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सक्षम चिटफंड कंपनी के निवेशकों को मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने कलेक्टर को दिए आदेश, संपत्ति बेचकर चुकाएं निवेशकों का पैसा - सक्षम डेयरी इंडिया लिमिटेड

ग्वालियर में पिछले कई सालों से सक्षम डेयरी इंडिया लिमिटेड के निवेशकों को शुक्रवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने कलेक्टर को आदेश दिया है कि सक्षम चिटफंड कंपनी की ग्वालियर में 2011 में अटैच की गई संपत्तियों को बेचकर निवेशकों का पैसा चुकाया जाए

सक्षम चिटफंड कंपनी के निवेशकों को मिली बड़ी राहत
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Published : Aug 2, 2019, 9:54 PM IST

ग्वालियर। शिवपुरी में रहने वाले आनंद शर्मा ने 2011 में सक्षम डेयरी इंडिया लिमिटेड सहित सक्षम रियल स्टेट सक्षम रियल कान जैसी कंपनियों को पंजीकृत करा कर चिटफंड का काम शुरू किया था. उसने मध्य प्रदेश के अलावा यूपी और राजस्थान में भी अपने कार्यालय खोलकर खुद को एल आई की तरह कंपनी बता कर उनका पैसा निवेश कराया था.

सक्षम चिटफंड कंपनी घोटाले से निवेशकों को मिली बड़ी राहत

कंपनी ने दावा किया था कि 6 साल में उनका पैसा 2 से 3 गुना तक हो जाएगा इसके अलावा कंपनी की विभिन्न स्कीमों का लाभ देने का भी लोगों से वादा किया था. लोग कंपनी के जाल में फंस गए और उन्होंने करोड़ों रुपया सक्षम इंडिया लिमिटेड की विभिन्न कंपनियों में निवेश कर दिया सक्षम डेयरी के एजेंटों ने अपने नजदीकियों रिश्तेदारों और गांव देहात के गरीब लोगों को जल्द ही अमीर बनाने का फार्मूला बताते हुए उनसे निवेश करा लिया.लेकिन जब विभिन्न स्कीमों में निवेशक अपना पैसा मांगने के लिए कंपनी के दफ्तरों में गए तो पहले तो कंपनी के लोग उन्हें टालते रहे फिर बाद में अचानक गायब हो गए.

15 जुलाई को आरोपी को शिवपुरी जेल से ग्वालियर पेशी पर लाया गया था जहां उसने अपनी ग्वालियर में स्थित संपत्तियों को बेच कर निवेशकों का पैसा देने की बात न्यायालय में कही थी. आनंद शर्मा की संपत्ति 2012 में ढाई करोड़ रुपए में आंकलित की गई थी, जो को निवेशकों को चुका दी गई है. उनका करीब 6 करोड़ रूपया सक्षम डेरी से मिला है. पैसे वापस मिलने की खुशी में निवेशकों ने अदालत को धन्यवाद दिया है.

ग्वालियर। शिवपुरी में रहने वाले आनंद शर्मा ने 2011 में सक्षम डेयरी इंडिया लिमिटेड सहित सक्षम रियल स्टेट सक्षम रियल कान जैसी कंपनियों को पंजीकृत करा कर चिटफंड का काम शुरू किया था. उसने मध्य प्रदेश के अलावा यूपी और राजस्थान में भी अपने कार्यालय खोलकर खुद को एल आई की तरह कंपनी बता कर उनका पैसा निवेश कराया था.

सक्षम चिटफंड कंपनी घोटाले से निवेशकों को मिली बड़ी राहत

कंपनी ने दावा किया था कि 6 साल में उनका पैसा 2 से 3 गुना तक हो जाएगा इसके अलावा कंपनी की विभिन्न स्कीमों का लाभ देने का भी लोगों से वादा किया था. लोग कंपनी के जाल में फंस गए और उन्होंने करोड़ों रुपया सक्षम इंडिया लिमिटेड की विभिन्न कंपनियों में निवेश कर दिया सक्षम डेयरी के एजेंटों ने अपने नजदीकियों रिश्तेदारों और गांव देहात के गरीब लोगों को जल्द ही अमीर बनाने का फार्मूला बताते हुए उनसे निवेश करा लिया.लेकिन जब विभिन्न स्कीमों में निवेशक अपना पैसा मांगने के लिए कंपनी के दफ्तरों में गए तो पहले तो कंपनी के लोग उन्हें टालते रहे फिर बाद में अचानक गायब हो गए.

15 जुलाई को आरोपी को शिवपुरी जेल से ग्वालियर पेशी पर लाया गया था जहां उसने अपनी ग्वालियर में स्थित संपत्तियों को बेच कर निवेशकों का पैसा देने की बात न्यायालय में कही थी. आनंद शर्मा की संपत्ति 2012 में ढाई करोड़ रुपए में आंकलित की गई थी, जो को निवेशकों को चुका दी गई है. उनका करीब 6 करोड़ रूपया सक्षम डेरी से मिला है. पैसे वापस मिलने की खुशी में निवेशकों ने अदालत को धन्यवाद दिया है.

Intro:ग्वालियर
पिछले कई सालों से सक्षम डेयरी इंडिया लिमिटेड के निवेशकों को शुक्रवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है ।कोर्ट ने कलेक्टर को आदेशित किया है कि सक्षम चिटफंड कंपनी की ग्वालियर में 2011 में अटैच की गई संपत्तियों को बेचकर निवेशकों का पैसा चुकाया जाए।


Body:2011 में शिवपुरी में रहने वाले आनंद शर्मा ने ग्वालियर में सक्षम डेयरी इंडिया लिमिटेड सहित सक्षम रियल स्टेट सक्षम रियल कान नामक कंपनियों को पंजीकृत करा कर चिटफंड का धंधा शुरू किया था उसने मध्य प्रदेश के अलावा सीमावर्ती उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी जिलों में अपने कार्यालय खोलकर खुद को एल आई सी यानी भारतीय जीवन बीमा निगम की तरह कंपनी बता कर उनका पैसा निवेश कराया था और दावा किया था कि 6 साल में उनका पैसा 2 गुना 3 गुना तक हो जाएगा इसके अलावा कंपनी की विभिन्न स्कीमों का लाभ देने का भी लोगों से वादा किया गया ।लोग कंपनी के जाल में फंस गए और उन्होंने करोड़ों रुपया सक्षम इंडिया लिमिटेड की विभिन्न कंपनियों में निवेश कर दिया सक्षम डेयरी के एजेंटों ने अपने नजदीकियों रिश्तेदारों और गांव देहात के गरीब लोगों को जल्द ही अमीर बनाने का फार्मूला बताते हुए उनसे निवेश करा लिया।


Conclusion:लेकिन जब विभिन्न स्कीमों में निवेशकों मैच्योरिटी के समय अपना पैसा मांगने के लिए कंपनी के दफ्तरों में चक्कर लगाना शुरू किया तो पहले तो कंपनी के लोग उन्हें टालते रहे बाद में अचानक गायब हो गए। कलेक्टर ग्वालियर ने खूबी की वजह बेहटा गांव और स्थानों पर कंपनी की संपत्तियों को अटैच कर लिया था इस बीच आनंद शर्मा हत्या के एक मामले में जेल चला गया 15 जुलाई को उसे शिवपुरी जेल से ग्वालियर पेशी पर ग्वालियर लाया गया था जहां उसने अपनी ग्वालियर में स्थित संपत्तियों को बेच कर निवेशकों का पैसा देने की न्यायालय से गुहार लगाई थी। आनंद शर्मा की ग्वालियर में स्थित संपत्तियों को 2012 में ढाई करोड़ रुपए में आंकलित किया गया था जो निवेशक आज पहुंचे हैं उनका करीब 6 करोड़ रूपया सक्षम डेरी पर निकलता है। निवेशकों ने इसके लिए अदालत को धन्यवाद दिया है। बाइट बीएम श्रीवास्तव लोक अभियोजक जिला न्यायालय ग्वालियर बाइट अनवर खान निवेशक आगरा
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