ग्वालियर। शिवपुरी में रहने वाले आनंद शर्मा ने 2011 में सक्षम डेयरी इंडिया लिमिटेड सहित सक्षम रियल स्टेट सक्षम रियल कान जैसी कंपनियों को पंजीकृत करा कर चिटफंड का काम शुरू किया था. उसने मध्य प्रदेश के अलावा यूपी और राजस्थान में भी अपने कार्यालय खोलकर खुद को एल आई की तरह कंपनी बता कर उनका पैसा निवेश कराया था.
कंपनी ने दावा किया था कि 6 साल में उनका पैसा 2 से 3 गुना तक हो जाएगा इसके अलावा कंपनी की विभिन्न स्कीमों का लाभ देने का भी लोगों से वादा किया था. लोग कंपनी के जाल में फंस गए और उन्होंने करोड़ों रुपया सक्षम इंडिया लिमिटेड की विभिन्न कंपनियों में निवेश कर दिया सक्षम डेयरी के एजेंटों ने अपने नजदीकियों रिश्तेदारों और गांव देहात के गरीब लोगों को जल्द ही अमीर बनाने का फार्मूला बताते हुए उनसे निवेश करा लिया.लेकिन जब विभिन्न स्कीमों में निवेशक अपना पैसा मांगने के लिए कंपनी के दफ्तरों में गए तो पहले तो कंपनी के लोग उन्हें टालते रहे फिर बाद में अचानक गायब हो गए.
15 जुलाई को आरोपी को शिवपुरी जेल से ग्वालियर पेशी पर लाया गया था जहां उसने अपनी ग्वालियर में स्थित संपत्तियों को बेच कर निवेशकों का पैसा देने की बात न्यायालय में कही थी. आनंद शर्मा की संपत्ति 2012 में ढाई करोड़ रुपए में आंकलित की गई थी, जो को निवेशकों को चुका दी गई है. उनका करीब 6 करोड़ रूपया सक्षम डेरी से मिला है. पैसे वापस मिलने की खुशी में निवेशकों ने अदालत को धन्यवाद दिया है.