ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के आगामी वित्तीय वर्ष के लिए पेश किए गए बजट में मेडिकल कॉलेज के अलावा एग्रीकल्चर कॉलेज खोलने का भी प्रावधान किया गया है. इसके लिए विश्वविद्यालय ने पहले ही जमीन खरीद ली है. एमसीआई भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सहित अन्य संस्थाओं की मान्यता के बाद आयुर्वेदिक एवं एलोपैथिक कॉलेज का निर्माण किया जाएगा.
- रिसर्च फ्रेंडली अकादमिक बजट
गौरतलब है कि हाल ही में विश्व विद्यालय का करीब 135 करोड़ की व्यय का बजट पेश किया गया है. जबकि विश्वविद्यालय की विभिन्न स्रोतों से आय सिर्फ 125 करोड़ रुपए बताई गई है. जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने बताया कि यह बजट रिसर्च फ्रेंडली अकादमिक बजट है. जिसमें नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर इसे बड़े ध्यान पूर्वक विशेषज्ञों की देखरेख में तैयार कराया गया है. विश्वविद्यालय में शोध और शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्टमेंट प्लान भी तैयार किया गया है. इसके अलावा स्नातक कक्षाओं में ऑनर्स पाठ्यक्रम भी इस साल से शुरू किए जा रहे हैं. पूर्व में बीकॉम ऑनर्स, बीए ऑनर्स, बीएससी ऑनर्स के लिए दिल्ली अथवा भोपाल का रास्ता छात्रों को देखना पड़ता था. लेकिन अब ग्वालियर चंबल संभाग से जुड़े करीब 9 जिलों में छात्रों को विश्वविद्यालय से ही ऑनर्स की डिग्री मिल सकेगी.
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- बजट में स्कॉलरशिप और फेलोशिप प्रस्तावित
स्कॉलरशिप और फेलोशिप को छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए बजट में प्रस्तावित किए गए हैं. स्मार्ट क्लासेस और आधुनिक लैब भी इस बजट के माध्यम से आगामी वर्ष में बनाने का फैसला किया गया है. हमेशा की तरह कार्य परिषद के 2 सदस्यों अनूप अग्रवाल और मनेंद्र सोलंकी ने बजट से अपनी असहमति जताई है. लेकिन दूसरे कार्यपरिषद के सदस्यों ने इस बजट का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में नई गतिविधियां बढ़ने से विश्वविद्यालय का नाम रोशन होगा. वहीं छात्रों को नए अवसर मिलने से उन्हें भविष्य संवारने की एक नई किरण दी दिखाई देगी.