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चंबल अंचल से किसे मिलेगी MP में सत्ता की चाबी! जानिए रविदास जयंती पर बीजेपी और कांग्रेस की प्लानिंग - ट्रेंडिंग स्टोरी एमपी

MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद के बिना सरकार बनाना किसी के बूते की बात नहीं, यह हम नहीं प्रदेश की सियासत इस बात की गवाह है. लेकिन अबकी बार ग्वालियर चंबल-अंचल से किसे मिलेगी MP में सत्ता की चाबी.? ये बड़ा सवाल है.

MP Assembly Election 2023
एमपी विधानसभा चुनाव 2023
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Published : Feb 4, 2023, 6:46 PM IST

Updated : Feb 4, 2023, 8:48 PM IST

ग्वालियर। पांच फरवरी को संत रविदास जयंती है. इस मौके पर बीजेपी और कांग्रेस अबकी बार रविदास जयंती को मनाने के लिए ग्वालियर पहुंच रही है. रविदास जयंती के मौके पर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भिण्ड तो कांग्रेस चीफ कमलनाथ ग्वालियर में उन्हें नमन करेंगे, लेकिन यह सबको पता है किस रविदास जयंती मनाना तो सिर्फ इन दोनों दलों के लिए बहाना है. असल में जयंती के मौके पर बीजेपी और कांग्रेस आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शक्ति प्रदर्शन के लिए एकजुट हो रहे हैं. क्योंकि, आगामी कुछ माह बाद होने वाले प्रदेश के विधानसभा चुनावों में 2018 की तरह हार जीत के भय ने सियासी दलों को हिलाकर रख दिया है. अंदाजा यही है कि, अबकी बार मध्य प्रदेश में सत्ता की चाबी ग्वालियर चंबल अंचल से ही मिलेगी.

दलितों को साधे रखने की कोशिश: बता दे कल 5 फरवरी को रविदास जयंती के बहाने कांग्रेस और बीजेपी अंचल में अपना चुनावी अभियान शुरू करने जा रही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पूरा दिन मुरैना और ग्वालियर में बिताएंगे. पहला मौका है जब वे इतना लंबा वक्त अंचल में गुजारेंगे. वे इस दौरान शादी, समारोह और शोक के बहाने अनेक नेताओं के घर जाएंगे. साथ ही ग्वालियर पूर्व विधानसभा में विभिन्न समाजों के प्रतिनिधिमंडलों से भेंट और मुलाकातें करेंगे. यह वही इलाका है जब 2018 में दलित और सवर्ण संघर्ष हुआ था. इसके बाद यह विवाद पूरे चम्बल-ग्वालियर अंचल में फैल गया था. जिसका खामियाजा पूरे संभाग में बीजेपी को भुगतना पड़ा था. बीजेपी अंचल की 34 में से महज 6 सीट ही जीत सकी थी. अब कांग्रेस ने उसी इलाके में रविदास जयंती मनाने का निर्णय लेकर दलितों को साधे रखने की कोशिश की है.

ये नेता करेंगे शिरकत: बीजेपी ने इसके मुकाबले का जिम्मा केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपा है. सिंधिया ग्वालियर आएंगे और लक्ष्मण तलैया इलाके में स्थित दलित बस्ती में आयोजित रविदास जयंती के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दोपहर में भिण्ड पहुंच जाएंगे और वहां चम्बल संभाग की विकास यात्राओं का शुभारम्भ करेंगे. यहां करोड़ों के निर्माण कार्यों के भूमिपूजन और लोकार्पण करेंगे. यह आयोजन भी संत रविदास जयंती पर आयोजित हो रहा है. सीएम शाम को ग्वालियर आएंगे और RSS द्वारा संचालित हॉस्पीटल में कैथ लेब का उदघाटन करेंगे. इसमें सिंधिया और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर भी शिरकत करेंगे.

गिर गई थी जमी-जमाई सरकार: ग्वालियर चंबल अच्छे में लगातार ओबीसी, एसटी, एससी वर्ग के विरोध प्रदर्शन के कारण बीजेपी घबराई हुई है. 2018 में हवा एकदम पलट जाने के चलते बीजेपी की पन्द्रह साल की जमी जमाई सरकार एकदम भरभराकर गिर पड़ी थी. वनवास झेल रही कांग्रेस की झोली में जा गिरी थी. कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बन भी गयी थी, लेकिन लोकसभा चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया की पराजय ने उनका मूड ऑफ कर दिया और इसका खामियाजा कमलनाथ की सरकार को भुगतना पड़ा. सिंधिया समर्थक विधायकों के एक-साथ दलबदल ने कमलनाथ की सरकार गिराकर एक बार फिर शिवराज सिंह की ताजपोशी कर दी, लेकिन तब से हालात सुधरे ऐसा नजर नही आया.

बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने: अब रविदास जयंती के मौके पर बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज यहां पर एकजुट हो रहे हैं. और कांग्रेस की तरफ से पीसीसी चीफ कमलनाथ यहां पर रविवार को डेरा डालेंगे और हजारों की संख्या में एक आम सभा को संबोधित करेंगे. साथ ही अपने कार्यकर्ताओं की घर घर जाकर उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पूर्ण रूप से प्रेरित करेंगे. बीजेपी की तरफ से ग्वालियर चंबल अंचल है. विकास यात्रा का शुभारंभ करने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित तमाम बड़े मंत्री शामिल होंगे. अब इसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस लगातार आमने-सामने है.

बरैया ने साधा निशाना: कांग्रेस की तरफ से बड़े दलित नेता फूल सिंह बरैया का कहना है कि, संत रविदास जी की जयंती अगर बीजेपी मना रही है तो ऐसा मानता हूं कि जैसे चिड़िया को दाना डाला जाता है. उस समय शिकारी भी दाना डालता है और चिड़िया को दाना एक मालिक भी डालता है. चिड़िया को यह देखना है कि शिकारी का गाना कौन सा है. इसका आशय यह है कि बीजेपी के द्वारा रविदास जयंती मनाना एक तरह से शिकारी का दाना है. और यह दाना चिड़िया को हलाल करेगा. वहीं कांग्रेस नेता के बयान पर प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि, कांग्रेस को आठ याद क्यों आ रही है. उनसे पूछो कि बाबा भीमराव अंबेडकर भवन किसने बनवाया और और संत रविदास जी की जयंती को हम पंचायत स्तर पर मना रहे हैं. कांग्रेस सिर्फ झूठा दिखावा करने में लगी हुई है.
MP BJP Vikas Yatra: कांग्रेस ने बीजेपी को बताया शिकारी, कहा- जनता को दाना डालकर करते हैं हलाल
नेताओं का शक्ति प्रदर्शन: यही कारण है कि, कल रविदास जयंती पर बीजेपी और कांग्रेस ग्वालियर मैं अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. कांग्रेस के समर्थक विधायकों और तमाम बड़े नेता हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठी करने के लिए घर घर जा रहे हैं तो वहीं बीजेपी की तरफ से भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है. बीजेपी की तरफ से खुद मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित ग्वालियर चंबल अंचल की मंत्री दिनभर कार्यक्रमों में व्यस्त रहेंगे तो वही कांग्रेस की तरफ से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ सहित कांग्रेस के बड़े नेता ग्वालियर में रविदास जयंती के मौके पर अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे. अब देखना होगा कि, आगामी विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल की जनता सत्ता की चाबी किसको सौंपती है.

ग्वालियर। पांच फरवरी को संत रविदास जयंती है. इस मौके पर बीजेपी और कांग्रेस अबकी बार रविदास जयंती को मनाने के लिए ग्वालियर पहुंच रही है. रविदास जयंती के मौके पर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भिण्ड तो कांग्रेस चीफ कमलनाथ ग्वालियर में उन्हें नमन करेंगे, लेकिन यह सबको पता है किस रविदास जयंती मनाना तो सिर्फ इन दोनों दलों के लिए बहाना है. असल में जयंती के मौके पर बीजेपी और कांग्रेस आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शक्ति प्रदर्शन के लिए एकजुट हो रहे हैं. क्योंकि, आगामी कुछ माह बाद होने वाले प्रदेश के विधानसभा चुनावों में 2018 की तरह हार जीत के भय ने सियासी दलों को हिलाकर रख दिया है. अंदाजा यही है कि, अबकी बार मध्य प्रदेश में सत्ता की चाबी ग्वालियर चंबल अंचल से ही मिलेगी.

दलितों को साधे रखने की कोशिश: बता दे कल 5 फरवरी को रविदास जयंती के बहाने कांग्रेस और बीजेपी अंचल में अपना चुनावी अभियान शुरू करने जा रही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पूरा दिन मुरैना और ग्वालियर में बिताएंगे. पहला मौका है जब वे इतना लंबा वक्त अंचल में गुजारेंगे. वे इस दौरान शादी, समारोह और शोक के बहाने अनेक नेताओं के घर जाएंगे. साथ ही ग्वालियर पूर्व विधानसभा में विभिन्न समाजों के प्रतिनिधिमंडलों से भेंट और मुलाकातें करेंगे. यह वही इलाका है जब 2018 में दलित और सवर्ण संघर्ष हुआ था. इसके बाद यह विवाद पूरे चम्बल-ग्वालियर अंचल में फैल गया था. जिसका खामियाजा पूरे संभाग में बीजेपी को भुगतना पड़ा था. बीजेपी अंचल की 34 में से महज 6 सीट ही जीत सकी थी. अब कांग्रेस ने उसी इलाके में रविदास जयंती मनाने का निर्णय लेकर दलितों को साधे रखने की कोशिश की है.

ये नेता करेंगे शिरकत: बीजेपी ने इसके मुकाबले का जिम्मा केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपा है. सिंधिया ग्वालियर आएंगे और लक्ष्मण तलैया इलाके में स्थित दलित बस्ती में आयोजित रविदास जयंती के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह दोपहर में भिण्ड पहुंच जाएंगे और वहां चम्बल संभाग की विकास यात्राओं का शुभारम्भ करेंगे. यहां करोड़ों के निर्माण कार्यों के भूमिपूजन और लोकार्पण करेंगे. यह आयोजन भी संत रविदास जयंती पर आयोजित हो रहा है. सीएम शाम को ग्वालियर आएंगे और RSS द्वारा संचालित हॉस्पीटल में कैथ लेब का उदघाटन करेंगे. इसमें सिंधिया और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर भी शिरकत करेंगे.

गिर गई थी जमी-जमाई सरकार: ग्वालियर चंबल अच्छे में लगातार ओबीसी, एसटी, एससी वर्ग के विरोध प्रदर्शन के कारण बीजेपी घबराई हुई है. 2018 में हवा एकदम पलट जाने के चलते बीजेपी की पन्द्रह साल की जमी जमाई सरकार एकदम भरभराकर गिर पड़ी थी. वनवास झेल रही कांग्रेस की झोली में जा गिरी थी. कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बन भी गयी थी, लेकिन लोकसभा चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया की पराजय ने उनका मूड ऑफ कर दिया और इसका खामियाजा कमलनाथ की सरकार को भुगतना पड़ा. सिंधिया समर्थक विधायकों के एक-साथ दलबदल ने कमलनाथ की सरकार गिराकर एक बार फिर शिवराज सिंह की ताजपोशी कर दी, लेकिन तब से हालात सुधरे ऐसा नजर नही आया.

बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने: अब रविदास जयंती के मौके पर बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज यहां पर एकजुट हो रहे हैं. और कांग्रेस की तरफ से पीसीसी चीफ कमलनाथ यहां पर रविवार को डेरा डालेंगे और हजारों की संख्या में एक आम सभा को संबोधित करेंगे. साथ ही अपने कार्यकर्ताओं की घर घर जाकर उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पूर्ण रूप से प्रेरित करेंगे. बीजेपी की तरफ से ग्वालियर चंबल अंचल है. विकास यात्रा का शुभारंभ करने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित तमाम बड़े मंत्री शामिल होंगे. अब इसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस लगातार आमने-सामने है.

बरैया ने साधा निशाना: कांग्रेस की तरफ से बड़े दलित नेता फूल सिंह बरैया का कहना है कि, संत रविदास जी की जयंती अगर बीजेपी मना रही है तो ऐसा मानता हूं कि जैसे चिड़िया को दाना डाला जाता है. उस समय शिकारी भी दाना डालता है और चिड़िया को दाना एक मालिक भी डालता है. चिड़िया को यह देखना है कि शिकारी का गाना कौन सा है. इसका आशय यह है कि बीजेपी के द्वारा रविदास जयंती मनाना एक तरह से शिकारी का दाना है. और यह दाना चिड़िया को हलाल करेगा. वहीं कांग्रेस नेता के बयान पर प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि, कांग्रेस को आठ याद क्यों आ रही है. उनसे पूछो कि बाबा भीमराव अंबेडकर भवन किसने बनवाया और और संत रविदास जी की जयंती को हम पंचायत स्तर पर मना रहे हैं. कांग्रेस सिर्फ झूठा दिखावा करने में लगी हुई है.
MP BJP Vikas Yatra: कांग्रेस ने बीजेपी को बताया शिकारी, कहा- जनता को दाना डालकर करते हैं हलाल
नेताओं का शक्ति प्रदर्शन: यही कारण है कि, कल रविदास जयंती पर बीजेपी और कांग्रेस ग्वालियर मैं अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. कांग्रेस के समर्थक विधायकों और तमाम बड़े नेता हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठी करने के लिए घर घर जा रहे हैं तो वहीं बीजेपी की तरफ से भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है. बीजेपी की तरफ से खुद मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित ग्वालियर चंबल अंचल की मंत्री दिनभर कार्यक्रमों में व्यस्त रहेंगे तो वही कांग्रेस की तरफ से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ सहित कांग्रेस के बड़े नेता ग्वालियर में रविदास जयंती के मौके पर अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे. अब देखना होगा कि, आगामी विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल की जनता सत्ता की चाबी किसको सौंपती है.

Last Updated : Feb 4, 2023, 8:48 PM IST
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