ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय की अध्ययन शाला के एक छात्र ने गिनीज बुक (Guinness book) में अपना नाम दर्ज कराने के लिए 20 दिनों तक लगातार 220 घंटे काम करते हुए मोजेक पोट्रेट (mosaic portrait) तैयार की है. दावा है कि यह सबसे बड़ी और अनोखी मोजेक पोट्रेट है. यह तकरीबन सवा लाख पिनों से तैयार की गई है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन की युद्ध से पहले शंखनाद की तस्वीर कैनवास पर उकेरी गई है.
4 महीने बाद मिला अप्रूवल
जीवाजी विश्वविद्यालय की अध्ययन शाला में पढ़ने वाले दुष्यंत भदौरिया ने अपने आइडिया को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness book of world record) के प्रबंधन को स्वीकृति के लिए आवेदन किया था. उसे 4 महीने बाद यानी 24 अप्रैल को इसकी स्वीकृति मिली थी.
1.20 लाख बोर्ड पिनों से तैयार की गई तस्वीर
छात्र दुष्यंत भदोरिया द्वारा विश्विद्यालय परिसर में स्थित गालव सभागार परिसर में इस अटेम्प्ट को पूरा करने का कार्य शुरू किया गया था।दुष्यंत ने इस वर्ल्ड लार्जेस्ट मोजेक पोट्रेट तैयार करने में लगभग 1 लाख 20 हजार बोर्ड पिनों का उपयोग किया है, जिसका उपयोग करते हुए दस गुना दस फीट के केनवास बोर्ड पर एक चित्र तैयार किया है. यह चित्र महाभारत से जुड़ी उस घटना को दर्शा रहा है, जब युद्ध से पहले भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन ने शंखनाद किया था.
अपने आप में खास है पोट्रेट
तैयार की गई पोर्ट्रेट अपने आप में बहुत खास है. पास से देखने पर तस्वीर समझ नहीं आती है, लेकिन दूर से देखने पर पूरा पोट्रेट एक सुंदर चित्र को दर्शाने लगता है. यही कारण है कि मौजेक पोट्रेट को तैयार करना भी बहुत मुश्किल होता है.
तस्वीर बनाने का पूरा प्रक्रम कैमरे में किया कैद
ऐसे में इस दावे को साबित करने के लिए इस दौरान किये गए काम का पूरा रिकॉर्ड कैमरे में भी कैद किया गया है. साथ ही गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम द्वारा तय की गई लोकल मॉनिटरिंग कमेटी के माध्यम से लगातार इस कार्य पर निगाह रखी गयी थी.
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गौरतलब है कि दुष्यंत द्वारा जनवरी माह में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में अप्लाई किया गया था, जिसका अप्रूवल उन्हें हाल ही में मिला था. जिसके बाद दुष्यंत इस पेंटिंग को तैयार करने में जुट गए. यह पेंटिंग गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की गाइडलाइन के हिसाब से तैयार की गई है. ऐसे में दुष्यंत द्वारा रिकॉर्ड के दावे से जुड़े सभी साक्ष्य गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के ऑफिस भेजे गए हैं. जहां मुख्य कमेटी पूरी जांच के बाद दुष्यंत को अवार्ड से नवाजेगी.