ETV Bharat / state

सिंधिया की रक्षा मंत्री से मांग, DRDO के प्रतिबंधित दायरे की सीमा कम करें - ग्वालियर

राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. सिंधिया ने रक्षा मंत्री से मुलाकात में विशेष रुप से ग्वालियर डीआरडीओ के मुद्दा उठाया. सांसद सिंधिया ने डीआरडीओ लैब के जल्द से जल्द स्थापना और उसके आसपास निर्माण के दायरे में 200 मीटर के प्रतिबंध को घटाकर 10 मीटर करने की सिफारिश की है.

Scindia and Rajnath Singh
सिंधिया और राजनाथ सिंह
author img

By

Published : Feb 23, 2021, 3:07 PM IST

Updated : Feb 23, 2021, 3:21 PM IST

ग्वालियर। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. इसके साथ ही उन्होंने ग्वालियर के रेलवे स्टेशन के पास स्थापित रक्षा अनुसंधान व विकास स्थापना यानी डीआरडीओ लैब के जल्द से जल्द स्थापना और उसके आसपास निर्माण के दायरे में 200 मीटर के प्रतिबंध को घटाकर 10 मीटर करने की सिफारिश की है.

संपत्तियां टूटने का मंडरा रहा खतरा

गौरतलब है कि ग्वालियर में डीआरडीओ लैब को लेकर लंबे समय से जद्दोजहद जारी है. नियम अनुसार लैब के आसपास 200 मीटर की परिधि में किसी भी तरह के निर्माण की मनाही है, लेकिन ग्वालियर में डीआरडीओ के आसपास करीब 11000 करोड़ की सरकारी, गैर सरकारी अचल संपत्तियां हैं, जिन पर टूटने का खतरा मंडरा रहा था.

DRDO
डीआरडीओ

पिछले दिनों डीआरडीओ ने अपने क्रिटिकल पार्ट को अन्यंत्र स्थापित करने को सैद्धांतिक सहमति दे दी थी. इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार से जमीन का आवंटन भी डीआरडीओ को हो चुका है.सांसद सिंधिया ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर लैब के क्रिटिकल पार्ट को जल्द से जल्द शिफ्ट कराने की मांग की है. वहीं सिटी सेंटर में लेफ्ट के आसपास के निर्माण कार्य की प्रतिबंधित सीमा को 200 मीटर से घटाकर 10 मीटर करने का अनुरोध किया है. मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री ने दोनों प्रमुख मांगों पर अपनी सहमति जताई है. उन्होंने रक्षा मंत्री का ग्वालियर की जनता की ओर से आभार जताया है.

DRDO की लैब शिफ्टिंग का रास्ता साफ, नहीं तोड़े जाएंगे 200 मीटर दायरे वाले भवन

साल 2015 में स्थानीय प्रशासन ने हाईकोईट में दायर की थी याचिका

दरअसल, केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक डीआरडीओ के 200 मीटर आस-पास कोई भवन नहीं होना चाहिए और 200 मीटर के दायरे में आने वाले सभी वैध-अवैध भवनों को तोड़ने के लिए कोर्ट ने आदेश जारी कर दिए थे. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद स्थानीय प्रशासन ने 2015 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और हाईकोर्ट ने नगर निगम को आसपास बने भवनों को तोड़ने का आदेश जारी कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने भवनों को तोड़ने में लगाई थी रोक

इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दायर की थी. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भवनों को तोड़ने पर रोक लगा दी थी. साथ ही शासन को डीआरडीओ के लिए नई जमीन तलाशने के निर्देश दे दिए थे.

ग्वालियर। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. इसके साथ ही उन्होंने ग्वालियर के रेलवे स्टेशन के पास स्थापित रक्षा अनुसंधान व विकास स्थापना यानी डीआरडीओ लैब के जल्द से जल्द स्थापना और उसके आसपास निर्माण के दायरे में 200 मीटर के प्रतिबंध को घटाकर 10 मीटर करने की सिफारिश की है.

संपत्तियां टूटने का मंडरा रहा खतरा

गौरतलब है कि ग्वालियर में डीआरडीओ लैब को लेकर लंबे समय से जद्दोजहद जारी है. नियम अनुसार लैब के आसपास 200 मीटर की परिधि में किसी भी तरह के निर्माण की मनाही है, लेकिन ग्वालियर में डीआरडीओ के आसपास करीब 11000 करोड़ की सरकारी, गैर सरकारी अचल संपत्तियां हैं, जिन पर टूटने का खतरा मंडरा रहा था.

DRDO
डीआरडीओ

पिछले दिनों डीआरडीओ ने अपने क्रिटिकल पार्ट को अन्यंत्र स्थापित करने को सैद्धांतिक सहमति दे दी थी. इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार से जमीन का आवंटन भी डीआरडीओ को हो चुका है.सांसद सिंधिया ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर लैब के क्रिटिकल पार्ट को जल्द से जल्द शिफ्ट कराने की मांग की है. वहीं सिटी सेंटर में लेफ्ट के आसपास के निर्माण कार्य की प्रतिबंधित सीमा को 200 मीटर से घटाकर 10 मीटर करने का अनुरोध किया है. मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री ने दोनों प्रमुख मांगों पर अपनी सहमति जताई है. उन्होंने रक्षा मंत्री का ग्वालियर की जनता की ओर से आभार जताया है.

DRDO की लैब शिफ्टिंग का रास्ता साफ, नहीं तोड़े जाएंगे 200 मीटर दायरे वाले भवन

साल 2015 में स्थानीय प्रशासन ने हाईकोईट में दायर की थी याचिका

दरअसल, केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक डीआरडीओ के 200 मीटर आस-पास कोई भवन नहीं होना चाहिए और 200 मीटर के दायरे में आने वाले सभी वैध-अवैध भवनों को तोड़ने के लिए कोर्ट ने आदेश जारी कर दिए थे. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद स्थानीय प्रशासन ने 2015 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और हाईकोर्ट ने नगर निगम को आसपास बने भवनों को तोड़ने का आदेश जारी कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने भवनों को तोड़ने में लगाई थी रोक

इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दायर की थी. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भवनों को तोड़ने पर रोक लगा दी थी. साथ ही शासन को डीआरडीओ के लिए नई जमीन तलाशने के निर्देश दे दिए थे.

Last Updated : Feb 23, 2021, 3:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.