ETV Bharat / state

जजों की नियुक्ति सिफारिश से नहीं, बल्कि योग्यता और मेरिट के आधार पर हो - पूर्व न्यायमूर्ति - पूर्व न्यायधीश रंगनाथ पांडे सहित कई अन्य न्यायाधीश मौजूद थे

आईटीएम विश्व विद्यालय के सभागार में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के पूर्व न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय शामिल हुए.

जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन
author img

By

Published : Jul 21, 2019, 3:31 PM IST

Updated : Jul 21, 2019, 3:39 PM IST

ग्वालियर। आईटीएम विश्व विद्यालय के सभागार में जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के पूर्व न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय सहित कई अन्य जज मौजूद रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय ने कहा कि 'मैंने अपने सर्विस पीरिएड में जिस पीड़ा को महसूस किया उसे पत्र में लिखकर प्रधानमंत्री को भेजा है'. उन्होंने सवाल किया कि जब एक चपरासी के लिए पारदर्शिता और योग्यता नियुक्ति का पैमाना ही सकती है, तो हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट के जजों की नियुक्ति में इसे क्यों नहीं माना जाता ?

जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन

बता दें कि ग्वालियर के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविंद दुबे के नेतृत्व में न्याय सत्याग्रह की शुरुआत रविवार से की जा रही है. इसके तहत न्याय मित्र से जुड़े सदस्य हाई कोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार को अपनी मांगों से संबंधित सुझाव पत्र सौंपेंगे.

⦁ जिसमें जजों की नियुक्ति और चयन की प्रक्रिया में बदलाव के लिए मांग की जा रही है.
⦁ साथ ही ग्रीष्म और शीतकालीन अवकाश की समाप्ति और किसी अधिवक्ता के मरने पर रेफरेंस की प्रथा खत्म करने की भी मांग की जा रही है.
⦁ इसके अलावा किसी भी केस में दोनों पक्षों को 3 से अधिक तारीखें नहीं देने और स्थगन की सीमा निर्धारित करने जैसी कुछ मांगें शामिल हैं.

ग्वालियर। आईटीएम विश्व विद्यालय के सभागार में जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के पूर्व न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय सहित कई अन्य जज मौजूद रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय ने कहा कि 'मैंने अपने सर्विस पीरिएड में जिस पीड़ा को महसूस किया उसे पत्र में लिखकर प्रधानमंत्री को भेजा है'. उन्होंने सवाल किया कि जब एक चपरासी के लिए पारदर्शिता और योग्यता नियुक्ति का पैमाना ही सकती है, तो हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट के जजों की नियुक्ति में इसे क्यों नहीं माना जाता ?

जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन

बता दें कि ग्वालियर के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविंद दुबे के नेतृत्व में न्याय सत्याग्रह की शुरुआत रविवार से की जा रही है. इसके तहत न्याय मित्र से जुड़े सदस्य हाई कोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार को अपनी मांगों से संबंधित सुझाव पत्र सौंपेंगे.

⦁ जिसमें जजों की नियुक्ति और चयन की प्रक्रिया में बदलाव के लिए मांग की जा रही है.
⦁ साथ ही ग्रीष्म और शीतकालीन अवकाश की समाप्ति और किसी अधिवक्ता के मरने पर रेफरेंस की प्रथा खत्म करने की भी मांग की जा रही है.
⦁ इसके अलावा किसी भी केस में दोनों पक्षों को 3 से अधिक तारीखें नहीं देने और स्थगन की सीमा निर्धारित करने जैसी कुछ मांगें शामिल हैं.

Intro:ग्वालियर- न्यायपालिका में कॉलेजियम सिस्टम को लेकर अब भीतर से ही आवाज उठ रही है। पहली जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस रंगनाथ पांडे ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति में पारदर्शिता होनी चाहिए। जजों की नियुक्ति योग्यता और प्रतिस्पर्धा के जरिए होना चाहिए ना की सिफारिश से। जस्टिस रंगनाथ पांडेय ने कहा कि जब चपरासी से लेकर सिविल जज को कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ता है तो उच्च पदों पर रहने वाले सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज उसका पालन क्यों नहीं करें ताकि लोगों को सस्ता सुलभ और निष्पक्ष न्याय मिल सके।Body:वे आईटीएम विश्व विद्यालय के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। न्याय मित्र और चर्चा मंडल के सहयोग से आईटीएम विश्व विद्यालय के उस्ताद अल्लाउद्दीन खान सभागार में आज न्यायपालिका में बुनियादी सुधार विषय पर एक जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के पूर्व न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडेय थे । उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने सर्विस पीरिएड में जिस पीड़ा को महसूस किया उसे पत्र में लिखकर प्रधानमंत्री को भेजा है। उन्होंने सवाल किया कि जब एक चपरासी के लिए पारदर्शिता और योग्यता नियुक्ति का पैमाना ही सकता है तो हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट के जजों की नियुक्ति में ये क्यों नहीं हो सकता।

Conclusion:ग्वालियर में प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ अरविंद दुबे के नेतृत्व में न्याय सत्याग्रह की शुरुआत रविवार से की जा रही है इसके तहत न्याय मित्र से जुड़े सदस्य हाई कोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार को अपनी मांगों से संबंधित सुझाव पत्र सौंपेंगे जिसमें जजों की नियुक्ति और चयन की प्रक्रिया में बदलाव लंबे ग्रीष्म और शीतकालीन अवकाश ओं की समाप्ति किसी अधिवक्ता के मरने पर रेफरेंस की प्रथा खत्म करने किसी भी केस में दोनों पक्षों को 3 से अधिक तारीखे नहीं देने और स्थगन की सीमा निर्धारित करने जैसी कुछ मांगे शामिल है इसमें मित्र संगठन में देश के कई बुद्धिजीवियों को भविष्य में जोड़े जाने की संभावना है फिलहाल ग्वालियर के बुद्धिजीवी संगठन से जुड़े हैं।
बाईट - रंगनाथ पांडेय.......पूर्व न्यायमूर्ति इलाहाबाद हाईकोर्ट
Last Updated : Jul 21, 2019, 3:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.