जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के लगभग डेढ़ लाख छात्रों की परीक्षाएं स्थगित हो गई हैं और अभी यह तय नहीं है कि इन परीक्षाओं को दोबारा कब कराया जाएगा. दरअसल, परीक्षाओं के रद्द होने की वजह विश्वविद्यालय के अधिकारी व कर्मचारी हैं जो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें न तो 7वां वेतनमान दिया जा रहा है और जो अधिकारी व कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं उन्हें पेंशन भी नहीं दी जा रही है. इन मांगों को लेकर विश्वविद्यालय के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं. अधिकारी व कर्मचारियों का कहना है कि सरकार जब तक 7वें वेतनमान की घोषणा नहीं करती है, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी.
बता दें अधिकारी कर्मचारी पिछले कई सालों से इसी मांग को लेकर आंदोलन करते रहे हैं, लेकिन सरकार ने इन्हें 7वां वेतनमान देने की घोषणा नहीं की है. वहीं राज्य सरकार के पास पहले ही खजाना खाली है ऐसी स्थिति में राज्य सरकार कोई भी नया वित्तीय भार लेने के लिए तैयार नहीं हैं. इसलिए यह तो स्पष्ट है कि कर्मचारियों को 7वां वेतनमान नहीं मिल पाएगा. ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय का कामकाज दोबारा कब शुरू होगा इस पर अनिश्चितता बनी हुई है.
यूजीसी का अनुदान बंदः दरअसल, राज्य सरकार और यूजीसी की ओर से विश्वविद्यालयों को जो अनुदान मिलता था वह धीरे-धीरे बंद कर दिया गया है, अब विश्वविद्यालयों में अनुदान नहीं आ रहा है. दूसरी ओर विश्वविद्यालयों से फीस के रूप में जो पैसा इकट्ठा होता है. उसमें से भी राज्य सरकार कुछ पैसा ले रही है. इसलिए विश्वविद्यालयों की वित्तीय स्थिति खराब है. ऐसी परिस्थिति में विश्वविद्यालय के इन कर्मचारियों को 7वां वेतनमान मिलने की संभावना न के बराबर है.
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700 से ज्यादा शिक्षकों के पद खालीः सरकारी विश्वविद्यालयों की स्थिति बड़ी दयनीय है, यहां 700 से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं और वित्तीय संकट से जूझती राज्य सरकार इन पदों को भरने की तैयारी में नहीं है. ऐसे हालात में वह दिन दूर नहीं जब विश्वविद्यालय के कई विभागों में ताले लटक जाएंगे और उन्हें बंद करने की नौबत खड़ी हो जाएगी.