ग्वालियर। पालपुर कूनो घराने के वंशज गोपाल देव सिंह पालपुर का कहना है कि जिन शर्तों पर हमारे घराने ने यह जमीन अभयारण्य के लिए दी थी, उन शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है. न तो हमें हमारे किले और मंदिर के अंदर जाने दिया जा रहा है, न ही सरकार ने हमें मुआवजा दिया है. इतना ही नहीं, चीता विस्थापन के कार्यक्रम में एक बार भी हमारे घराने का नाम नहीं लिया गया. इसी सम्मान को पाने के लिए हम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं.
राजघराने ने अपनी संपत्ति वापस मांगी : कूनो अभयारण्य के लिए अपनी 222 बीघा जमीन और किला देने वाले पालपुर राजघराने ने अब अपनी संपत्ति वापस (kuno land allotment) मांगी है. राजपरिवार के वंशज ने राज्य सरकार के खिलाफ कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि उन्होंने अपनी संपत्ति शेरों के लिए दी थी. अभयारण्य में शेर नहीं आए, अब चीतों को लाया गया. इसलिए उन्हें उनकी संपत्ति वापस दी जानी चाहिए. इसे लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
मामला कोर्ट में पहुंचा : ये मामला विजयपुर सेशन कोर्ट में है. राजपरिवार के वंशज कृष्णराज सिंह के मुताबिक सरकार ने उनके साथ धोखा किया है. जो 222 बीघा जमीन, किले, मंदिर गढ़ी, 24 गांवों के लोगों को साथ लेकर वहां से चले आने का मुआवजा सिर्फ 45 बीघा जमीन से किया है. इसलिए वह अब कोर्ट की शरण में हैं.