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ट्रफ लाइन उत्तर में शिफ्ट होने से बारिश पर लगा ब्रेक, उमस और गर्मी से लोग हुए बेहाल

मानसून की ट्रफ लाइन उत्तर में शिफ्ट होने के चलते ग्वालियर में हो रही बारिश पर ब्रेक लग गया है. जिसकी वजह से लोग गर्मी और उमस से परेशान हैं.

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Published : Jul 8, 2020, 5:12 PM IST

gwalior weather report
ग्वालियर में मौसम का हाल

ग्वालियर। शहर में मंगलवार की रात को हुई बारिश पर बुधवार को कुछ ब्रेक लगा है. दोपहर में तेज धूप निकलने से लोग गर्मी और उमस से बेहाल हो गए हैं. मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि गुरूवार को अच्छी बारिश के आसार हैं. इसके बाद तीन या चार दिन का बारिश पर ब्रेक रहेगा. लेकिन 14 जुलाई से एक बार फिर ग्वालियर चंबल अंचल में अच्छी बारिश के आसार हैं.

ग्वालियर में मौसम का हाल

ग्वालियर में अभी तक 81 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. जो अब तक की एवरेज बारिश यानी 111 मिलीमीटर से लगभग 30 मिलीमीटर कम है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मानसून की ट्रफ लाइन जो बंगाल की खाड़ी से बनी थी वह उत्तर की तरफ शिफ्ट हो गई है. जिसके कारण तेज बारिश के आसार नहीं बन रहे हैं. इस बीच धूप में तल्खी होने से पारा अचानक बढ़ गया है. दोपहर 2:30 बजे 33 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया. वहीं आद्रता 83 फीसदी रही. जो सामान्य से 16 फीसदी ज्यादा है. बारिश के रुकने से गर्मी अपना असर दिखाने लगी है.

मौसम के इस मिजाज से लोग उमस और गर्मी से परेशान रह सकते हैं. गौरतलब है कि ग्वालियर चंबल अंचल में मानसून लगभग 20 जून से सक्रिय हो जाता है, लेकिन इस बार मानसून देरी से सक्रिय हुआ है. 15 दिन के बाद आए मानसून से लोगों को मंगलवार से 2 दिन अच्छी बारिश की उम्मीद बंधी थी. मंगलवार को 26 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. इससे पहले मौसम विभाग ने जुलाई के महीने में अच्छी बारिश की उम्मीद जताई थी. लेकिन ट्रफ लाइन उत्तर में शिफ्ट होने के कारण बारिश पर अचानक ब्रेक लग गया है.

क्या होती है मानसून की ट्रफ लाइन

पाकिस्तान व राजस्थान के बीच के क्षेत्र में जब लो प्रेशर सिस्टम बनता है, तब उससे निकलने वाली रेखा ट्रफ लाइन कहलाती है. ये लाइन अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी के साथ दोनों ओर से हवाएं खींचती है. इस वजह से मानसून सक्रिय होता है.

एमपी में ट्रफ लाइन का महत्व

मानसून की ट्रफ लाइन राजस्थान से होकर मध्यप्रदेश के सागर, जबलपुर, छत्तीसगढ़ और ओडिशा होती हुई जब बंगाल की खाड़ी तक जाती है, तब मध्यप्रदेश में मानसून पूरे शबाब पर होता है और इसी दौरान बारिश होती है.

ग्वालियर। शहर में मंगलवार की रात को हुई बारिश पर बुधवार को कुछ ब्रेक लगा है. दोपहर में तेज धूप निकलने से लोग गर्मी और उमस से बेहाल हो गए हैं. मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि गुरूवार को अच्छी बारिश के आसार हैं. इसके बाद तीन या चार दिन का बारिश पर ब्रेक रहेगा. लेकिन 14 जुलाई से एक बार फिर ग्वालियर चंबल अंचल में अच्छी बारिश के आसार हैं.

ग्वालियर में मौसम का हाल

ग्वालियर में अभी तक 81 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. जो अब तक की एवरेज बारिश यानी 111 मिलीमीटर से लगभग 30 मिलीमीटर कम है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मानसून की ट्रफ लाइन जो बंगाल की खाड़ी से बनी थी वह उत्तर की तरफ शिफ्ट हो गई है. जिसके कारण तेज बारिश के आसार नहीं बन रहे हैं. इस बीच धूप में तल्खी होने से पारा अचानक बढ़ गया है. दोपहर 2:30 बजे 33 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया. वहीं आद्रता 83 फीसदी रही. जो सामान्य से 16 फीसदी ज्यादा है. बारिश के रुकने से गर्मी अपना असर दिखाने लगी है.

मौसम के इस मिजाज से लोग उमस और गर्मी से परेशान रह सकते हैं. गौरतलब है कि ग्वालियर चंबल अंचल में मानसून लगभग 20 जून से सक्रिय हो जाता है, लेकिन इस बार मानसून देरी से सक्रिय हुआ है. 15 दिन के बाद आए मानसून से लोगों को मंगलवार से 2 दिन अच्छी बारिश की उम्मीद बंधी थी. मंगलवार को 26 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. इससे पहले मौसम विभाग ने जुलाई के महीने में अच्छी बारिश की उम्मीद जताई थी. लेकिन ट्रफ लाइन उत्तर में शिफ्ट होने के कारण बारिश पर अचानक ब्रेक लग गया है.

क्या होती है मानसून की ट्रफ लाइन

पाकिस्तान व राजस्थान के बीच के क्षेत्र में जब लो प्रेशर सिस्टम बनता है, तब उससे निकलने वाली रेखा ट्रफ लाइन कहलाती है. ये लाइन अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी के साथ दोनों ओर से हवाएं खींचती है. इस वजह से मानसून सक्रिय होता है.

एमपी में ट्रफ लाइन का महत्व

मानसून की ट्रफ लाइन राजस्थान से होकर मध्यप्रदेश के सागर, जबलपुर, छत्तीसगढ़ और ओडिशा होती हुई जब बंगाल की खाड़ी तक जाती है, तब मध्यप्रदेश में मानसून पूरे शबाब पर होता है और इसी दौरान बारिश होती है.

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