ग्वालियर। बीजेपी राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो दिवसीय दौरे से अब तस्वीर साफ हो गई है कि जल्द ही उनके समर्थकों को बीजेपी की सरकार में सत्ता की कुर्सी वापस मिलने जा रही है. इसमें वो नेता शामिल हैं जो विधानसभा उपचुनाव हार गए थे. इस फेहरिस्त में पूर्व मंत्री इमरती देवी, एदल सिंह कंसाना और गिर्राज दंडोतिया समेत 10 से अधिक नेताओं के नाम निगम मंडल अध्यक्ष पद के लिए तय कर दिए गए हैं. इन नेताओं की जल्द ही निगम मंडलों में अध्यक्ष पद की ताजपोशी की जाएगी और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा. इसके लिए सिंधिया की सरकार के मुखिया से लगभग सहमति मिल गई है. जिसके चलते इसी सप्ताह में निगम और मंडलों में नियुक्तियां हो सकती है.
पद की नहीं है लालसा, मौका मिलेगा तो फिर से करेंगे सेवा - इमरती देवी
सिंधिया समर्थक और पूर्व मंत्री इमरती देवी ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि वह जमीनी नेता हैं, उन्हें पद का लालच नहीं है. अगर शीर्ष नेतृत्व की ओर से मौका दिया जाता है तो वह पहले की ही तरह जनता की सेवा करती रहेंगी.
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सिंधिया ने पदों को लेकर की थी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात
दरअसल सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने भोपाल प्रवास के दौरान निगम मंडल में पदों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा और संघ के नेताओं से मुलाकात की थी. जिसमें सिंधिया ने अपने कुछ समर्थकों को विकास प्राधिकरण में पद देने के लिए कहा है. इसके बाद यह माना जा रहा है कि ग्वालियर, उज्जैन और देवास समेत कुछ प्राधिकरण के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सिंधिया समर्थकों को मिल सकती है. इसमें पूर्व विधायक भी हो सकते हैं, जो तीन मंत्रियों के अलावा उपचुनाव हारने वालो में शामिल है. इनके नाम भी तय हो चुके हैं. इस पर सहमति के बाद नगरीय विकास और आवास विभाग में आदेश जारी किया जा सकता है.