ग्वालियर। 18 साल पहले आज के ही दिन ग्वालियर- चंबल अंचल की जनता ने अपने विकास पुरूष को खो दिया था. 30 सितंबर 2001 को माधवराव सिंधिया का विमान हादसे में निधन हो गया था. माधवराव सिंधिया का पुण्यतिथी पर हजारों लोगों ने उनकी छतरी पर जाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए.
माधवराव सिंधिया के ही दम पर ग्वालियर-चंबल अंचल में बड़े- बड़े उद्योग स्थापित हुए, शिक्षा के क्षेत्र में बड़े- बड़े इंस्टिट्यूट ग्वालियर में स्थापित किए गए. शाही खानदान में जन्मे माधवराव सिंधिया आम लोगों काफी लोकप्रिय थे. 30 सितंबर 2001 में उत्तरप्रदेश के कानपुर के पास एक आम सभा को संबोधित करने जा रहे माधवराव सिंधिया का विमान हादसे का शिकार हो गया था, जिसमें उनकी मौत हो गई. हादसे में सिंधिया का शरीर इतनी बुरी तरह जल गया था, कि शव की पहचान उनके लॉकेट से हुई थी.
निधन पर 7 दिन बंद था ग्वालियर
माधवराव सिंधिया के निधन का खबर ग्वालियर-चंबल अंचल के लिए किसी सदमें से कम नहीं था. सिंधिया की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि उनके निधन पर तत्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी सहित सभी नेता उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे.
बुलेट ट्रेन के लिए की थी जापान से चर्चा
माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल अंचल में औद्योगिक विकास तेजी से हो, इसके लिए मालनपुर और बामौर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया. साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में IIITM, IITTM, IHM, LNUPI, जैसे आधुनिक शिक्षा वाले संस्थान दिए. कांग्रेस सरकार में रेल मंत्री रहे माधवराव सिंधिया ने बुलेट ट्रेन चलाने की चर्चा की थी, जिसे लेकर उन्होंने जापान से चर्चा भी की, लेकिन अचानक उनकी मौत हो जाने के बाद यह सपना उनका अधूरा रह गया.
क्रिकेट के दिवाने थे माधवराव सिंधिया
माधवराव सिंधिया क्रिकेट के भी दिवाने थे. वह एक अच्छे खिलाड़ी भी थे, इसी वजह से उन्होंने विश्व में ग्वालियर को पहचान दिलाने के लिए इंटरनेशनल स्टेडियम बनवाया.