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चंद्रग्रहण के दौरान भी मंदिरों में नियमित पूजा-पाठ, जानें क्या होगा असर? - lunar eclipse effect

आज 5 जुलाई को पड़े चंद्रग्रहण का असर भारत पर नहीं पड़ा. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इस चंद्र ग्रहण के प्रभाव से प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है.

REGULAR WORSHIP IN TEMPLES ON CHANDRA GRAHAN
मंदिरों में नियमित पूजा-पाठ
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Published : Jul 5, 2020, 2:01 PM IST

ग्वालियर। आज यानी 5 जुलाई को साल का तीसरा चंद्र ग्रहण पड़ा. इस ग्रहण को भारत और उसके आसपास नहीं देखा जा सकेगा, इसलिए इस ग्रहण के प्रभाव से भारत अछूता है. विद्वानों ने चंद्र ग्रहण के चलते सूतक लगने की भी घोषणा नहीं की थी, इसलिए मंदिरों के पट हमेशा की तरह खुले रहे और लोग नियमित पूजा-पाठ किए. इस दौरान मंदिर के पुजारियों ने विशेष पाठ कर सबकी सुख समृद्धि और शांति की कामना की.

मंदिरों में नियमित पूजा-पाठ

चंद्रग्रहण से तिकड़ी संकट का संकेत

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो हर ग्रहण अपने साथ शुभ या अशुभ संकेत लेकर आता है. लेकिन इस बार ग्रहण की तिकड़ी संकट का संकेत दे रही है. एक ही महीने में सूर्य ग्रहण से पहले और बाद लगे चंद्र ग्रहण को ज्योतिष के जानकार अच्छा नहीं मान रहे हैं. आज के चंद्र ग्रहण को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं. ग्रहों की चाल पढ़ने वाले ज्योतिषी किसी संकट की आशंका जाहिर कर रहे हैं. माना जा रहा है कि चंद्र ग्रहण के प्रभाव से प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है. चंद्र ग्रहण के कारण आने वाला समय विश्व के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है.

ये हो सकता है चंद्रगहण का प्रभाव

रविवार को चंद्र ग्रहण पड़ रहा है, इसका असर दूर देशों मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया में अधिक देखा जा रहा है, लेकिन भारत और उसके आसपास के देशों में ये दृष्टिगोचर नहीं है. भले ही इस चंद्रग्रहण का भारत पर असर नहीं है, लेकिन एक महीने में तीन ग्रहण का पड़ना अपने आप में महत्वपूर्ण है और इसके वैश्विक प्रभाव देखने को मिलेंगे.

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि वैश्विक रूप से अशांति और युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं, इसलिए अपनी पूजा में शांति-समृद्धि का ईश्वर से वरदान मांगना चाहिए. इससे पहले सूर्य ग्रहण कई सौ साल बाद आया था, उसका भी वैश्विक प्रभाव पड़ने का अंदेशा जताया गया है. ज्योतिषियों के मुताबिक ये ग्रहण धनु राशि और पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में लगा है. धनु राशि आक्रामकता की राशि है. इस ग्रहण की वजह से देश-दुनिया में युद्ध और विवादों जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं.

ग्वालियर। आज यानी 5 जुलाई को साल का तीसरा चंद्र ग्रहण पड़ा. इस ग्रहण को भारत और उसके आसपास नहीं देखा जा सकेगा, इसलिए इस ग्रहण के प्रभाव से भारत अछूता है. विद्वानों ने चंद्र ग्रहण के चलते सूतक लगने की भी घोषणा नहीं की थी, इसलिए मंदिरों के पट हमेशा की तरह खुले रहे और लोग नियमित पूजा-पाठ किए. इस दौरान मंदिर के पुजारियों ने विशेष पाठ कर सबकी सुख समृद्धि और शांति की कामना की.

मंदिरों में नियमित पूजा-पाठ

चंद्रग्रहण से तिकड़ी संकट का संकेत

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो हर ग्रहण अपने साथ शुभ या अशुभ संकेत लेकर आता है. लेकिन इस बार ग्रहण की तिकड़ी संकट का संकेत दे रही है. एक ही महीने में सूर्य ग्रहण से पहले और बाद लगे चंद्र ग्रहण को ज्योतिष के जानकार अच्छा नहीं मान रहे हैं. आज के चंद्र ग्रहण को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं. ग्रहों की चाल पढ़ने वाले ज्योतिषी किसी संकट की आशंका जाहिर कर रहे हैं. माना जा रहा है कि चंद्र ग्रहण के प्रभाव से प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है. चंद्र ग्रहण के कारण आने वाला समय विश्व के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है.

ये हो सकता है चंद्रगहण का प्रभाव

रविवार को चंद्र ग्रहण पड़ रहा है, इसका असर दूर देशों मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया में अधिक देखा जा रहा है, लेकिन भारत और उसके आसपास के देशों में ये दृष्टिगोचर नहीं है. भले ही इस चंद्रग्रहण का भारत पर असर नहीं है, लेकिन एक महीने में तीन ग्रहण का पड़ना अपने आप में महत्वपूर्ण है और इसके वैश्विक प्रभाव देखने को मिलेंगे.

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि वैश्विक रूप से अशांति और युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं, इसलिए अपनी पूजा में शांति-समृद्धि का ईश्वर से वरदान मांगना चाहिए. इससे पहले सूर्य ग्रहण कई सौ साल बाद आया था, उसका भी वैश्विक प्रभाव पड़ने का अंदेशा जताया गया है. ज्योतिषियों के मुताबिक ये ग्रहण धनु राशि और पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में लगा है. धनु राशि आक्रामकता की राशि है. इस ग्रहण की वजह से देश-दुनिया में युद्ध और विवादों जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं.

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