ग्वालियर। ग्वालियर चंबल संभाग की 34 और जिले की छह विधानसभा सीटों के लिए चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के भाग्य आज ईवीएम में कैद हो गया. मतदान के दौरान मुरैना और भिण्ड जिले में हिंसा और मारपीट की कुछ घटनाओं को छोड़ दें तो मतदान शांतिपूर्ण रहा. इस मतदान में चौंकाने वाली बात रही बंपर वोटिंग. ग्वालियर जिले में औसत 70 फीसदी वोटर ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. अचानक बढ़े वोट प्रतिशत ने राजनेता और और राजनीतिक विश्लेषकों को असमंजस में डाल दिया. दूसरा चौंकाने वाला तथ्य ये रहा कि ग्रामीण क्षेत्रो में अधिक वोट डले, जबकि शहरी क्षेत्र में कम लोग वोट डालने पहुंचे. इस मतदान को लेकर हमारे ग्वालियर सहयोगी ने यह विश्लेषण भेजा है.
शाम 5 बजे तक का आंकड़ा:
14 ग्वालियर ग्रामीण पुरुष 70.70 महिला, 70.11-टोटल 70.43.
15 ग्वालियर पुरुष 62.74 महिला, 61.51 अन्य 0.09-टोटल 62.15
16 ग्वालियर पूर्व पुरुष 55.68, महिला 52.9- टोटल 54.38
17 ग्वालियर दक्षिण पुरुष 61.11, महिला 57.07-टोटल 59.16
18 भितरवार पुरुष 67.87, महिला 68.91, अन्य .50-टोटल 68.21
19 डबरा पुरुष 68.66, महिला 65.07-टोटल 66.96
शुरूआत में धीमा, बाद में मतदान ने पकड़ी रफ्तार: ग्वालियर चंबल संभाग में सुबह मतदान की शुरुआत हुई तो गुलाबी सर्दी के बीच लोगों का रुझान कम देखने को मिला, लेकिन जैसे-जैसे सूरज निकलता गया, वैसे ही मतदाता घर से बाहर निकाल कर मतदान केंद्र तक पहुंचने लगे. लगभग 10:00 के बाद मतदाता अधिक संख्या में बाहर निकलने लगे और उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इसके साथ ही महिला व युवाओं की संख्या भी कम नहीं रही. वह भी इस लोकतंत्र के महापर्व में अपनी आहुति देने में सबसे आगे रहे. ठीक शाम 6:00 बजे तक ग्वालियर में वोटिंग परसेंट का लगभग 70 के ऊपर पहुंच गया गया.
कई जगह शांतिपूर्ण तो कहीं हुई फायरिंग: ग्वालियर चंबल संभाग में सिर्फ मुरैना और भिंड जिले को छोड़कर सभी जिलों में मतदान लगभग शांतिपूर्ण रहा. मुरैना की दिमनी विधानसभा सीट जहां से बीजेपी उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हैं. इस विधानसभा में जमकर फायरिंग और पथराव की घटनाएं सामने आई है. सुबह जब मतदान की शुरुआत हुआ तो उसके बाद यहां पर दो विशेष जाति समुदाय के बीच पथराव हुआ. उसके बाद जमकर फायरिंग हुई. सूचना मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक सहित पुलिस फोर्स पहुंच गया और उसके बाद मतदान शुरू कराया गया.
दिमनी में मतदान के बीच हिंसा: दिमनी विधानसभा में मतदान क्रमांक 147, 148 पर हुए पथराव में एक मतदाता घायल हो गया. जिसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया. थोड़ी देर बाद फिर इसी पोलिंग बूथ पर गोलियां चली. जिसमें तीन से चार अन्य लोग घायल हो गए. ग्रामीणों ने आरोप लगाया के मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के इशारे पर गुंडागर्दी हो रही है. वहीं महिलाओं ने भी आरोप लगाया की गोलियां चल रही है और वोट नहीं डालने दे रहे हैं. इसके बाद मुरैना की जौरा विधानसभा में भी काफी उपद्रव देखने को मिला. जौरा विधानसभा के खिडोरा गांव में वह उपद्रवियों ने पत्थर फेंके. पत्थरबाजी के कारण मतदान पूरी तरह से प्रभावित हो गया.
वहीं भिंड जिले में भी गोली, उपद्रव, पथराव की घटनाएं सामने आई है. उपद्रव होने के कारण भिंड, लहार और अटेर विधानसभा के बीजेपी कांग्रेस और बसपा प्रत्याशियों को प्रशासन ने नजरबंद किया. साथ ही अटेर के बढ़पुरा गांव में जमकर फायरिंग देखने को मिली. वही मेहगांव विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी राकेश शुक्ला पर हमला किया गया. जिसके कारण वह घायल हो गए.
कांग्रेस प्रत्याशी ने तोमर पर लगाए आरोप: वहीं ग्वालियर में मतदान पूरी तरह शांतिपूर्वक रहा. कुछ छोटी-मोटी घटनाएं जरूर हुई. जिसमें ग्वालियर विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार सुनील शर्मा ने मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके कार्यकर्ता की मारपीट की है. इसके अलावा ग्वालियर में दिन भर शांतिपूर्ण मतदान रहा. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मतदान किया तो वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर वोट डाला. इसके अलावा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, मंत्री भारत सिंह कुशवाहा, पूर्व मंत्री माया सिंह, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के अलावा कई बड़े राजनेताओं ने यहां मतदान किया. सबसे खास बात यह है ग्वालियर में मतदान में लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. पूरे जिले में बंपर वोटिंग हुई. जिसके कारण पार्टियों की नींद उड़ी है.
ग्वालियर में शाम 5 बजे तक 70 फीसदी मतदान: वहीं ग्वालियर में बढ़ते वोटिंग परसेंट को देखते हुए सभी उम्मीदवारों की परेशानियां बढ़ी हुई, क्योंकि वोटिंग परसेंट के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार ग्वालियर जिले में बंपर वोटिंग हुई. शाम 5:00 बजे तक आंकड़ा 70 फीसदी के आसपास पहुंच गया है. वरिष्ठ पत्रकार देवश्री माली ने बताया है कि ग्वालियर में बढ़ते वोटिंग परसेंट को लेकर उम्मीदवार और पार्टी काफी चिंता में है. इसके अलावा इस विधानसभा चुनाव में सबसे खास बात यह रही की अबकी बार साइलेंट होकर मतदाताओं ने अपना वोट डाला है. वही इस बार मतदाताओं का कहना है कि वह राष्टहित, बेरोजगारी और रोजगार को लेकर वोट कर रहे हैं.
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दांव पर दिग्गजों की साख: बता दें अब की बार ग्वालियर चंबल संभाग में के दिग्गजों की साख दांव पर लगी है. जिसमें सबसे ऊपर नाम केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य से लिया जाता है, क्योंकि इस बार पार्टी ने ग्वालियर चंबल अंचल में उन्हें पूरी छूट दे रखी थी और उन्होंने लगातार अंचल में ताबड़तोड़ रैलियां आम सभाएं की. अगर ग्वालियर चंबल अंचल से बीजेपी बहुपद में आती है तो इसका श्रेय किसे दिया जाएगा और अगर यहां कांग्रेस 2018 के परिणाम को रिपीट करती है, तो इसका असर सिंधिया के राजनीतिक कैरियर पर भी पड़ेगा. अब इसकी तस्वीर 3 दिसंबर को सामने आएगी. इस ग्वालियर चंबल अंचल में सिंधिया का जादू चला या फिर कांग्रेस बाजी मारेगी.