ग्वालियर। साल में एक बार खुलने वाले भगवान कार्तिकेय के पट आधी रात के बाद ठीक 12 बजे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए. खराब मौसम के बावजूद भगवान कार्तिकेय के मंदिर में देश भर से आए श्रद्धालुओं का जमावड़ा तड़के से ही लगा है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के एकमात्र भगवान कार्तिकेय के इस मंदिर के पट साल में सिर्फ कार्तिक पूर्णिमा को ही खुलते हैं.
भगवान कार्तिक के दर्शन मात्र से मिलता है लाभ: भगवान शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय अपने भाई गणेश से शर्त हारने के बाद खुद को ही शापित कर लिया था और उन्होंने किसी को भी अपने दर्शन नहीं देने की ठान ली थी. देवताओं के मनाने के बाद उन्होंने सिर्फ कार्तिक पूर्णिमा को ही भक्तों को दर्शन देने की हामी भरी थी. मान्यता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय के जो महिला दर्शन करती है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वहीं जो पुरुष कार्तिक पूर्णिमा को भगवान कार्तिकेय के दर्शन करता है, उसे नर्क से सात जन्मों के लिए मुक्ति मिल जाती है. ग्वालियर में यह मंदिर चार शताब्दियों पुराना है, जो शहर के जीवाजीगंज में स्थित है.
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पुलिस ने श्रद्धालुओं के लिए की व्यवस्था: श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए हनुमान चौराहे से बहोड़ापुर के मार्ग को पुलिस ने अपने अधिकार क्षेत्र में लिया. वहां ट्रैफिक व्यवस्था लगाई गई है, ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. वहीं श्रद्धालु देश के अलग-अलग इलाकों से आकर पूजा अर्चना और अभिषेक कर रहे हैं. भक्तों का कहना है कि यहां कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान के दर्शन करने से हर मनोकामना पूरी होती है और जिन भक्तों की मनोकामना पूरी होती है, वे श्रद्धा अनुसार वहां प्रसाद वितरण करते हैं.