ग्वालियर। कमरतोड़ महंगाई के कारण मध्यमवर्गीय व निम्नवर्गीय लोगों का जीना मुहाल हो गया है. महंगाई के कारण गरीब और मजदूर तबके की तो बिल्कुल ही कमर टूट गई है . खाद्य तेलो में आज तक की रिकॉर्ड वृद्धि हो चुकी है. सरसों का तेल अब तक के अपने सबसे ऊंचे स्तर यानी 140 रुपए प्रति किलो के भाव पहुंच चुका है, वहीं रिफाइंड तेल भी 130रुपए किलो के आसपास बना हुआ है.
दालों ने भी 100 रुपए से लेकर सवा सौ रुपए प्रति किलो तक का आंकड़ा छू लिया है. रोजाना 100 से लेकर 200 रुपये कमाने वालों का परिवार ऐसे हालातों में किन परिस्थितियों में चलता होगा इसका आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है. खास बात यह है कि पेट्रोलियम पदार्थों खाद्य तेल, दालों और चाय जैसी बुनियादी उत्पादों की कीमतों में लगभग डेढ़ गुना वृद्धि हो चुकी है, लेकिन इसे लेकर कहीं कोई आंदोलन नहीं हो रहा है.
जबकि सबसे ज्यादा आम आदमी और गरीब वर्ग का तबका इस महंगाई से बेहाल हो चुका है. अमूमन डेढ़ सौ रुपये से लेकर 200 रुपए प्रति किलो बिकने वाली चाय की पत्ती 500 सौ रुपए प्रति किलो हो चुकी है. अरहर, उड़द मूंग दाल भी सवा सौ के अंदर आ रही हैं. अब तो दुकानदार के साथ ही आम लोग भी महंगाई को लेकर सरकार को कोसने से नहीं चूक रहे हैं.