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ग्वालियर: अवैध खनन पर खनिज विभाग की बड़ी कार्रवाई, 52 खदानों में खनन पर लगाई रोक

ग्वालियर। महानगर ग्वालियर में खदानों पर खनिज विभाग ने बिलौआ की 52 खदानों पर ब्लास्टिंग और परिवहन पर पाबंदी लगा दी है. विभाग ने खदानों में हो रही डीप और शॉट ब्लास्टिंग को अवैधानिक और खतरनाक कार्य बताया है.

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Published : Apr 13, 2019, 10:37 PM IST

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ग्वालियर। महानगर में संचालित खदानों पर अब प्रशासन सख्त हो गया है. खाद और सुरक्षा महानिदेशालय की आपत्ति के बाद खनिज विभाग ने बिलौआ की 52 खदानों पर ब्लास्टिंग और परिवहन पर पाबंदी लगा दी है. विभाग ने खदानों में हो रही डीप और शॉट ब्लास्टिंग को अवैधानिक और खतरनाक कार्य बताया है.

खनिज विभाग ने 52 खदानों पर ब्लास्टिंग और परिवहन पर लगाई पाबंदी

ग्वालियर के बिलौआ क्षेत्र में संचालित खदान पर खनिज विभाग ने सख्त रुख अपना लिया है. इस खदान के पत्थर न सिर्फ आसपास सप्लाई होते थे बल्कि ग्वालियर संभाग के आसपास और सीमावर्ती क्षेत्रों में काली गड्डी की सप्लाई की जाती है. खनन माफिया पत्थर निकालने के लिए मजदूरों या मशीनों की जगह ब्लास्टिंग करते थे. खदानों में ब्लास्टिंग के चलते आसपास के रिहाईशी क्षेत्र में लोगों को काफी परेशानी होती थी. इससे पहले न्यायालय ने 23 विचाराधीन खदान संचालकों को दोषी मानते हुए तत्काल उत्खनन पर रोक लगाई थी.

मामले पर बोलते हुए एडीएम ने कहा कि खदान के खनन का मामला 2017 से ही लंबित था. खनन माफिया चिन्हित खदानों के आलावा अवैध रुप से आसपास की खदानों में उत्खनन को अंजाम दे रहे थे. मौके पर पहुंचकर जहां जहां खनन किया गया है उसके हिसाब से जुर्माने बनाए गये है.

ग्वालियर। महानगर में संचालित खदानों पर अब प्रशासन सख्त हो गया है. खाद और सुरक्षा महानिदेशालय की आपत्ति के बाद खनिज विभाग ने बिलौआ की 52 खदानों पर ब्लास्टिंग और परिवहन पर पाबंदी लगा दी है. विभाग ने खदानों में हो रही डीप और शॉट ब्लास्टिंग को अवैधानिक और खतरनाक कार्य बताया है.

खनिज विभाग ने 52 खदानों पर ब्लास्टिंग और परिवहन पर लगाई पाबंदी

ग्वालियर के बिलौआ क्षेत्र में संचालित खदान पर खनिज विभाग ने सख्त रुख अपना लिया है. इस खदान के पत्थर न सिर्फ आसपास सप्लाई होते थे बल्कि ग्वालियर संभाग के आसपास और सीमावर्ती क्षेत्रों में काली गड्डी की सप्लाई की जाती है. खनन माफिया पत्थर निकालने के लिए मजदूरों या मशीनों की जगह ब्लास्टिंग करते थे. खदानों में ब्लास्टिंग के चलते आसपास के रिहाईशी क्षेत्र में लोगों को काफी परेशानी होती थी. इससे पहले न्यायालय ने 23 विचाराधीन खदान संचालकों को दोषी मानते हुए तत्काल उत्खनन पर रोक लगाई थी.

मामले पर बोलते हुए एडीएम ने कहा कि खदान के खनन का मामला 2017 से ही लंबित था. खनन माफिया चिन्हित खदानों के आलावा अवैध रुप से आसपास की खदानों में उत्खनन को अंजाम दे रहे थे. मौके पर पहुंचकर जहां जहां खनन किया गया है उसके हिसाब से जुर्माने बनाए गये है.

Intro:ग्वालियर जिले में संचालित खदानों को लेकर जिला प्रशासन लगातार सख्त रवैया अपनाए हुए हैं। खाद एवं सुरक्षा महा निदेशालय की आपत्ति के बाद खनिज विभाग बिलौआ क्षेत्र की 52 खदानों में ब्लास्टिंग और परिवहन पर रोक लगा दी है।विभाग ने इन 52 पत्थर खदान में हो रही डीप और शॉट ब्लास्टिंग को अवैधानिक और खतरनाक बताया है । पाली जिले में एक सैकड़ा से अधिक पत्थर की खदानें हैं जिन पर कैसे संचालित किए जाते हैं सर्वाधिक कराने बिलोबा क्षेत्र में ही है यहां की खदानों में न केवल अंचल की बनके सीमावर्ती उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी काली गड्डी की सप्लाई की जाती है इन पत्थर खदानों में पत्थर निकालने के लिए खनन माफिया मजदूरों या मशीनों की जगह पहाड़ों में हाल करके ब्लास्टिंग करते हैं।


Body:जिससे पत्थर आसानी से जोड़ा जा सके ।लेकिन इस प्लास्टिक में आसपास के इलाकों को काफी नुकसान भी पहुंचता है इसी की शिकायतों के बाद प्रशासन ने 52 खदानों पर रोक लगा दी है एक दिन पहले ही कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन 23 खदानों की मामलों में खदान संचालकों को दोषी मानते हुए उन खदानों से तत्काल उत्खनन पर रोक लगा दी थी। यह खदान संचालित लीज की जमीन के अलावा सरकारी और निजी जमीन पर उत्खनन करने में जुटे हुए थे


Conclusion:बाईट - संदीप केरकेटा , एडीएम
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