ग्वालियर । एम्स भोपाल में एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए गए डिप्टी डायरेक्टर धीरेंद्र प्रताप सिंह (Dhirendra Pratap Singh) के मामले की जांच अब ग्वालियर पहुंच गई है. सीबीआई ने एबीवी ट्रिपल आईटीएम से धीरेंद्र की पर्सनल फाइल तलब की है. फाइल में सर्विस रिकॉर्ड सहित पर्सनल और गोपनीय जानकारी रहती हैं. इसके आधार पर पता चलेगा कि धीरेंद्र का अब तक का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा रहा है.
घूसखोर डिप्टी डायरेक्टर पर कसा शिकंजा
खबर यह भी सामने आई कि ग्वालियर स्थित धीरेंद्र प्रताप (Dhirendra Pratap Singh) के क्वार्टर पर सीबीआई की एक टीम जांच पड़ताल के लिए पहुंची है. जिसमें सीबीआई की टीम को धीरेंद्र प्रताप सिंह के आवास से करीब आधा किलो सोना और करीब सवा करोड़ से अधिक की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं. जिन्हें ग्वालियर सीबीआई की टीम ने बरामद करके भोपाल भेज दिया है.
विवादों के 'प्रताप' रहे हैं डिप्टी डायरेक्टर
धीरेंद्र प्रताप ने 27 जुलाई 2012 में बतौर डिप्टी रजिस्ट्रार ट्रिपल आईटीएम ज्वॉइन किया था.सूत्रों का दावा है कि उस समय भी इनकी ज्वॉइनिंग को लेकर विवाद हुआ था, क्योंकि उनके खिलाफ शिकायतें हुई थीं. फिर भी संस्थान प्रबंधन ने इन्हें ज्वॉइनिंग दी और शिकायतों को रिकॉर्ड में नहीं लिया. करीब 5 साल बाद 5 अप्रैल 2017 को धीरेंद्र डेपुटेशन पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट भोपाल चले गए थे. इसके बाद 15 सितंबर 2020 को एक बार फिर ट्रिपल आईटीएम में ज्वॉइनिंग दी, लेकिन 4 दिन बाद 20 सितंबर 2020 को बतौर डिप्टी डायरेक्टर एम्स भोपाल ज्वॉइन कर लिया था. धीरेंद्र का डेपुटेशन पर यह दूसरा साल था.
मेडिकल कॉन्ट्रैक्टर से मांगी थी 1 लाख की रिश्वत
भोपाल एम्स (Bhopal AIIMS) के डिप्टी डायरेक्टर (Deputy Director) धीरेन्द्र प्रताप सिंह (Dhirendra Pratap Singh) ने मेडिकल संबंधी बिल पास करने के लिए मेडिकल कॉन्ट्रैक्टर से 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. जिसकी शिकायत मेडिकल कॉन्ट्रैक्टर ने CBI से की थी. बताया जा रहा है कि धीरेन्द्र प्रताप सिंह शाहपुरा क्षेत्र के विष्णु रेस्टोरेंट के पास रिश्वत ले रहे थे. सीबीआई ने इसी रेस्टारेंट से डिप्टी डायरेक्ट को रंगे हाथों गिरफ्तार किया.
लंबे समय से विवादों में है भोपाल AIIMS
थोड़े समय पहले भोपाल AIIMS के डायरेक्टर डॉक्टर सरमन सिंह की कार्यप्रणाली पर भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने सवाल खड़े किए थे. प्रज्ञा ठाकुर ने AIIMS डायरेक्टर पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए थे. साथ ही उन्हें हटाने के लिए काफी पत्राचार भी किए गए थे. प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर AIIMS के डायरेक्टर ने पलटवार करते हुए कहा था कि "सांसद चाहती हैं कि मैं उनका सर्वेंट बनकर रहूं."