ग्वालियर। चंबल अंचल के मेगा प्रोजेक्ट एक हजार बिस्तर वाले अस्पताल के निर्माण में परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. कंपू क्षेत्र में रियासत कालीन ग्वालियर पाटरीज और रोडवेज वर्कशॉप की जमीन पर कबाड़ हो चुकीं है, बसें तो हट गई है, लेकिन क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय शिफ्ट नहीं हुआ है.
हालांकि,ग्वालियर के इस मेगा प्रोजेक्ट को लेकर राज्य शासन बेहद गंभीर है, लेकिन जिला प्रशासन अस्पताल के निर्माण में उतना सहयोग नहीं कर रहा है. यही वजह है कि गजरा राजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के बार- बार सूचित करने के बावजूद क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय को रोडवेज वर्कशॉप की जमीन से नहीं हटाई गई है. खास बात यह है कि सिरोल पहाड़ी पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय का नवीन भवन बन चुका है लेकिन आरटीओ शिफ्ट नहीं हुआ है.
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल के निर्माण में दो परेशानियां थी. एक परेशानी बसों की किसी तरह दूर हुई है लेकिन आरटीओ कार्यालय के नहीं हटने से वहां आश्रम भवन और पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण नहीं करवाया जा सका है. उन्होंने कहा कि अगर आरटीओ कार्यालय हट जाए तो अस्पताल के निर्माण में तेजी आ जाएगी. प्रबंधन ने इसके लिए संभागीय आयुक्त को एक बार फिर निवेदन कर आरटीओ कार्यालय को शिफ्ट करने की मांग की है.