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ज्योतिरादित्य सिंधिया संत कृपाल सिंह के आध्यात्मिक केंद्र पहुंचे, मुलाकात को बताया शिष्टाचार भेंट - both told courtesy call to meet

रविवार को अचानक बहोड़ापुर स्थित संत कृपाल सिंह के आध्यात्मिक केंद्र राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे. इस दौरान दोनों ने 20 मिनट चर्चा की और बैठक के बाद इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया.

Jyotiraditya Scindia-Sant Kripal Singh
ज्योतिरादित्य सिंधिया-संत कृपाल सिंह
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Published : Sep 13, 2020, 6:04 PM IST

ग्वालियर। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को अचानक बहोड़ापुर स्थित संत कृपाल सिंह के आध्यात्मिक केंद्र पर पहुंचे. जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया ने करीब 20 मिनट तक संत कृपाल सिंह से चर्चा की. हालांकि इस मुलाकात को उन्होंने सिर्फ शिष्टाचार भेंट बताया है और उसके राजनीतिक मायने नहीं निकालने की बात कही है. दरअसल उपचुनाव की गतिविधियां शुरू हो चुकी है. ऐसे में संत महात्मा के दरबार में राजनेताओं का आना जाना भी शुरू हो गया है. करीब एक सप्ताह पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आध्यात्मिक केंद्र पर पहुंचे थे. वहां उन्होंने करीब आधा घंटा बिताया था और संत कृपाल सिंह से लंबी बातचीत की थी. तब कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस की तरफ से संत कृपाल सिंह ग्वालियर पूर्व अथवा अन्य विधानसभा से उम्मीदवार हो सकते हैं. लेकिन रविवार को राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आध्यात्मिक केंद्र पहुंचे और उनसे मुलाकात की.

ज्योतिरादित्य सिंधिया संत कृपाल सिंह के आध्यात्मिक केंद्र पहुंचे

इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आश्रम में कुछ वक्त गुजारा. इसके बाद में उन्होंने इस मुलाकात को निजी मुलाकात बताया. सिंधिया ने कहा कि सिंधिया परिवार से संत कृपाल सिंह के 40 साल पुराने संबंध है. उनके पिताजी और वह खुद यहां अक्सर आते रहे हैं. वहीं इस मुलाकात को संत कृपाल सिंह ने भी मात्र शिष्टाचार भेंट बताया है और कहा है उनके यहां उनके आध्यात्मिक केंद्र में कांग्रेस, भाजपा अथवा दूसरे दलों के भी लोग आते हैं और इसे चुनाव से जोड़ना और उनकी उम्मीदवारी साबित करना गलत होगा.

ग्वालियर। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को अचानक बहोड़ापुर स्थित संत कृपाल सिंह के आध्यात्मिक केंद्र पर पहुंचे. जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया ने करीब 20 मिनट तक संत कृपाल सिंह से चर्चा की. हालांकि इस मुलाकात को उन्होंने सिर्फ शिष्टाचार भेंट बताया है और उसके राजनीतिक मायने नहीं निकालने की बात कही है. दरअसल उपचुनाव की गतिविधियां शुरू हो चुकी है. ऐसे में संत महात्मा के दरबार में राजनेताओं का आना जाना भी शुरू हो गया है. करीब एक सप्ताह पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आध्यात्मिक केंद्र पर पहुंचे थे. वहां उन्होंने करीब आधा घंटा बिताया था और संत कृपाल सिंह से लंबी बातचीत की थी. तब कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस की तरफ से संत कृपाल सिंह ग्वालियर पूर्व अथवा अन्य विधानसभा से उम्मीदवार हो सकते हैं. लेकिन रविवार को राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आध्यात्मिक केंद्र पहुंचे और उनसे मुलाकात की.

ज्योतिरादित्य सिंधिया संत कृपाल सिंह के आध्यात्मिक केंद्र पहुंचे

इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आश्रम में कुछ वक्त गुजारा. इसके बाद में उन्होंने इस मुलाकात को निजी मुलाकात बताया. सिंधिया ने कहा कि सिंधिया परिवार से संत कृपाल सिंह के 40 साल पुराने संबंध है. उनके पिताजी और वह खुद यहां अक्सर आते रहे हैं. वहीं इस मुलाकात को संत कृपाल सिंह ने भी मात्र शिष्टाचार भेंट बताया है और कहा है उनके यहां उनके आध्यात्मिक केंद्र में कांग्रेस, भाजपा अथवा दूसरे दलों के भी लोग आते हैं और इसे चुनाव से जोड़ना और उनकी उम्मीदवारी साबित करना गलत होगा.

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