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बीएससी नर्सिंग घोटाला: JU ने थाने में दर्ज कराई एफआईआर

बीएससी नर्सिंग मामले में जीवाजी विश्वविद्यालय प्रशासन ने यूनिवर्सिटी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. ये प्राथमिकी अज्ञातों के खिलाफ दर्ज की गई है.

Jiwaji University
जीवाजी विश्वविद्यालय
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Published : Mar 10, 2021, 8:33 PM IST

ग्वालियर। बीएससी नर्सिंग की परीक्षा में हुई गड़बड़ी के मामले आखिरकार जीवाजी विश्वविद्यालय प्रशासन ने यूनिवर्सिटी थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है, लेकिन यह प्राथमिकी अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है.

करीब 6 बार किया गया आंदोलन

दरअसल, करीब 3 महीने पहले बीएससी नर्सिंग के अंतिम वर्ष के कुछ छात्रों को फेल होने के बावजूद पास करा दिया गया था. इस मामले में जब कार्य परिषद के सदस्य अनूप अग्रवाल ने मुद्दे को उठाया, तो अन्य छात्र संगठन भी उनके साथ आ गए, जहां जीवाजी विश्वविद्यालय के विरोध में करीब 6 बार आंदोलन किया गया. कुलपति संगीता शुक्ला का बंगला भी छात्रों ने घेरा था.

छात्रों की मांग थी कि इस मामले में निष्पक्ष रूप से जांच कराई जाए. साथ ही जिन लोगों ने इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने स्तर पर जांच कमेटी गठित की. उसके बाद परीक्षा नियंत्रक सहित पांच लोगों को निलंबित कर दिया. छात्रों और कार्य परिषद के सदस्यों की ये भी मांग थी कि उच्च पदों पर बैठे गोपनीय विभाग के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए, जिनके हस्ताक्षर से ये पूरा घोटाला हुआ है.

एफआईआर दर्ज

बीएससी नर्सिंग घोटाला: कुलपति ने रिपोर्ट को सीधे राजभवन और उच्च शिक्षा विभाग भेजा

इस मामले की शिकायत कार्य परिषद के सदस्यों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को की थी, तब भोपाल से मिले निर्देशों के मुताबिक इस मामले में अब विश्वविद्यालय थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. कार्य परिषद के सदस्यों ने इसे अपनी जीत बताया है. उनका कहना है कि इस मामले के असल गुनहगारों का पर्दाफाश होना चाहिए. जिन लोगों को फेल से पास किया गया है, अगर पुलिस उनसे कड़ाई से पूछताछ करें, तो पूरे मामले का खुलासा हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस जांच में अपने बयान भी दर्ज कराएंगे.

ग्वालियर। बीएससी नर्सिंग की परीक्षा में हुई गड़बड़ी के मामले आखिरकार जीवाजी विश्वविद्यालय प्रशासन ने यूनिवर्सिटी थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है, लेकिन यह प्राथमिकी अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है.

करीब 6 बार किया गया आंदोलन

दरअसल, करीब 3 महीने पहले बीएससी नर्सिंग के अंतिम वर्ष के कुछ छात्रों को फेल होने के बावजूद पास करा दिया गया था. इस मामले में जब कार्य परिषद के सदस्य अनूप अग्रवाल ने मुद्दे को उठाया, तो अन्य छात्र संगठन भी उनके साथ आ गए, जहां जीवाजी विश्वविद्यालय के विरोध में करीब 6 बार आंदोलन किया गया. कुलपति संगीता शुक्ला का बंगला भी छात्रों ने घेरा था.

छात्रों की मांग थी कि इस मामले में निष्पक्ष रूप से जांच कराई जाए. साथ ही जिन लोगों ने इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने स्तर पर जांच कमेटी गठित की. उसके बाद परीक्षा नियंत्रक सहित पांच लोगों को निलंबित कर दिया. छात्रों और कार्य परिषद के सदस्यों की ये भी मांग थी कि उच्च पदों पर बैठे गोपनीय विभाग के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए, जिनके हस्ताक्षर से ये पूरा घोटाला हुआ है.

एफआईआर दर्ज

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इस मामले की शिकायत कार्य परिषद के सदस्यों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को की थी, तब भोपाल से मिले निर्देशों के मुताबिक इस मामले में अब विश्वविद्यालय थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. कार्य परिषद के सदस्यों ने इसे अपनी जीत बताया है. उनका कहना है कि इस मामले के असल गुनहगारों का पर्दाफाश होना चाहिए. जिन लोगों को फेल से पास किया गया है, अगर पुलिस उनसे कड़ाई से पूछताछ करें, तो पूरे मामले का खुलासा हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस जांच में अपने बयान भी दर्ज कराएंगे.

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