ग्वालियर। चंबल अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय कभी लोगों को जिंदगी देता था, लेकिन आज अपनी ही बदहाली और अव्यवस्थाओं के चलते में खुद ही बीमार हो चुका है. प्रदेश के सियासी गढ़ ग्वालियर में सालों से इस अस्पताल की बीमारी का कोई इलाज नहीं हो सका है. इसे देखकर यही कहा जा सकता है कि, इस अस्पताल तो खुद इलाज की जरूरत है.
भीषण गर्मी में बंद पड़े कूलर, पंखे. खुले में पड़ी हुई गंभीर मरीजों की जांच रिपोर्ट. स्ट्रेचर ढोने को मजबूर मरीजों के परिजन, ये सब देखकर तो ऐसा लग रह है कि, इस अस्पताल में सब कुछ भगवान भरोसे ही चल रहा है. बदहाली का आलम ये है कि, इन खामियों की वजह से कई लोगों की जान तक जा चुकी है. कोरोना काल में भी सरकारों ने हर जगह हेल्थ सुविधाओं में बढ़ोतरी की है, लेकिन ग्वालियर-चंबल अंचल का ये अस्पताल आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
जयारोग्य अस्पताल अधीक्षक आरकेएस धाकड़ का कहना है कि, उन्होंने कुछ दिन पहले ही चार्ज संभाला है. इसलिए खामियों को दुरुस्त करने में वक्त लगेगा. सालों पुराने इस अस्पताल के कंधों पर ग्वालियर चंबल सम्भाग के साथ ही, उत्तरप्रदेश व राजस्थान के कई जिलों से आने वाले गंभीर मरीजों के जिम्मेदारी है. लेकिन इसकी दुर्दशा की तस्वीर बदलती नजर नहीं आती है.