ग्वालियर। ट्रैक्टर ठगी के एक मामले में ग्वालियर रेंज के आईजी मनोज शर्मा ने आठ पुलिसकर्मियों पर अर्थदंड लगाया है. खास बात यह है कि ट्रैक्टर ठगी के मामले में 6 साल तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. हाईकोर्ट के आदेश के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन किया.
एसआईटी ने मामले में ट्रैक्टर एजेंसी का संचालन करने वाली महिला को गिरफ्तार किया है. उसके बाद एनओसी तैयार करने वाले परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच शुरू हुई. आईजी ने 4 इंस्पेक्टर, एक एएसआई को लापरवाही बरतने पर 5-5 हजार के जुर्माने से दंडित किया है. मामला भिंड जिले के दबोह कस्बे का है. फरियादी दयाराम ने 2014 में थाने में मामला दर्ज कराया था कि उनका ट्रैक्टर ट्रांसपोर्ट विभाग की एनओसी तैयार कराकर एजेंसी के संचालक गणेश द्विवेदी और अन्य ने बेच दिया है.
पुलिस ने इस मामले में प्रकरण तो दर्ज कर लिया लेकिन लगातार थाने के चक्कर लगाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई. तो पिछले साल दयाराम ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. पुलिस विभाग ने इस मामले में एसआईटी का गठन किया. एसआईटी ने ट्रैक्टर एजेंसी के संचालक गणेश द्विवेदी की मौत के बाद उनकी पत्नी को गिरफ्तार किया था, जिन लोगों का नाम आया है, उसमें कुशल सिंह भदौरिया, राजेश सिंह तोमर, नवीन यादव, मनोज राजपूत, सब इंस्पेक्टर अभिलाष सिंह, इंस्पेक्टर प्रताप सिंह, एएसआई मातादीन पर पांच-पांच हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है.