ETV Bharat / state

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का गृहनगर बना कोरोना हॉटस्पॉट, मरीजों के लिए कोई सुविधा नहीं - Corona in Gwalior

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का गृहक्षेत्र डबरा इन दिनों जिले में कोरोना का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. आलम यह है कि यहां 1,200 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज एक्टिव है. और 22 लोग इस महामारी से दम तोड़ चुके है. लेकिन दूसरी ओर इलाज और व्यवस्थाओं के नाम पर यहां कोई खास इंतजाम नहीं है. लोग इलाज के लिए दूसरे जिले को भटकने पर मजबूर है. ऐसे में प्रदेश के गृहमंत्री होने के बावजूद क्षेत्र का यह कई सवालों का खड़ा कर रहा है, कि आखिर क्यों गृहमंत्री का गृहक्षेत्र कोरोना से संक्रमित है. देखिए यह खास रिपोर्ट...

Home minister's hometown becomes Corona's hotspot
गृहमंत्री का गृहनगर बना कोरोना का हॉटस्पॉट
author img

By

Published : May 9, 2021, 3:01 PM IST

Updated : May 11, 2021, 1:51 PM IST

ग्वालियर। कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर देश के साथ-साथ प्रदेश के लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरु कर दिया है. वहीं यदि बात की जाए मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के गृहक्षेत्र डबरा की, तो यह क्षेत्र ग्वालियर में कोरोना का नया हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. हाई प्रोफाइल विधानसभा होने के बावजूद यहां के लोगों को कोरोना का बेहतर इलाज नहीं मिल रहा है. लगातार कोरोना की चपेट में आ रहे लोगों और उनके मौतों ने कई सवाल खड़े कर दिए है.

ग्वालियर जिले से लगभग 50 किलोमीटर दूर डबरा स्थित है. यह क्षेत्र मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा का गृह नगर है. नरोत्तम मिश्रा हर शनिवार और रविवार को भोपाल से डबरा अपने घर आते हैं, साथ ही अपने समर्थकों से मुलाकात करते हैं. यहीं नहीं इसी इलाके से पूर्व मंत्री और कट्टर सिंधिया समर्थक इमरती देवी भी आती है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने इलाके में इस संक्रमण को रोकने के लिए कैसी व्यवस्था की है, इसका जायजा ईटीवी भारत के संवाददाता ने लिया.

गृहमंत्री का गृहनगर बना कोरोना का हॉटस्पॉट
  • डबरा बना कोरोना का हॉटस्पॉट

ग्वालियर जिले की डबरा तहसील इस समय कोरोना का हॉटस्पॉट बनी हुई है. यहां हर दिन बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज मिल जा रहे हैं, लेकिन यहां प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है. इस तहसील में 1,200 से अधिक पॉजिटिव मरीज है. साथ ही अब तक यहां पर कुल 22 मरीजों की मौत हो चुकी है. साल 2020 में ग्वालियर जिले में कोरोना की शुरुआत इसी तहसील से हुई थी और यह जिले का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन गया था, लेकिन इसके बावजूद भी साल 2021 में सरकार और जिला प्रशासन की ओर से यहां कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, हालात यह है कि यहां सैंपलिंग भी नहीं की जा रही है.

दवा दुकान और श्मशान घाट बन सकते हैं कोरोना के नए हॉटस्पॉट

  • अस्पताल में नहीं है इंजेक्शन और ऑक्सीजन

डबरा भले ही यह गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का विधानसभा क्षेत्र हो, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नजर नहीं आता. तहसील के अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए न तो इंजेक्शन उपलब्ध हो पा रहे हैं और ना ही सुचारू रूप से ऑक्सीजन की उपलब्धता है. हालात यह है कि अगर किसी मरीज को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है, तो उसे रैफर कर दिया जाता है.

  • अस्पताल में नहीं है RT-पीसीआर जांच की सुविधा

भले ही डबरा तहसील ने मध्य प्रदेश में कई दिग्गज नेता दिए हो, लेकिन यहां पर सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आता, कोरोना संक्रमण काल में यहां के अस्पतालों में जांच की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है. डबरा तहसील के अस्पताल में आरटी-पीसीआर की जांच की सुविधा नहीं है. यहां केवल रैपिड से कोरोना जांच की जा रही है यही वजह है कि यहां के मरीज ग्वालियर और दतिया जिले के लिए भटकने पर मजबूर है.

वैक्सीनेशन के बाद भी बेकाबू संक्रमण, कोरोना के नए स्ट्रेन की आशंका

  • गृहमंत्री के इलाके के हाल बेहाल

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा हर सप्ताह डबरा में 2 दिन बिताते हैं, इसके बावजूद भी यहां पर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. तहसील के अस्पताल में मरीजों के लिए कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है न तो बैड उपलब्ध है और ना ही ठीक से मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर तैनात है, जो डॉक्टर तैनात है वह शाम को अपने घर चले जाते हैं. यहां डॉक्टरों के रुकने के लिए कोई सुविधा नहीं है. यही वजह है कि यहां के मरीज आसपास के जिलों में भटकते रहते हैं. डबरा तहसील के अस्पताल में इस समय मरीज काफी परेशान है. कोरोना टेस्ट के साथ-साथ यहां एक्सरे मशीन भी कई महीनों से खराब पड़ी है. अस्पताल में ना तो वेंटिलेटर की सुविधा है और ना ही गंभीर मरीज को भर्ती करने के लिए कोई साधन है.

  • उपचुनाव में किया वादा भी अधूरा

हाल में ही डबरा में हुए विधानसभा उपचुनाव में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि डबरा में 100 बिस्तरों का अस्पताल जल्द ही तैयार किया जाएगा, लेकिन हालात ऐसे हैं कि अभी तक यह तैयार नहीं हो पाया है. यहीं वजह है कि ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर डबरा में अस्पताल का जायजा लेने पहुंचे तो यहां कई खामियां उजागर हो गई, जिसके बाद लोगों ने उन्हें आड़े हाथों लिया.

ग्वालियर। कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर देश के साथ-साथ प्रदेश के लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरु कर दिया है. वहीं यदि बात की जाए मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के गृहक्षेत्र डबरा की, तो यह क्षेत्र ग्वालियर में कोरोना का नया हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. हाई प्रोफाइल विधानसभा होने के बावजूद यहां के लोगों को कोरोना का बेहतर इलाज नहीं मिल रहा है. लगातार कोरोना की चपेट में आ रहे लोगों और उनके मौतों ने कई सवाल खड़े कर दिए है.

ग्वालियर जिले से लगभग 50 किलोमीटर दूर डबरा स्थित है. यह क्षेत्र मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा का गृह नगर है. नरोत्तम मिश्रा हर शनिवार और रविवार को भोपाल से डबरा अपने घर आते हैं, साथ ही अपने समर्थकों से मुलाकात करते हैं. यहीं नहीं इसी इलाके से पूर्व मंत्री और कट्टर सिंधिया समर्थक इमरती देवी भी आती है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने इलाके में इस संक्रमण को रोकने के लिए कैसी व्यवस्था की है, इसका जायजा ईटीवी भारत के संवाददाता ने लिया.

गृहमंत्री का गृहनगर बना कोरोना का हॉटस्पॉट
  • डबरा बना कोरोना का हॉटस्पॉट

ग्वालियर जिले की डबरा तहसील इस समय कोरोना का हॉटस्पॉट बनी हुई है. यहां हर दिन बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज मिल जा रहे हैं, लेकिन यहां प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है. इस तहसील में 1,200 से अधिक पॉजिटिव मरीज है. साथ ही अब तक यहां पर कुल 22 मरीजों की मौत हो चुकी है. साल 2020 में ग्वालियर जिले में कोरोना की शुरुआत इसी तहसील से हुई थी और यह जिले का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन गया था, लेकिन इसके बावजूद भी साल 2021 में सरकार और जिला प्रशासन की ओर से यहां कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, हालात यह है कि यहां सैंपलिंग भी नहीं की जा रही है.

दवा दुकान और श्मशान घाट बन सकते हैं कोरोना के नए हॉटस्पॉट

  • अस्पताल में नहीं है इंजेक्शन और ऑक्सीजन

डबरा भले ही यह गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का विधानसभा क्षेत्र हो, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नजर नहीं आता. तहसील के अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए न तो इंजेक्शन उपलब्ध हो पा रहे हैं और ना ही सुचारू रूप से ऑक्सीजन की उपलब्धता है. हालात यह है कि अगर किसी मरीज को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है, तो उसे रैफर कर दिया जाता है.

  • अस्पताल में नहीं है RT-पीसीआर जांच की सुविधा

भले ही डबरा तहसील ने मध्य प्रदेश में कई दिग्गज नेता दिए हो, लेकिन यहां पर सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आता, कोरोना संक्रमण काल में यहां के अस्पतालों में जांच की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है. डबरा तहसील के अस्पताल में आरटी-पीसीआर की जांच की सुविधा नहीं है. यहां केवल रैपिड से कोरोना जांच की जा रही है यही वजह है कि यहां के मरीज ग्वालियर और दतिया जिले के लिए भटकने पर मजबूर है.

वैक्सीनेशन के बाद भी बेकाबू संक्रमण, कोरोना के नए स्ट्रेन की आशंका

  • गृहमंत्री के इलाके के हाल बेहाल

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा हर सप्ताह डबरा में 2 दिन बिताते हैं, इसके बावजूद भी यहां पर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. तहसील के अस्पताल में मरीजों के लिए कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है न तो बैड उपलब्ध है और ना ही ठीक से मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर तैनात है, जो डॉक्टर तैनात है वह शाम को अपने घर चले जाते हैं. यहां डॉक्टरों के रुकने के लिए कोई सुविधा नहीं है. यही वजह है कि यहां के मरीज आसपास के जिलों में भटकते रहते हैं. डबरा तहसील के अस्पताल में इस समय मरीज काफी परेशान है. कोरोना टेस्ट के साथ-साथ यहां एक्सरे मशीन भी कई महीनों से खराब पड़ी है. अस्पताल में ना तो वेंटिलेटर की सुविधा है और ना ही गंभीर मरीज को भर्ती करने के लिए कोई साधन है.

  • उपचुनाव में किया वादा भी अधूरा

हाल में ही डबरा में हुए विधानसभा उपचुनाव में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि डबरा में 100 बिस्तरों का अस्पताल जल्द ही तैयार किया जाएगा, लेकिन हालात ऐसे हैं कि अभी तक यह तैयार नहीं हो पाया है. यहीं वजह है कि ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर डबरा में अस्पताल का जायजा लेने पहुंचे तो यहां कई खामियां उजागर हो गई, जिसके बाद लोगों ने उन्हें आड़े हाथों लिया.

Last Updated : May 11, 2021, 1:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.