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17 साल बाद धुला कलंक: कत्ल किया नहीं, जेल में काट दिए 17 साल, मिलेगा 2 लाख का मुआवजा - दतिया पुलिस

हाईकोर्ट ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior High Court Bench) ने दतिया में साल 2000 में हुई हत्या के मामले में पहलवान सिंह को बरी कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की विवेचना करने वाले पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई के लिए विभाग को पत्र भी लिखा है.

Gwalior High Court Bench
हाईकोर्ट ग्वालियर खंडपीठ
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Published : Sep 2, 2021, 2:19 PM IST

Updated : Sep 2, 2021, 2:26 PM IST

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior High Court Bench) ने दतिया जिले के तैढौत गांव के पहलवान सिंह को अपनी ही मां और पुत्री के कत्ल के कलंक से न सिर्फ मुक्त कर दिया है, बल्कि इस मामले की विवेचना करने वाले पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई के लिए विभाग को पत्र लिखा है. इस मामले में जिन लोगों के खिलाफ मृतका के पुत्र ने शिकायत की थी, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी कोर्ट ने दिए हैं.

17 साल बाद मिला न्याय
महिला और उसकी नातिन के दोहरे कत्ल में फरियादी को ही आरोपी बनाकर पुलिस की मिलीभगत से उसे आजीवन कारावास (Life imprisonment) की सजा करवा दी गई थी. इसे लेकर मृतका के पुत्र पहलवान सिंह ने हाईकोर्ट में अपील की. 17 साल बाद इस अपील का कोर्ट ने निराकरण किया है. निर्दोष ठहराए गए पहलवान सिंह को क्षतिपूर्ति के रूप में दो लाख रुपये एक महीने के भीतर सरकार को देने के निर्देश दिए गए हैं. यह भी कहा गया है कि सरकार चाहे तो इस रकम को दोषपूर्ण विवेचना करने वाले पुलिस अधिकारी एसडी नायर से भी वसूल सकती है.

साल 2000 में हुई थी हत्या
दरअसल, दतिया जिले के गोदन थाना क्षेत्र के तैढौत गांव में रहने वाले पहलवान सिंह की मां ब्रज रानी और पहलवान सिंह की बेटी चांदनी की 28 अक्टूबर 2000 को हत्या कर दी गई थी. मकान पर कब्जे के विवाद में पड़ोसियों में संघर्ष हुआ था. इस मामले में पहलवान सिंह के भाई अतर सिंह की शिकायत पर आरोपी बट्टू और शोभाराम के खिलाफ एफआईआर (Fir in datia) लिखाई गई थी, लेकिन आरोपियों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए इस मामले में जांच कमेटी बनवा ली.

2004 में कोर्ट ने सुनाई थी सजा
कमेटी में भोपाल पुलिस मुख्यालय के उप निरीक्षक विशेष कार्य दल एसडी नायर से मिलीभगत करके पहलवान सिंह को ही उसकी मां और बेटी के कत्ल में आरोपी बनवा दिया. दतिया सेशन कोर्ट से 2004 में पहलवान सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. वह पिछले 6 सालों से जेल में था.

4 साल पहले युवक का लिंग काटकर की हत्या, कोर्ट ने युवती सहित तीन को पाया दोषी, आजीवन कारावास की सुनाई सजा

पहलवान सिंह की अपील पर हाईकोर्ट ने उसे निर्दोष माना है और आरोपी बट्टू और शोभाराम के खिलाफ दोहरे कत्ल की शिकायत पर कार्रवाई के लिए पुलिस विभाग को पत्र लिखा गया है. दोषपूर्ण विवेचना करने वाले सब इंस्पेक्टर एसडी नायर के खिलाफ विभागीय जांच की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के भी आदेश दिए गए हैं.

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior High Court Bench) ने दतिया जिले के तैढौत गांव के पहलवान सिंह को अपनी ही मां और पुत्री के कत्ल के कलंक से न सिर्फ मुक्त कर दिया है, बल्कि इस मामले की विवेचना करने वाले पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई के लिए विभाग को पत्र लिखा है. इस मामले में जिन लोगों के खिलाफ मृतका के पुत्र ने शिकायत की थी, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी कोर्ट ने दिए हैं.

17 साल बाद मिला न्याय
महिला और उसकी नातिन के दोहरे कत्ल में फरियादी को ही आरोपी बनाकर पुलिस की मिलीभगत से उसे आजीवन कारावास (Life imprisonment) की सजा करवा दी गई थी. इसे लेकर मृतका के पुत्र पहलवान सिंह ने हाईकोर्ट में अपील की. 17 साल बाद इस अपील का कोर्ट ने निराकरण किया है. निर्दोष ठहराए गए पहलवान सिंह को क्षतिपूर्ति के रूप में दो लाख रुपये एक महीने के भीतर सरकार को देने के निर्देश दिए गए हैं. यह भी कहा गया है कि सरकार चाहे तो इस रकम को दोषपूर्ण विवेचना करने वाले पुलिस अधिकारी एसडी नायर से भी वसूल सकती है.

साल 2000 में हुई थी हत्या
दरअसल, दतिया जिले के गोदन थाना क्षेत्र के तैढौत गांव में रहने वाले पहलवान सिंह की मां ब्रज रानी और पहलवान सिंह की बेटी चांदनी की 28 अक्टूबर 2000 को हत्या कर दी गई थी. मकान पर कब्जे के विवाद में पड़ोसियों में संघर्ष हुआ था. इस मामले में पहलवान सिंह के भाई अतर सिंह की शिकायत पर आरोपी बट्टू और शोभाराम के खिलाफ एफआईआर (Fir in datia) लिखाई गई थी, लेकिन आरोपियों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए इस मामले में जांच कमेटी बनवा ली.

2004 में कोर्ट ने सुनाई थी सजा
कमेटी में भोपाल पुलिस मुख्यालय के उप निरीक्षक विशेष कार्य दल एसडी नायर से मिलीभगत करके पहलवान सिंह को ही उसकी मां और बेटी के कत्ल में आरोपी बनवा दिया. दतिया सेशन कोर्ट से 2004 में पहलवान सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. वह पिछले 6 सालों से जेल में था.

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पहलवान सिंह की अपील पर हाईकोर्ट ने उसे निर्दोष माना है और आरोपी बट्टू और शोभाराम के खिलाफ दोहरे कत्ल की शिकायत पर कार्रवाई के लिए पुलिस विभाग को पत्र लिखा गया है. दोषपूर्ण विवेचना करने वाले सब इंस्पेक्टर एसडी नायर के खिलाफ विभागीय जांच की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के भी आदेश दिए गए हैं.

Last Updated : Sep 2, 2021, 2:26 PM IST
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