ग्वालियर। ग्वालियर और उसके आसपास के शहरों के विकास को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट में बैठक ली. बैठक में सिंधिया ने विकास की दृष्टि से आने वाले समय में अपने कुछ सुझाव भी दिए हैं, वहीं जनप्रतिनिधियों और संगठन के लोगों से भी सुझाव मांगे हैं. बैठक को उन्होंने एक सफल मीटिंग बताते हुए कहा है कि कुल मिलाकर 9 थीम पर काम किया जाना है. जिसमें सबसे पहले पर्यटन और संगीत के क्षेत्र में काम किया जाएगा.
पर्यटक को बढ़ावा देने के लिए बनाई रणनीति
सिंधिया ने कहा कि विरासत के रूप में ग्वालियर में कई ऐतिहासिक स्थल है. जिसमें राज परिवार के इतिहास के साथ ही किला स्थित दाताबंदी छोड़, गोपाचल पर्वत की सदियों पुरानी चट्टानों पर उकेरी गई प्रतिमाएं सहित कई पर्यटन स्थल हैं, जो देश के साथ ही विदेशी पर्यटन को भी आकर्षित करते हैं. इसके अलावा संगीत के सर्किट को भी बढ़ावा दिया जाएगा. ग्वालियर संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली है. इसके अलावा ग्वालियर घराना सरोद घर और कई मूर्धन्य संगीतज्ञ ग्वालियर से जुड़े हैं.
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ऐसे में पर्यटन और विरासत पर सबसे पहले काम किया जाएगा. इसकी समीक्षा अगले महीने यानी दिसंबर में की जाएगी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि वृहद रूप से विकास के लिए एक वाइल्डलाइफ सर्किट भी बनाया जाएगा, जो राजस्थान के रणथंभौर से शुरू होकर पन्ना तक कनेक्ट होगा. वाइल्ड लाइफ में श्योपुर में जहां चीता लाए जाने हैं.
वहीं शिवपुरी में बाघ लाए जाएंगे. इसके अलावा धार्मिक सर्किट भी बनाया जाएगा. यहां प्राचीन शनिश्चरा मंदिर दतिया स्थित पीतांबरा पीठ, धूमेश्वर महादेव मंदिर सहित कई प्राचीन गुफा और मंदिर है उन्हें विकसित कर बाहरी टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा.
इन 9 थीम पर किया जाएगा काम
- संगीत
- पर्यटन
- हस्तशिल्प कला
- धार्मिक सर्किट
- स्पोर्ट्स एक्टिविटी
- कल्चरल एक्टिविटी
- वाइल्डलाइफ सर्किट
- ऐतिहासिक स्थल
- नेशनल पार्क विकसित करना
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स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने की जरूरत
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हस्तशिल्प कला चंदेरी की साड़ी, ग्वालियर पॉटरीज और कला के क्षेत्र में काम किया जाएगा. इसके अलावा साल भर चलने वाले इवेंट कैलेंडर को बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री सिधिंया ने प्रशासनिक अमले को निर्देश दिए हैं. जिसमें स्पोर्ट्स एक्टिविटी, कल्चरल एक्टिविटी अन्य विधाएं शामिल होंगी. उन्होंने कहा कि ग्वालियर अब वायु और रेल मार्ग से पूरे देश से जुड़ा हुआ है. आने वाले समय में सड़कों का जाल भी और ज्यादा बेहतर हो जाएगा. ऐसे में हमें स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने की जरूरत है.