ग्वालियर। जिला शिक्षा केंद्र की पहल से अनाथ बच्चों को एक तरह नई जिंदगी मिल रही है. जिला शिक्षा केंद्र ने एक हॉस्टल खोला है, जहां अनाथ बच्चों को न सिर्फ शिक्षा दी जा रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया जा रहा है. बच्चों को छात्रावास के अंदर खेल-कूद और मनोरंज के कई साधन उपलब्ध कराए गए हैं. इसके अलावा छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कपड़ा बनाने की मशीन भी लगाई गई है.
बेसहारा बच्चों को मेनस्ट्रीम में लाने के लिए इन बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ स्वावलंबी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. ये बच्चे अगर पढ़ाई करने के बाद चादर बनाते हैं तो उसे सरकारी विभागों में सप्लाई करने की योजना भी बनाई जा रही है. इस काम को छात्र खुशी-खुशी कर रहे हैं.
इस छात्रावास में भीख मांगने, कचरा बीनने वाले छात्रों को लाया जाता है और उनके खाने पीने की व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाता है. यही वजह है कि ये हॉस्टल अब 100 से ज्यादा छात्रों का आशियाना बन गया है. इन अनाथ बच्चों को मेनस्ट्रीम में लाने के लिए कपड़े बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है.
किन्हीं कारणों से अपने परिवार से बिछड़ने के बाद इन छात्रों का जीवन एक तरह से गलत दिशा में जा रहा था. इनके भविष्य को संवारने की पहल जिला शिक्षा केंद्र द्वारा की जा रही है. यहां न सिर्फ बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने के काबिल भी बनाया जा रहा है.