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लक्ष्मीबाई बलिदान मेला इस बार बना चर्चा का विषय, राजनीति करने वालों को पवैया की दो टूक - ग्वालियर

ग्वालियर में हर साल आयोजित होने वाला वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेला चर्चा का विषय बना है. कई लोगों को डर है कि कहीं मेला राजनीति की भेंट न चढ़ जाए.

जयभान सिंह पवैया
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Published : Jun 15, 2019, 2:32 PM IST

Updated : Jun 15, 2019, 2:45 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में सरकार बदलते ही ग्वालियर में लगने वाला वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेला इस बार चर्चा का विषय बन गया है. इस मेले के संस्थापक बीजेपी के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया हैं. अब सवाल उठता है कि इस मेले के मंच पर कांग्रेस के मंत्रियों का सम्मान होगा कि नहीं. वहीं इस बारे में पवैया का कहना है कि यह राजनीति का कोई विषय नहीं है.

बलिदान मेला पर जयभान पवैया का बयान

क्या है मामला

  • ग्वालियर में लगने वाला वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेला इस बार चर्चा का विषय बना.
  • यह बलिदान मेला हर साल लगता है.
  • यह मेला पिछले 19 साल से वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान समिति आयोजित करती है.
  • इसके संस्थापक बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया हैं.
  • मेला 17 व 18 जून को आयोजित होगा.
  • कांग्रेस के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अफसरों के साथ आयोजन स्थल का निरीक्षण किया.
  • इस मेले में देश के प्रख्यात कवि महिलाओं को आमंत्रित किया जाता है.
  • कवियित्रियों को वीरांगना लक्ष्मीबाई पुरस्कार से नवाजा जाता है.
  • 2010 में मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग ने इसमें सहयोग करना शुरू किया.
  • चर्चा का विषय यह है कि मेले का आयोजन बीजेपी नेता कर रहे हैं और उस मंच पर कांग्रेस के मंत्रियों का सम्मान किया जाएगा या नहीं.
  • पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि मेला राजनीति की विषय नहीं है.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में सरकार बदलते ही ग्वालियर में लगने वाला वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेला इस बार चर्चा का विषय बन गया है. इस मेले के संस्थापक बीजेपी के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया हैं. अब सवाल उठता है कि इस मेले के मंच पर कांग्रेस के मंत्रियों का सम्मान होगा कि नहीं. वहीं इस बारे में पवैया का कहना है कि यह राजनीति का कोई विषय नहीं है.

बलिदान मेला पर जयभान पवैया का बयान

क्या है मामला

  • ग्वालियर में लगने वाला वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेला इस बार चर्चा का विषय बना.
  • यह बलिदान मेला हर साल लगता है.
  • यह मेला पिछले 19 साल से वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान समिति आयोजित करती है.
  • इसके संस्थापक बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया हैं.
  • मेला 17 व 18 जून को आयोजित होगा.
  • कांग्रेस के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अफसरों के साथ आयोजन स्थल का निरीक्षण किया.
  • इस मेले में देश के प्रख्यात कवि महिलाओं को आमंत्रित किया जाता है.
  • कवियित्रियों को वीरांगना लक्ष्मीबाई पुरस्कार से नवाजा जाता है.
  • 2010 में मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग ने इसमें सहयोग करना शुरू किया.
  • चर्चा का विषय यह है कि मेले का आयोजन बीजेपी नेता कर रहे हैं और उस मंच पर कांग्रेस के मंत्रियों का सम्मान किया जाएगा या नहीं.
  • पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि मेला राजनीति की विषय नहीं है.
Intro:ग्वालियर- ग्वालियर में लगने वाला वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेला इस बार चर्चा का विषय बन गया है ऐसा इसलिए क्योंकि यह मिला पिछले 19 साल से वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान स्मारक समिति आयोजित कर रही है जिस के संस्थापक अध्यक्ष बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री जयभान सिंह पवैया है लेकिन मध्य प्रदेश में सरकार बदलते ही ग्वालियर की पहचान वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेले पर सियासत शुरू हो चुकी है। आयोजन की अध्यक्ष और बीजेपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री जयभान सिंह पवैया ने ही 17 और 18 जून को होने वाले आयोजन की जानकारी दी । उससे पहले कांग्रेस की मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने अफसरों के साथ आयोजन स्थल का निरीक्षणकर अपना श्रेय लेने में लगे है।


Body:हर बर्ष लगने बाले इस मेले में देश के प्रख्यात कवि महिलाओं को आमंत्रित किया जाता है और उन्हें वीरांगना लक्ष्मीबाई पुरस्कार से नवाजा जाता है। बीजेपी नेता पवैया का कहना है कि उनकी समिति अपने अपने क्षेत्र में विशिष्ट काम करने वाली महिलाओं को पहले से सम्मानित करती रही है और 2010 में मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग में इसमें सहयोग करना शुरू किया। वीर महिलाओं को अपनी ओर से बिरंगाना सम्मान देना भी शुरू किया ।लेकिन अब यह चर्चा इस बात की है कि जब मेले का आयोजन बीजेपी नेता जयभान सिंह पवैया कर रहे हैं तो फिर क्या उस मंच पर कांग्रेस के मंत्री या संस्कृति विभाग मेले में आमंत्रित अतिथियों का सम्मान करेगा या नहीं। पूर्व मंत्री पवैया का कहना है की मेला आमजन के लिए बेहद जरूरी है और इसे रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है यह मिला राजनीतिक का कोई विषय नहीं है।


Conclusion:दरअसल इस मेले में महारानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन किया जाता है जिसमें उनकी वीरता और ग्वालियर के सिंधिया शासक का इतिहास जुड़ा हुआ है। इसी नाटक को लेकर कई बार कांग्रेस के नेताओं ने आपत्ति दर्ज कराई है।बावजूद इसके इस मेले में इस नाटक का मंचन होता रहा है इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो ऐसे में देखना होगा कि मिला उसी रूप में लगेगा या कुछ बदलाव होगा

बाईट -जयभान सिंह पवैया , कैविनेट मंत्री
Last Updated : Jun 15, 2019, 2:45 PM IST
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