ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में लंबे अर्से बाद इस साल की पहली कार्यपरिषद की बैठक हुई. कार्य परिषद के 2 सदस्यों अनूप अग्रवाल और मनेंद्र सोलंकी ने बीएससी नर्सिंग मामले में बैठक में चर्चा नहीं कराने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने रूसा की करीब 16.50 करोड़ की राशि अभी तक नहीं मिलने पर भी आपत्ति जताई और 19 बिंदुओं पर अपनी असहमति व्यक्त की.
दरअसल जीवाजी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को कार्यपरिषद की बैठक में एक बार फिर बीएससी नर्सिंग घोटाले का मुद्दा छाया रहा. इस मामले की जांच रिपोर्ट राज्यपाल और उच्च शिक्षा विभाग को भेजी जा चुकी है. कार्य परिषद के सदस्य सोलंकी और अग्रवाल इस रिपोर्ट के बैठक में रखे जाने पर चर्चा की मांग कर रहे थे लेकिन कुलपति ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि यह जांच रिपोर्ट हाई अथॉरिटी को भेजी जा चुकी है, इसलिए राजभवन से कोई आदेश आने के अनुरूप ही कार्रवाई की जाएगी. सदस्यों ने रूसा से मिलने वाली ग्रांट को अभी तक नहीं मिलने पर भी आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि जब राशि मिली नहीं है तो फिर विश्वविद्यालय अलग-अलग कार्य क्यों स्वीकार कर रहा है.
विश्वविद्यालय में पूरक एजेंडे पर चर्चा के लिए सदस्यों को एक दिन पहले ही बिंदु दिए गए थे, जिसमें रेक्टर के पद पर मैनेजमेंट के प्रोफेसर उमेश होलानी को नियुक्त करने पर सहमति दी गई. इसके अलावा डीडी अग्रवाल को संविदा पर रखे जाने पर भी सहमति प्रदान की गई है. हालांकि कुछ मुद्दों पर कार्यपरिषद के सदस्यों ने अपनी असहमति जताई है.