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चंबल अंचल में बीजेपी के लिए बढ़ी मुसीबत, OBC, SC और ST सरकार के खिलाफ बना रहे यह रणनीति

ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी और उनके मंत्रियों को घेरने की तैयारियां शुरू हो गई है. अंचल में एससी और एसटी वर्ग के समर्थन में ओबीसी महासभा लगातार बीजेपी के विरोध में प्रदर्शन और रणनीतियां बनाने में लगी है. यही कारण है कि अब अंचल में ओबीसी महासभा बीजेपी के लिए मुसीबत बनती जा रही है.

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चंबल अंचल में बीजेपी के लिए बढ़ी मुसीबत
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Published : Dec 23, 2022, 8:51 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में आगामी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं, लेकिन इससे पहले ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी और उनके मंत्रियों को घेरने की तैयारियां शुरू हो गई है. अंचल में एससी और एसटी वर्ग के समर्थन में ओबीसी महासभा लगातार बीजेपी के विरोध में प्रदर्शन और रणनीतियां बनाने में लगी है. यही कारण है कि अब अंचल में ओबीसी महासभा बीजेपी के लिए मुसीबत बनती जा रही है. अंचल में लगातार ओबीसी महासभा द्वारा हो रहे प्रदर्शन और विरोध को लेकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि अंचल में साल 2018 जैसे परिणाम फिर से शिवराज सरकार के लिए मुसीबत बन जाए.

शिवराज को मंत्रियों की चिंता: बता दें जैसे जैसे मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे ही ग्वालियर चंबल अंचल में आंदोलन और प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं. इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में शिवराज सरकार की नीतियों के विरोध में ओबीसी महासभा लगातार विरोध प्रदर्शन करने में लगा हुआ है. इस ओबीसी महासभा के साथ एससी और एसटी वर्ग भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहा है. यही कारण है कि अंचल में शिवराज सरकार को उनके मंत्रियों की चिंता तेज होने लगी है. अब शिवराज सरकार को यह चिंता सताने लगी है कि साल 2018 में जिस तरीके से अंचल में सवर्ण आंदोलन बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया था, उसी तरीके से यह ओबीसी महासभा कहीं आगामी विधानसभा चुनाव में मुसीबत ना बन जाए.

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केंद्रीय मंत्री तोमर के गृह जिले में विरोध: हाल में ही ओबीसी महासभा के हजारों कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र श्योपुर जिले में एक महापंचायत का ऐलान किया था. जिसमें एससी, एसटी वर्ग सहित ओबीसी वर्ग के हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए थे. इस महापंचायत में भगवा झंडा की होली जलाई गई. साथ ही यह शपथ दिलाई गई कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को हराना है. इसके बाद तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना में कुशवाहा समाज के समर्थन में ओबीसी महासभा ने हजारों की संख्या में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. साथ ही केंद्र मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुर्दाबाद के नारे लगाए. वहीं उन्होंने ऐलान किया कि आगामी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का चंबल अंचल से सूपड़ा साफ कर देंगे.

कांग्रेस के खिलाफ SC,ST और OBC: गौरतलब है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में इस तरह का ही नजारा देखने को मिला था. अंचल में सवर्ण आंदोलन के चलते शिवराज सरकार को काफी विरोध झेलना पड़ा था और इसका नतीजा यह हुआ कि जब विधानसभा के चुनाव हुए तो उस समय ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया और शिवराज सरकार को कुर्सी गंवानी पड़ी. ऐसा ही नजारा अब देखने को मिल रहा है क्योंकि एससी एसटी और ओबीसी वर्ग एकजुट होकर सरकार के विरोध में लगातार प्रदर्शन और बैठकें करने में लगा हुआ है. इसको लेकर बीजेपी के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर कहना है कि चुनावों में जाति गत राजनीति करने से कोई फायदा नहीं होता है क्योंकि शिवराज सरकार हर वर्ग के लिए लगातार अच्छे कार्य कर रही है. वहीं कांग्रेस के विधायक प्रवीण पाठक का कहना है कि अब मध्यप्रदेश के शिवराज सरकार की विदाई का समय हो गया है, क्योंकि जिस तरीके से लगातार शिवराज सरकार में लोगों के साथ भेदभाव और गरीब लोगों पर अत्याचार हो रहा है. जो उन्हें जनता से झूठे वादे किए थे, वह अब सबके सामने आ रहे हैं, इसलिए अब हर वर्ग मध्यप्रदेश में बीजेपी की विदाई के लिए तैयार हो चुका है.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में आगामी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं, लेकिन इससे पहले ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी और उनके मंत्रियों को घेरने की तैयारियां शुरू हो गई है. अंचल में एससी और एसटी वर्ग के समर्थन में ओबीसी महासभा लगातार बीजेपी के विरोध में प्रदर्शन और रणनीतियां बनाने में लगी है. यही कारण है कि अब अंचल में ओबीसी महासभा बीजेपी के लिए मुसीबत बनती जा रही है. अंचल में लगातार ओबीसी महासभा द्वारा हो रहे प्रदर्शन और विरोध को लेकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि अंचल में साल 2018 जैसे परिणाम फिर से शिवराज सरकार के लिए मुसीबत बन जाए.

शिवराज को मंत्रियों की चिंता: बता दें जैसे जैसे मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे ही ग्वालियर चंबल अंचल में आंदोलन और प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं. इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में शिवराज सरकार की नीतियों के विरोध में ओबीसी महासभा लगातार विरोध प्रदर्शन करने में लगा हुआ है. इस ओबीसी महासभा के साथ एससी और एसटी वर्ग भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहा है. यही कारण है कि अंचल में शिवराज सरकार को उनके मंत्रियों की चिंता तेज होने लगी है. अब शिवराज सरकार को यह चिंता सताने लगी है कि साल 2018 में जिस तरीके से अंचल में सवर्ण आंदोलन बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया था, उसी तरीके से यह ओबीसी महासभा कहीं आगामी विधानसभा चुनाव में मुसीबत ना बन जाए.

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केंद्रीय मंत्री तोमर के गृह जिले में विरोध: हाल में ही ओबीसी महासभा के हजारों कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र श्योपुर जिले में एक महापंचायत का ऐलान किया था. जिसमें एससी, एसटी वर्ग सहित ओबीसी वर्ग के हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए थे. इस महापंचायत में भगवा झंडा की होली जलाई गई. साथ ही यह शपथ दिलाई गई कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को हराना है. इसके बाद तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना में कुशवाहा समाज के समर्थन में ओबीसी महासभा ने हजारों की संख्या में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. साथ ही केंद्र मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुर्दाबाद के नारे लगाए. वहीं उन्होंने ऐलान किया कि आगामी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का चंबल अंचल से सूपड़ा साफ कर देंगे.

कांग्रेस के खिलाफ SC,ST और OBC: गौरतलब है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में इस तरह का ही नजारा देखने को मिला था. अंचल में सवर्ण आंदोलन के चलते शिवराज सरकार को काफी विरोध झेलना पड़ा था और इसका नतीजा यह हुआ कि जब विधानसभा के चुनाव हुए तो उस समय ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया और शिवराज सरकार को कुर्सी गंवानी पड़ी. ऐसा ही नजारा अब देखने को मिल रहा है क्योंकि एससी एसटी और ओबीसी वर्ग एकजुट होकर सरकार के विरोध में लगातार प्रदर्शन और बैठकें करने में लगा हुआ है. इसको लेकर बीजेपी के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर कहना है कि चुनावों में जाति गत राजनीति करने से कोई फायदा नहीं होता है क्योंकि शिवराज सरकार हर वर्ग के लिए लगातार अच्छे कार्य कर रही है. वहीं कांग्रेस के विधायक प्रवीण पाठक का कहना है कि अब मध्यप्रदेश के शिवराज सरकार की विदाई का समय हो गया है, क्योंकि जिस तरीके से लगातार शिवराज सरकार में लोगों के साथ भेदभाव और गरीब लोगों पर अत्याचार हो रहा है. जो उन्हें जनता से झूठे वादे किए थे, वह अब सबके सामने आ रहे हैं, इसलिए अब हर वर्ग मध्यप्रदेश में बीजेपी की विदाई के लिए तैयार हो चुका है.

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