ग्वालियर। रविवार को हिंदू महासभा के सदस्यों ने शहर में गोडसे ज्ञानशाला का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में हिंदू महासभा के महिला और पुरुष सदस्य शामिल हुए. ज्ञानशाला के उद्घाटन के बाद कांग्रेस और बीजेपी ने इस मामले में हटो-बचो की प्रतिक्रिया दी है. एक ओर जहां बीजेपी कार्यकर्ता का कहना है कि हम गांधी के चश्मे से ही सब को देखते हैं, तो वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता का कहना है कि यह अभिव्यक्ति की आजादी है.
दौलतगंज स्थित हिंदू महासभा ऑफिस में गोडसे ज्ञानशाला का शुभारंभ किया गया है. कार्यक्रम में गोडसे के साथ लगाए गए चित्रों में बीजेपी के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी, केशव बलिराम हेडगेवार, वीर सावरकर सहित कई महापुरुषों के भी चित्र थे. इस मौके पर नाथूराम गोडसे के सम्मान में उनके समर्थकों ने आरती गाई और जिंदाबाद के नारे भी लगाए.
थोड़ी दिन चलने वाली बात है ये
पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बालेंदु शुक्ल ने इस पर कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी है. अगर ये आज की युवा पीढ़ी मानें तब तो कुछ हो. हिंदू महासभा की वर्तमान में क्या परिस्थिति है, यह सबको पता है. कुछ लोग अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ऐसा कृत्य करते हैं, जो लंबे समय तक चलने वाला नहीं है.
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गांधी के चश्मे से ही सब को देखते हैं
वहीं बीजेपी जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने कहा कि गोडसे को लेकर कोई क्या सोचता है, यह उसका व्यक्तिगत मामला है. बीजेपी कार्यकर्ता तो गांधीवादी चश्मे से ही सभी को देखते हैं. हम गांधी जी के दिखाए हुए रास्ते पर रास्ते पर चलते हैं. चाहे वो सत्य-अहिंसा का हो, समाज सुधार को हो या स्वच्छता का हो
मौके पर तैनात रही पुलिस
हिंदू महासभा ने ज्ञानशाला शुभारंभ की घोषणा एक दिन पहले ही कर दी थी. इस कारण पुलिस भी वहां अलर्ट थी. 2017 में हिंदू महासभा ने गोडसे की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कराई थी, जिसे लोगों के भारी विरोध के बाद कोतवाली पुलिस ने जब्त कर लिया था. हिंदू महासभा हर साल उनकी जयंती और शहादत दिवस को मनाती है.