ग्वालियर। आईटीएम विश्व विद्यालय के सभागार में जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के पूर्व न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय सहित कई अन्य जज मौजूद रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय ने कहा कि 'मैंने अपने सर्विस पीरिएड में जिस पीड़ा को महसूस किया उसे पत्र में लिखकर प्रधानमंत्री को भेजा है'. उन्होंने सवाल किया कि जब एक चपरासी के लिए पारदर्शिता और योग्यता नियुक्ति का पैमाना ही सकती है, तो हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट के जजों की नियुक्ति में इसे क्यों नहीं माना जाता ?
बता दें कि ग्वालियर के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविंद दुबे के नेतृत्व में न्याय सत्याग्रह की शुरुआत रविवार से की जा रही है. इसके तहत न्याय मित्र से जुड़े सदस्य हाई कोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार को अपनी मांगों से संबंधित सुझाव पत्र सौंपेंगे.
⦁ जिसमें जजों की नियुक्ति और चयन की प्रक्रिया में बदलाव के लिए मांग की जा रही है.
⦁ साथ ही ग्रीष्म और शीतकालीन अवकाश की समाप्ति और किसी अधिवक्ता के मरने पर रेफरेंस की प्रथा खत्म करने की भी मांग की जा रही है.
⦁ इसके अलावा किसी भी केस में दोनों पक्षों को 3 से अधिक तारीखें नहीं देने और स्थगन की सीमा निर्धारित करने जैसी कुछ मांगें शामिल हैं.