ग्वालियर। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को अचानक बहोड़ापुर स्थित संत कृपाल सिंह के आध्यात्मिक केंद्र पर पहुंचे. जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया ने करीब 20 मिनट तक संत कृपाल सिंह से चर्चा की. हालांकि इस मुलाकात को उन्होंने सिर्फ शिष्टाचार भेंट बताया है और उसके राजनीतिक मायने नहीं निकालने की बात कही है. दरअसल उपचुनाव की गतिविधियां शुरू हो चुकी है. ऐसे में संत महात्मा के दरबार में राजनेताओं का आना जाना भी शुरू हो गया है. करीब एक सप्ताह पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आध्यात्मिक केंद्र पर पहुंचे थे. वहां उन्होंने करीब आधा घंटा बिताया था और संत कृपाल सिंह से लंबी बातचीत की थी. तब कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस की तरफ से संत कृपाल सिंह ग्वालियर पूर्व अथवा अन्य विधानसभा से उम्मीदवार हो सकते हैं. लेकिन रविवार को राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आध्यात्मिक केंद्र पहुंचे और उनसे मुलाकात की.
इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आश्रम में कुछ वक्त गुजारा. इसके बाद में उन्होंने इस मुलाकात को निजी मुलाकात बताया. सिंधिया ने कहा कि सिंधिया परिवार से संत कृपाल सिंह के 40 साल पुराने संबंध है. उनके पिताजी और वह खुद यहां अक्सर आते रहे हैं. वहीं इस मुलाकात को संत कृपाल सिंह ने भी मात्र शिष्टाचार भेंट बताया है और कहा है उनके यहां उनके आध्यात्मिक केंद्र में कांग्रेस, भाजपा अथवा दूसरे दलों के भी लोग आते हैं और इसे चुनाव से जोड़ना और उनकी उम्मीदवारी साबित करना गलत होगा.