ग्वालियर। जिले में आयोजित अंबेडकर महाकुंभ पंडाल में अचानक हड़कंप मच गया. यहां लगे सुरक्षा कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों के चेहरे की हवा उड़ने लगी. भीड़ में कुछ महिलाओं ने जोर-जोर से रोते हुए चिल्लाना शुरू कर दिया. सामने लगे बैरिकेड से सिर पटकने लगी. ये महिलाएं मुरैना से आईं थी. दबंगों द्वारा बेटी को गोली मारने के आरोपियों को न पकडने से नाराज थीं. महिलाएं बोली मुझे एक हजार रुपये नहीं, न्याय चाहिए.
न्याय की लगाई गुहार: महाकुम्भ में शामिल होने पहुंची मुरैना की कुछ महिलाओं ने सीएम शिवराज सिंह से मिलने की गुहार को लेकर जमकर हंगामा किया. उन्होंने अपने सिर बैरिकेड में कई बार मारे. उनका कहना था कि वह मुरैना के बागचीनी थाना क्षेत्र के नेहरावली गांव की रहने वाली हैं. 2 साल पहले उनकी जवान बेटी को गांव के ही दबंग हरिओम, गिर्राज, सोनू, कल्ला विजेंद्र, भूरा, सूरजभान सिकरवार लोगों ने एक राय होकर गोली मार दी थी. यह गोली घर के दरवाजे से टकराकर युवती के दाएं कंधे और एक आंख में लगी थी. इससे उसका चेहरा खराब हो गया है. एक आंख की रोशनी चली गई, लेकिन पुलिस हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है. हालांकि पुलिस ने हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज कर लिया था, लेकिन इसके बाद भी दबंग परिवार बंदूकों के दम पर उन्हें धमकाता हुआ घूम रहा है.
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नहीं चाहिए 1 हजार: अंबेडकर महाकुंभ के दौरान महिलाओं द्वारा अचानक हंगामा करते देख पुलिस अधिकारी और महिला पुलिस कर्मी दौड़कर इन लोगों के पास पहुंचे. इनको समझाने की काफी कोशिश की लेकिन वे सीएम से मिलने की गुहार लगाती रहीं. आखिरकार वह सीएम से बिना मिले ही चली गईं. पीड़ित महिला ने बताया कि उन्हें 1 हजार रुपए नहीं, उन्हें न्याय चाहिए.