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ग्वालियर में मानसून की बेरुखी, कम बारिश से पड़ेगा रबी की फसलों के उत्पादन पर असर

ग्वालियर में कम बारिश के कारण इस बार रबी की फसलें गेहूं, चना, सरसों और मटर का रकबा भी इस बार कम रहने की संभावना है. जमीन में नमी नहीं होने के कारण सरसों की बुवाई भी कम क्षेत्र में हो सकती है.

monsoon indifference in gwalior
ग्वालियर में मानसून की बेरुखी
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Published : Sep 23, 2020, 11:54 PM IST

ग्वालियर। अंचल में इस बार सूखे के हालात बन गए हैं. पिछले 22 दिनों से सिर्फ 15 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. जो अब तक सबसे कम बारिश मानी जा रही है. इसका असर आसपास के किसानों की फसल पर भी पड़ रहा है. रबी की फसलें गेहूं, चना, सरसों और मटर का रकबा भी इस बार कम रहने की संभावना है. जमीन में नमी नहीं होने के कारण सरसों की बुवाई भी कम क्षेत्र में हो सकती है. इस बार मौसम की भविष्यवाणी कई बार झूठी साबित हुई हैं. ग्वालियर जिले में 690 मिलीमीटर बारिश होने का अनुमान रिकॉर्ड है. ग्वालियर में पिछले 22 दिनों से 517 मिलीमीटर का आंकड़ा बढ़ा नहीं है. ग्वालियर संभाग से मानसून की विदाई एक तरह से हो चुकी है. ग्वालियर में गेहूं का रकबा लगभग 130000 हेक्टेयर में होता है जबकि सरसों का रकबा करीब 40000 हेक्टयर का होता है. लेकिन इस बार इन दोनों रकबों में कमी हो सकती है.

ग्वालियर में मानसून की बेरुखी

पर्याप्त नमी नहीं होने की वजह से फसलों पर खतरा

पर्याप्त नमी नहीं मिलने से सरसों और गेहूं सहित चना और मटर के लिए किसानों के लिए परेशानी बढ़ सकती है. कृषि महाविद्यालय के डीन जेपी दीक्षित ने कहा कि अभी थोड़ी बहुत उम्मीद बची है, यदि पानी गिरता है तो यह सरसों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. वहीं किसानों को जिनके पास पानी की व्यवस्था है वे अपने यहां खेतों को निरंतर सिंचाई करते रहें क्योंकि गेहूं में पानी ज्यादा लगता है कुल मिलाकर किसान इस बार की बारिश से बेहद उदास हुए हैं.

खरगोन में भारी बारिश से फसल तबाह

खरगोन के भगवानपुरा क्षेत्र के अंबाखेड़ा गांव में भारी बारिश के चलते किसानों की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है. बारिश के बाद सैकड़ों किसानों की ज्वार, कपास और मिर्च की फसल आंधी और बारिश के कारण चौपट हो गई. भारी बारिश के कारण ज्वार, कपास और मिर्च की फसल पूरी तरह खराब हो चुकी है. इसके साथ ज्वार भी खेतों में नष्ट हो चुकी है. साथ ही कपास के पौधे भी बारिश से काले पड़ गए हैं.

देवास में एक बार फिर सक्रिया हुआ मानसून

मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में एक बार फिर मानसून सक्रिय नजर आ रहा है. देवास में तो सुबह से ही बारिश हो रही है, जो दोपहर में और तेज होने लगी. सुबह से हो रही रिमझिम बारिश ने एक घंटे के बाद बारिश तेज होती गई. देवास में लगातार हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. इसके साथ ही देवास के नीचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है.

उफान पर शिप्रा नदी

उज्जैन में भारी बारिश ने एक बार फिर से तांडव मचाना शुरू कर दिया है. बीती रात से लगातार हो रही तेज बारिश के कारण शिप्रा नदी उफान पर है. शिप्रा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं शिप्रा नदी के राम घाट पर स्थित सभी मंदिर जलमग्न हो गए हैं. नदी में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जिसके कारण राम घाट स्थित कई मंदिर बाढ़ में डूबे हुए नजर आए बाढ़ के कारण कई श्रद्धालु राम घाट तक नहीं जा पाए और उन्हें पूजन पाठ बाहर से ही बैठकर करना पड़ा है.

ग्वालियर। अंचल में इस बार सूखे के हालात बन गए हैं. पिछले 22 दिनों से सिर्फ 15 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. जो अब तक सबसे कम बारिश मानी जा रही है. इसका असर आसपास के किसानों की फसल पर भी पड़ रहा है. रबी की फसलें गेहूं, चना, सरसों और मटर का रकबा भी इस बार कम रहने की संभावना है. जमीन में नमी नहीं होने के कारण सरसों की बुवाई भी कम क्षेत्र में हो सकती है. इस बार मौसम की भविष्यवाणी कई बार झूठी साबित हुई हैं. ग्वालियर जिले में 690 मिलीमीटर बारिश होने का अनुमान रिकॉर्ड है. ग्वालियर में पिछले 22 दिनों से 517 मिलीमीटर का आंकड़ा बढ़ा नहीं है. ग्वालियर संभाग से मानसून की विदाई एक तरह से हो चुकी है. ग्वालियर में गेहूं का रकबा लगभग 130000 हेक्टेयर में होता है जबकि सरसों का रकबा करीब 40000 हेक्टयर का होता है. लेकिन इस बार इन दोनों रकबों में कमी हो सकती है.

ग्वालियर में मानसून की बेरुखी

पर्याप्त नमी नहीं होने की वजह से फसलों पर खतरा

पर्याप्त नमी नहीं मिलने से सरसों और गेहूं सहित चना और मटर के लिए किसानों के लिए परेशानी बढ़ सकती है. कृषि महाविद्यालय के डीन जेपी दीक्षित ने कहा कि अभी थोड़ी बहुत उम्मीद बची है, यदि पानी गिरता है तो यह सरसों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. वहीं किसानों को जिनके पास पानी की व्यवस्था है वे अपने यहां खेतों को निरंतर सिंचाई करते रहें क्योंकि गेहूं में पानी ज्यादा लगता है कुल मिलाकर किसान इस बार की बारिश से बेहद उदास हुए हैं.

खरगोन में भारी बारिश से फसल तबाह

खरगोन के भगवानपुरा क्षेत्र के अंबाखेड़ा गांव में भारी बारिश के चलते किसानों की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है. बारिश के बाद सैकड़ों किसानों की ज्वार, कपास और मिर्च की फसल आंधी और बारिश के कारण चौपट हो गई. भारी बारिश के कारण ज्वार, कपास और मिर्च की फसल पूरी तरह खराब हो चुकी है. इसके साथ ज्वार भी खेतों में नष्ट हो चुकी है. साथ ही कपास के पौधे भी बारिश से काले पड़ गए हैं.

देवास में एक बार फिर सक्रिया हुआ मानसून

मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में एक बार फिर मानसून सक्रिय नजर आ रहा है. देवास में तो सुबह से ही बारिश हो रही है, जो दोपहर में और तेज होने लगी. सुबह से हो रही रिमझिम बारिश ने एक घंटे के बाद बारिश तेज होती गई. देवास में लगातार हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. इसके साथ ही देवास के नीचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है.

उफान पर शिप्रा नदी

उज्जैन में भारी बारिश ने एक बार फिर से तांडव मचाना शुरू कर दिया है. बीती रात से लगातार हो रही तेज बारिश के कारण शिप्रा नदी उफान पर है. शिप्रा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. वहीं शिप्रा नदी के राम घाट पर स्थित सभी मंदिर जलमग्न हो गए हैं. नदी में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जिसके कारण राम घाट स्थित कई मंदिर बाढ़ में डूबे हुए नजर आए बाढ़ के कारण कई श्रद्धालु राम घाट तक नहीं जा पाए और उन्हें पूजन पाठ बाहर से ही बैठकर करना पड़ा है.

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