ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench of High Court) ने चिकित्सा अधिकारी (Medical Officer) पद के लिए होने वाले साक्षात्कार पर फिलहाल रोक लगा दी है. यह साक्षात्कार (Interview) सोमवार यानी 27 सितंबर को होने वाले थे. इसके साथ ही कोर्ट ने एमपीपीएससी (MPPSC) को नोटिस जारी किए हैं. दरअसल कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (PSC) ने मेडिकल ऑफिसर के 576 पदों के लिए सीधी भर्ती करने का निर्णय लिया था.
चिकित्सकों ने भर्ती के खिलाफ दायर की थी याचिका
डॉ. रौनक शर्मा सहित कुछ चिकित्सकों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि मेडिकल ऑफिसर का पद राजपत्रित होकर सेकंड ग्रेड के अधिकारी का पद है. इसलिए सीधे साक्षात्कार के माध्यम से इन पदों को भरा जाना उचित नहीं है. इसमें पक्षपात पूर्ण प्रक्रिया अपनाए जाने का का भी अंदेशा है. इसलिए पहले इन पदों पर मेडिकल ऑफिसर नियुक्त करने के लिए लिखित परीक्षा होनी चाहिए उस मेरिट के आधार पर चयनित उम्मीदवारों को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना चाहिए.
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हाईकोर्ट ने साक्षात्कार पर लगाई रोक, मांगा जवाब
याचिका में कहा गया कि पीएससी ने इन पदों को सीधे साक्षात्कार के माध्यम से भरने की कोशिश की है. यह संवैधानिक अधिकारों का भी खुले तौर पर उल्लंघन है. इसलिए 27 सितंबर को होने वाले साक्षात्कार पर रोक लगाई जाए. हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए पीएससी और राज्य शासन को नोटिस जारी कर 30 सितंबर तक जवाब मांगा है.
प्रदेश में मेडिकल ऑफिसर के 2000 पद खाली
प्रदेश में विशेषज्ञों के करीब 28 सौ और चिकित्सा अधिकारियों के लगभग 2000 पद खाली हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में डॉक्टरों की ज्यादा कमी है, जिससे वहां के मरीजों को इलाज के लिए दूर जाना पड़ता है. कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर डॉक्टरों की भर्ती के लिए पीएससी ने इसी साल विशेषज्ञों के 904 पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय लिया था. 27 सितंबर को 576 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती के लिए साक्षात्कार होने वाला था.