ग्वालियर। इन दिनों सोशल मीडिया पर मंत्री इमरती देवी का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वे पत्रकारों पर भड़कती नजर आ रही हैं. मंत्री इमरती देवी पत्रकारों से कह रही हैं कि इमरती देवी मिट्टी और गोबर में पैदा हुई हैं, मुझमें इतने बड़े कीटाणु हैं, जिससे कोरोना आसपास ही नहीं आ सकता है और यह मास्क तो बस यूं ही लगाया है.
मंत्री इमरती देवी के इस बयान से ऐसा लग रहा है कि मानो राजनेता तो कोरोना संक्रमण से आंख मिचौली खेल रहे हैं, क्योंकि इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में बीजेपी और कांग्रेसी के नेता हजारों की संख्या में पंडाल के बीच लोगों को इकट्ठा करके अपनी राजनैतिक रोटियां सेक रहे हैं. उनको पता है कि आगामी समय में उप चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में इस कोरोना संक्रमण से कहीं ज्यादा खतरा उनको हारने का है.
यही वजह है कि शिवराज सरकार के कई मंत्री बिना मास्क लगाए हजारों लोगों के बीच पहुंच रहे हैं. इससे एक बात और साफ है कि इन मंत्रियों को पता है कि जैसे ही कोरोना के लक्षण मिलेंगे, वैसे ही इन्हें अस्पतालों में वीआईपी ट्रीटमेंट मिल जाएगा और ठीक होने के बाद फिर से जनता की जान जोखिम में डालने के लिए उनके बीच पहुंच जाएंगे.
यही वजह है कि मंत्री इमरती देवी के इस बयान के बाद साफ हो जाता है कि इन्हें कोरोना से कोई डर नहीं लग रहा है. दरअसल, मामला यह है कि कुछ दिन पहले मंत्री इमरती देवी की तबीयत खराब होने के बाद वह जिला प्रशासन की बैठक बीच में ही छोड़कर अपने आवास पर आ गई थीं. आवास पर पत्रकारों बातचीत न करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी तबीयत खराब है, गले में खराश और हाथ पैर में दर्द है. उसके बाद जब इसकी खबर टीवी चैनलों पर चली तो उसके बाद मंत्री इमरती देवी ने अपना गुस्सा पत्रकारों पर उतार दिया. दरअसल मंत्री के लक्षण कोरोना से मिलते जुलते बताए गए तो उन्होंने पत्रकारों की खिचाई कर दी और कहा कि उन्हें कोरोना से संक्रमित बता दिया गया.
इस बयान को लेकर कांग्रेस ने मंत्री इमरती देवी और शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि एक मंत्री का इस तरह का बयान आना साफ तौर पर जाहिर होता है कि यह अप्रत्यक्ष रूप से सरकार का संदेश है. मंत्री का इस तरह का बयान कोरोना गाइडलाइन को धता बता रहा है और यह जनता को भ्रमित कर रही हैं, वहीं इस मामले पर बीजेपी अपनी सफाई देती नजर आ रही है.
बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल का कहना है कि कोरोना संक्रमित करने से पहले कोई दल और जाति नहीं देखता है. वह बात अलग है कि जो लोग ग्रामीण परिवेश से आते हैं, उनके रहन-सहन के कारण उनकी इम्यूनिटी मजबूत होती है.