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'अटल एक्सप्रेस वे' के लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू

अटल एक्सप्रेस वे के लिए जमीन के अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है. यह एक्सप्रेस वे तीन जिलों से होकर गजरेगा. इस एक्सप्रेस वे से लोग 394 किलोमीटर का सफर तय कर सकेंगे.

land acquisition work starts for "atal expressway"
अटल एक्सप्रेस वे" के लिए भूमि अधिग्रहण
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Published : Mar 23, 2021, 8:46 PM IST

ग्वालियर। चंबल अंचल के विकास की महत्वाकांक्षी योजना "अटल एक्सप्रेस वे" के लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है. यह एक्सप्रेस वे मुरैना ,भिंड और श्योपुर जिले से होकर गुजरेगा. इस एक्सप्रेस- वे के जरिए 394 किलोमीटर का सफर लोग तय कर सकेंगे. एक्सप्रेस- वे बनने के बाद रोजगार के कई अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे.

चंबल अंचल को मिली अटल एक्सप्रेस-वे की सौगात

चंबल के बीहड़ों से गुजरने वाला यह "अटल एक्सप्रेस वे" चंबल वासियों के लिए विकास की सौगात लेकर आएगा. अटल एक्सप्रेस वे बनने के बाद चंबल के लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा. शिवराज सरकार ने सबसे पहले इस महत्वाकांक्षी योजना का नाम चंबल एक्सप्रेस वे के नाम पर रखा था. बाद में इसका नाम "चम्बल प्रोग्रेस वे" रख गया. तीसरी बार इसका नाम अटल जी के नाम पर "अटल एक्सप्रेस वे" रखा गया.

मुरैना ,भिंड और श्योपुर जिले से होकर गुजरेगा अटल एक्सप्रेस- वे

चंबल के बीहड़ से गुजरने वाला यह अटल एक्सप्रेस वे मुरैना, भिंड और श्योपुर जिलों से होकर गुजरेगा. यह अटल एक्सप्रेस वे राजस्थान की सीमा दीगोद करेगा. यह मुरैना और भिंड होते हुए उत्तर प्रदेश को टच करेगा. अटल एक्सप्रेस भी 394 किलोमीटर का रहेगा. जिसमें 144 किलोमीटर का हिस्सा मुरैना जिले का, 97 किलोमीटर श्योपुर और 67 किलोमीटर भिंड जिले का हिस्सा शामिल रहेगा.

चंबल अंचल में विकास की नई नींव रखेगा यह "अटल एक्सप्रेस वे"

बीहड़, बागी के नाम से बदनाम चंबल अंचल के लोगों के लिए यह अटल एक्सप्रेसवे विकास की एक नई रेखा खीचेगा. अटल एक्सप्रेस वे के दौरान चंबल की बीहड़ों का समतलीकरण किया जाएगा. किसानों को दी जाने वाली जमीन भी कृषि योग्य बनाकर उन्हें दी जाएगी. ताकि किसी भी तरह की समस्या किसानों को ना हो.

ताल रोड रेलवे फाटक पर अंडर ब्रिज अनुपयोगी, ओवर ब्रिज अधूरा

अटल एक्सप्रेस वे में 52 फ़ीसदी जमीन सरकारी तो 48 फ़ीसदी किसानों की जमीन

एयरटेल एक्सप्रेस- वे निर्माण के लिए सरकार को जमीन का अधिग्रहण कर केंद्र सरकार को देना है. प्रोजेक्ट में 52 फ़ीसदी जमीन सरकारी है तो वहीं 48 फ़ीसदी जमीन किसानों की आ रही हैं. किसानों की जमीन को अधिग्रहण करने का जिम्मा मुरैना ,श्योपुर और भिंड जिले के जिला प्रशासन को दिया है. तीनों जिले का जिला प्रशासन अटल एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों से लगातार संपर्क में हैं. मुरैना में लगभग 55 गांव से अधिक के किसानों की 42 बीघा से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण होना है. श्योपुर में 1000 से अधिक किसानों से लगभग 3000 बीघा से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण होना है.

एक्सप्रेस- वे बनने के बाद चंबल के लोगों को मिलेगा रोजगार

अटल एक्सप्रेस- वे बनने के बाद चंबल इलाकों में विकास कार्यों के कई रास्ते खुल जाएंगे. एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ बड़े-बड़े उद्योग लगाए जाएंगे. साथ ही चंबल इलाके के लोगों को छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार की तरफ से मदद की जाएगी. ताकि चंबल अंचल के लोगों को इसका फायदा पहुंच सके. चंबल के लोगों के लिए बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है अटल एक्सप्रेस- वे बनने के बाद यहां रोजगार के भरपूर साधन उपलब्ध होंगे.

ग्वालियर। चंबल अंचल के विकास की महत्वाकांक्षी योजना "अटल एक्सप्रेस वे" के लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है. यह एक्सप्रेस वे मुरैना ,भिंड और श्योपुर जिले से होकर गुजरेगा. इस एक्सप्रेस- वे के जरिए 394 किलोमीटर का सफर लोग तय कर सकेंगे. एक्सप्रेस- वे बनने के बाद रोजगार के कई अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे.

चंबल अंचल को मिली अटल एक्सप्रेस-वे की सौगात

चंबल के बीहड़ों से गुजरने वाला यह "अटल एक्सप्रेस वे" चंबल वासियों के लिए विकास की सौगात लेकर आएगा. अटल एक्सप्रेस वे बनने के बाद चंबल के लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा. शिवराज सरकार ने सबसे पहले इस महत्वाकांक्षी योजना का नाम चंबल एक्सप्रेस वे के नाम पर रखा था. बाद में इसका नाम "चम्बल प्रोग्रेस वे" रख गया. तीसरी बार इसका नाम अटल जी के नाम पर "अटल एक्सप्रेस वे" रखा गया.

मुरैना ,भिंड और श्योपुर जिले से होकर गुजरेगा अटल एक्सप्रेस- वे

चंबल के बीहड़ से गुजरने वाला यह अटल एक्सप्रेस वे मुरैना, भिंड और श्योपुर जिलों से होकर गुजरेगा. यह अटल एक्सप्रेस वे राजस्थान की सीमा दीगोद करेगा. यह मुरैना और भिंड होते हुए उत्तर प्रदेश को टच करेगा. अटल एक्सप्रेस भी 394 किलोमीटर का रहेगा. जिसमें 144 किलोमीटर का हिस्सा मुरैना जिले का, 97 किलोमीटर श्योपुर और 67 किलोमीटर भिंड जिले का हिस्सा शामिल रहेगा.

चंबल अंचल में विकास की नई नींव रखेगा यह "अटल एक्सप्रेस वे"

बीहड़, बागी के नाम से बदनाम चंबल अंचल के लोगों के लिए यह अटल एक्सप्रेसवे विकास की एक नई रेखा खीचेगा. अटल एक्सप्रेस वे के दौरान चंबल की बीहड़ों का समतलीकरण किया जाएगा. किसानों को दी जाने वाली जमीन भी कृषि योग्य बनाकर उन्हें दी जाएगी. ताकि किसी भी तरह की समस्या किसानों को ना हो.

ताल रोड रेलवे फाटक पर अंडर ब्रिज अनुपयोगी, ओवर ब्रिज अधूरा

अटल एक्सप्रेस वे में 52 फ़ीसदी जमीन सरकारी तो 48 फ़ीसदी किसानों की जमीन

एयरटेल एक्सप्रेस- वे निर्माण के लिए सरकार को जमीन का अधिग्रहण कर केंद्र सरकार को देना है. प्रोजेक्ट में 52 फ़ीसदी जमीन सरकारी है तो वहीं 48 फ़ीसदी जमीन किसानों की आ रही हैं. किसानों की जमीन को अधिग्रहण करने का जिम्मा मुरैना ,श्योपुर और भिंड जिले के जिला प्रशासन को दिया है. तीनों जिले का जिला प्रशासन अटल एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों से लगातार संपर्क में हैं. मुरैना में लगभग 55 गांव से अधिक के किसानों की 42 बीघा से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण होना है. श्योपुर में 1000 से अधिक किसानों से लगभग 3000 बीघा से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण होना है.

एक्सप्रेस- वे बनने के बाद चंबल के लोगों को मिलेगा रोजगार

अटल एक्सप्रेस- वे बनने के बाद चंबल इलाकों में विकास कार्यों के कई रास्ते खुल जाएंगे. एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ बड़े-बड़े उद्योग लगाए जाएंगे. साथ ही चंबल इलाके के लोगों को छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार की तरफ से मदद की जाएगी. ताकि चंबल अंचल के लोगों को इसका फायदा पहुंच सके. चंबल के लोगों के लिए बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है अटल एक्सप्रेस- वे बनने के बाद यहां रोजगार के भरपूर साधन उपलब्ध होंगे.

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