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माधवराव सिंधिया की 19वीं पुण्यतिथि आज, ग्वालियर- चंबल के विकास पुरुष को दी गई श्रद्धांजलि

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Published : Sep 30, 2019, 8:30 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 11:33 PM IST

ग्वालियर राजघराने के महाराज और कांग्रेस सरकार में रेलमंत्री रहे माधवराव सिंधिया की 19वीं पुण्यतिथि पर क्षेत्र के लोगों ने उनकी छतरी पर जाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए.

माधवराव सिंधिया की 19वीं पुण्यतिथि

ग्वालियर। 18 साल पहले आज के ही दिन ग्वालियर- चंबल अंचल की जनता ने अपने विकास पुरूष को खो दिया था. 30 सितंबर 2001 को माधवराव सिंधिया का विमान हादसे में निधन हो गया था. माधवराव सिंधिया का पुण्यतिथी पर हजारों लोगों ने उनकी छतरी पर जाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए.

माधवराव सिंधिया की 19वीं पुण्यतिथि

माधवराव सिंधिया के ही दम पर ग्वालियर-चंबल अंचल में बड़े- बड़े उद्योग स्थापित हुए, शिक्षा के क्षेत्र में बड़े- बड़े इंस्टिट्यूट ग्वालियर में स्थापित किए गए. शाही खानदान में जन्मे माधवराव सिंधिया आम लोगों काफी लोकप्रिय थे. 30 सितंबर 2001 में उत्तरप्रदेश के कानपुर के पास एक आम सभा को संबोधित करने जा रहे माधवराव सिंधिया का विमान हादसे का शिकार हो गया था, जिसमें उनकी मौत हो गई. हादसे में सिंधिया का शरीर इतनी बुरी तरह जल गया था, कि शव की पहचान उनके लॉकेट से हुई थी.

निधन पर 7 दिन बंद था ग्वालियर
माधवराव सिंधिया के निधन का खबर ग्वालियर-चंबल अंचल के लिए किसी सदमें से कम नहीं था. सिंधिया की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि उनके निधन पर तत्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी सहित सभी नेता उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे.

बुलेट ट्रेन के लिए की थी जापान से चर्चा
माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल अंचल में औद्योगिक विकास तेजी से हो, इसके लिए मालनपुर और बामौर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया. साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में IIITM, IITTM, IHM, LNUPI, जैसे आधुनिक शिक्षा वाले संस्थान दिए. कांग्रेस सरकार में रेल मंत्री रहे माधवराव सिंधिया ने बुलेट ट्रेन चलाने की चर्चा की थी, जिसे लेकर उन्होंने जापान से चर्चा भी की, लेकिन अचानक उनकी मौत हो जाने के बाद यह सपना उनका अधूरा रह गया.

क्रिकेट के दिवाने थे माधवराव सिंधिया
माधवराव सिंधिया क्रिकेट के भी दिवाने थे. वह एक अच्छे खिलाड़ी भी थे, इसी वजह से उन्होंने विश्व में ग्वालियर को पहचान दिलाने के लिए इंटरनेशनल स्टेडियम बनवाया.

ग्वालियर। 18 साल पहले आज के ही दिन ग्वालियर- चंबल अंचल की जनता ने अपने विकास पुरूष को खो दिया था. 30 सितंबर 2001 को माधवराव सिंधिया का विमान हादसे में निधन हो गया था. माधवराव सिंधिया का पुण्यतिथी पर हजारों लोगों ने उनकी छतरी पर जाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए.

माधवराव सिंधिया की 19वीं पुण्यतिथि

माधवराव सिंधिया के ही दम पर ग्वालियर-चंबल अंचल में बड़े- बड़े उद्योग स्थापित हुए, शिक्षा के क्षेत्र में बड़े- बड़े इंस्टिट्यूट ग्वालियर में स्थापित किए गए. शाही खानदान में जन्मे माधवराव सिंधिया आम लोगों काफी लोकप्रिय थे. 30 सितंबर 2001 में उत्तरप्रदेश के कानपुर के पास एक आम सभा को संबोधित करने जा रहे माधवराव सिंधिया का विमान हादसे का शिकार हो गया था, जिसमें उनकी मौत हो गई. हादसे में सिंधिया का शरीर इतनी बुरी तरह जल गया था, कि शव की पहचान उनके लॉकेट से हुई थी.

निधन पर 7 दिन बंद था ग्वालियर
माधवराव सिंधिया के निधन का खबर ग्वालियर-चंबल अंचल के लिए किसी सदमें से कम नहीं था. सिंधिया की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि उनके निधन पर तत्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी सहित सभी नेता उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे.

बुलेट ट्रेन के लिए की थी जापान से चर्चा
माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल अंचल में औद्योगिक विकास तेजी से हो, इसके लिए मालनपुर और बामौर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया. साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में IIITM, IITTM, IHM, LNUPI, जैसे आधुनिक शिक्षा वाले संस्थान दिए. कांग्रेस सरकार में रेल मंत्री रहे माधवराव सिंधिया ने बुलेट ट्रेन चलाने की चर्चा की थी, जिसे लेकर उन्होंने जापान से चर्चा भी की, लेकिन अचानक उनकी मौत हो जाने के बाद यह सपना उनका अधूरा रह गया.

क्रिकेट के दिवाने थे माधवराव सिंधिया
माधवराव सिंधिया क्रिकेट के भी दिवाने थे. वह एक अच्छे खिलाड़ी भी थे, इसी वजह से उन्होंने विश्व में ग्वालियर को पहचान दिलाने के लिए इंटरनेशनल स्टेडियम बनवाया.

Intro:ग्वालियर- 18 साल पहले आज का वह दिन जब ग्वालियर चंबल अंचल की जनता ने एक विकास के मसीहा को खो दिया। 30 सितंबर 2001 को राजनेता और विकास पुरुष के नाम से जानने बाले माधवराव सिंधिया का वायु दुर्घटना में उनका निधन हो गया। आज उनकी पुण्यतिथि है। इस मौके पर हजारों लोग उनकी छतरी पर जाकर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे है। वह वाली चंबल अंचल में विकास को लेकर काफी चिंतित रहते थे और उनकी ही दम पर ग्वालियर चंबल अंचल में बड़े-बड़े उद्योग स्थापित हुए शिक्षा के क्षेत्र में बड़े-बड़े इंस्टिट्यूट आज ग्वालियर में स्थापित है। 1980 में जब वह कांग्रेस में शामिल हुए थे तो ग्वालियर चंबल अंचल का परिदृश्य बदल गया। ग्वालियर में आज जितनी भी बड़ी सौगात है वह शायद माधवराव सिंधिया की दम पर ही स्थापित हुई है। कांग्रेस पार्टी में इतने लोकप्रिय थे जितनी दूसरी पार्टी के नेताओं ने पसंद करते थे। माधवराव सिंधिया शाही खानदान में जन्मे जरूर लेकिन लोगों से बहुत ज्यादा घुले मिले थे उनकी सोच में विकास था तो नजरिया में लोकतंत्र। देश को आजादी मिलने के बाद माधवराव ने अपनी मां के लोकपथ पर उतरने के संघर्ष को नजदीक से देखा था।


Body:लेकिन 18 सितंबर 2001 में जब उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास अपनी एक आम सभा को संबोधित करने के लिए हेलीकॉप्टर से उड़े थे इसी दौरान उनका विशेष विमान क्रैश हो गया ।उत्तर प्रदेश की एक गांव के ऊपर हेलीकॉप्टर में अचानक आग लग गई। जिसमें उनकी मौत हो गई। उनका सही इस तरह बुरी तरह झुलस गया था कि उनकी शव की पहचान उनकी लॉकेट से हुई थी। जब माधवराव सिंधिया का पार्थिव शरीर ग्वालियर लाया गया तो मानो चंबल अंचल की जनता के लिए एक बड़ा सदमा था। उनके निधन के बाद अंचल में 5 दिन तक शोक की लहर डूबी रही। माधवराव सिंधिया की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके निधन पर देश की उस समय की पीएम अटल बिहारी से लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी सहित सभी नेता उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। ग्वालियर के लोग इतने दुखी थी कि अपने लोकप्रिय नेता और महाराज माधवराव के निधन पर एक हफ्ते तक ग्वालियर बंद रखा।


Conclusion:माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर चंबल अंचल में औद्योगिक विकास तेजी से हो इसके लिए मालनपुर और बामौर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया।आज औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी कंपनियों ने अपने प्लांट लगाए हैं। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में आईआईआईटीएम ,आईआईटीटीएम, आईएचएम, एलएनयूपीई, जैसे आधुनिक शिक्षा वाले संस्थान दिए। कांग्रेस सरकार में रेल मंत्री रहे माधवराव सिंधिया ने उस समय बुलेट ट्रेन चलाने की चर्चा की। जब भारत सिर्फ एक ट्रेन का सपना देखता था। उन्होंने इसको लेकर जापान से भी बात कर ली। लेकिन अचानक उनकी मौत हो जाने के बाद यह सपना उनका अधूरा रह गया। साथ ही माधवराव सिंधिया क्रिकेट कितना गजब की दीवानगी रखते थे जो खुद ही क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी थे और कई बार एमपीसीए की कप्तानी कर कई मैच जिताये थे। यही वजह है कि उन्होंने ग्वालियर में विश्व को पहचान दिलाने के लिए इंटरनेशनल स्टेडियम बनवाया। बाईट - बाल खांडे , माधवराव सिंधिया के नजदीकी रहे । P2C - अनिल गौर
Last Updated : Sep 30, 2019, 11:33 PM IST
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