन्य पदाधिकारियों के संज्ञान में लाए लेकिन सिर्फ उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. लिहाजा उन्होंने अब पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से ही इस्तीफा देने का फैसला किया है. कुछ इसी तरह के आरोप किसान मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सत्येंद्र सिंह गुर्जर ने भी लगाए हैं. मीडिया से मुखातिब होते हुए इन नेताओं ने कहा कि अब बीजेपी में तानाशाही बढ़ गई है.
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जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा : दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि पार्टी में दलित, शोषित आदिवासी और पिछड़े वर्ग का शोषण हो रहा है. जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है. पार्टी में कोई देखने सुनने वाला नहीं है. उन्होंने 20 साल तक भारतीय जनता पार्टी में सेवक की तरह काम किया है. लेकिन अब पार्टी में कुछ महत्वाकांक्षी नेताओं के आ जाने से उनके जैसे कर्मठ जमीनी कार्यकर्ताओं को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि वह फिलहाल किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होंगे.