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हाइकोर्ट के आदेश: कॉलेज संचालक को मर्सी होम बाल संप्रेक्षण गृह में कराना होंगे विकास कार्य - Gwalior High Court

ग्वालियर हाईकोर्ट ने भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ अजय गोयनका को नियमित अग्रिम जमानत का लाभ दिया है, जो कुछ शर्तों के साथ दिया गया है.

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Published : Feb 13, 2021, 9:29 PM IST

ग्वालियर। बहुचर्चित भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ अजय गोयनका को नियमित अग्रिम जमानत का लाभ कोर्ट द्वारा दिया गया है, लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने गोयनका को जमानत के लिए कुछ शर्तों को भी पूरा करने के निर्देश दिए हैं. जिसमें डोंगरपुर स्थित मर्सी होम, बाल संप्रेक्षण गृह, चंबल कॉलोनी विकसित बालक बालिका आवासीय विद्यालय के बुनियादी ढांचे में विकास कार्यों को एक महीने के अंदर पूरा करना होगा, यदि डॉक्टर गोयनका ऐसा नहीं करते हैं तो याचिका को फिर से सुनवाई में लिया जा सकता है. डॉ गोयनका को इन तीनों ही संस्थाओं में विकास कार्य करके रिपोर्ट भी हाई कोर्ट में पेश करना होगी.

हाइकोर्ट के आदेश

दरअसल भोपाल चिरायु मेडिकल में शासन के कोटे की 60 से ज्यादा सीटें थी. कॉलेज ने साल 2011 में सरकारी कोटे की सीटों को गलत तरीके से खाली रखा था. इन सीटों को खाली रखने और भरने में डीएमई ऑफिस कॉलेज प्रबंधन और कुछ मेडिकल के छात्रों ने कोशिश की थी. बाद में इन सीटों को अचानक खाली कर दिया गया और ऐसे छात्रों को इन सीटों पर प्रवेश दे दिया गया जिन्होंने काउंसलिंग में भाग नहीं लिया था.

पिछले दिनों ही सीबीआई ने 60 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था, इनमें 57 नए आरोपी थे. जिस समय यह फर्जीवाड़ा हुआ उस समय डॉक्टर गोयनका चिरायु मेडिकल कालेज के ट्रस्टी थे. हाईकोर्ट ने 11 जनवरी 2021 को डॉ गोयनका अंतरिम जमानत दी थी, जिस पर अब फाइनल बहस की गई है. सीबीआई का जवाब आने के बाद डॉक्टर गोयनका को नियमित जमानत का लाभ दिया गया है. साथ ही उनके समक्ष कुछ शर्तें कोर्ट ने रखी है. अब इन शर्तों के अनुरूप डॉक्टर गोयनका को मर्सी होमस, बाल संप्रेषण गृह और अविकसित बालक-बालिका आवासीय विद्यालय में विकास कार्य कराने होंगे.

ग्वालियर। बहुचर्चित भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ अजय गोयनका को नियमित अग्रिम जमानत का लाभ कोर्ट द्वारा दिया गया है, लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने गोयनका को जमानत के लिए कुछ शर्तों को भी पूरा करने के निर्देश दिए हैं. जिसमें डोंगरपुर स्थित मर्सी होम, बाल संप्रेक्षण गृह, चंबल कॉलोनी विकसित बालक बालिका आवासीय विद्यालय के बुनियादी ढांचे में विकास कार्यों को एक महीने के अंदर पूरा करना होगा, यदि डॉक्टर गोयनका ऐसा नहीं करते हैं तो याचिका को फिर से सुनवाई में लिया जा सकता है. डॉ गोयनका को इन तीनों ही संस्थाओं में विकास कार्य करके रिपोर्ट भी हाई कोर्ट में पेश करना होगी.

हाइकोर्ट के आदेश

दरअसल भोपाल चिरायु मेडिकल में शासन के कोटे की 60 से ज्यादा सीटें थी. कॉलेज ने साल 2011 में सरकारी कोटे की सीटों को गलत तरीके से खाली रखा था. इन सीटों को खाली रखने और भरने में डीएमई ऑफिस कॉलेज प्रबंधन और कुछ मेडिकल के छात्रों ने कोशिश की थी. बाद में इन सीटों को अचानक खाली कर दिया गया और ऐसे छात्रों को इन सीटों पर प्रवेश दे दिया गया जिन्होंने काउंसलिंग में भाग नहीं लिया था.

पिछले दिनों ही सीबीआई ने 60 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था, इनमें 57 नए आरोपी थे. जिस समय यह फर्जीवाड़ा हुआ उस समय डॉक्टर गोयनका चिरायु मेडिकल कालेज के ट्रस्टी थे. हाईकोर्ट ने 11 जनवरी 2021 को डॉ गोयनका अंतरिम जमानत दी थी, जिस पर अब फाइनल बहस की गई है. सीबीआई का जवाब आने के बाद डॉक्टर गोयनका को नियमित जमानत का लाभ दिया गया है. साथ ही उनके समक्ष कुछ शर्तें कोर्ट ने रखी है. अब इन शर्तों के अनुरूप डॉक्टर गोयनका को मर्सी होमस, बाल संप्रेषण गृह और अविकसित बालक-बालिका आवासीय विद्यालय में विकास कार्य कराने होंगे.

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