ग्वालियर। दो कारों की आमने-सामने की टक्कर में एक हंसता खेलता परिवार तबाह हो गया. गुरुवार को हुए इस हादसे में पिता अनिल पाल और बड़ी बेटी निकिता के बाद शनिवार को तीन साल की भव्या भी जिन्दगी की जंग हार गई. भव्या ने दिल्ली के एम्स में जिन्दगी की अंतिम सांसें ली.
एजी ऑफिस पुल पर ये हादसा पेश आया था. तेज रफ्तार कार ने उनकी वैन में सामने से टक्कर मारी. हादसे में अनिल पाल और उनकी 7 साल की बेटी नैंसी उर्फ निकिता ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था, पर 3 साल की मासूम भव्या और पत्नी रेनू गंभीर रूप से घायल थे. 48 घंटे बेहोश रहने के बाद भव्या ने भी शनिवार रात दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया है. भव्या और उसकी मां को दिल्ली रैफर किया गया था.
दो कारों की टक्कर में पिता पुत्री की मौत, मां-बेटी की हालत गंभीर, भीड़ ने फूंकी कार
रफ्तार का कहर और उजड़ गया परिवार
मुरार के घोसीपुरा में रहने वाला अनिल पाल वैन किराए पर चलाते थे. परिवार में पत्नी रेनू और 2 बेटियों नैंसी उर्फ निकिता (7) और भव्या (3) थीं. गुरुवार को वह झांसी रोड इलाके में अपनी ससुराल एक कार्यक्रम में शामिल होने गया था. पूरा परिवार साथ में था इसलिए वह अपनी वैन नंबर MP07 BA-3691 लेकर गया था. रात 12.30 बजे लौटते समय अभी वह अपनी गाड़ी से एजी ऑफिस पुल पर पहुंचे ही थे कि उनकी गाड़ी में सामने से तेज रफ्तार में रॉन्ग साइड आई कार नंबर MP07 CJ-0045 ने टक्कर मार दी. टक्कर इतनी तेज थी कि वैन आगे से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. हादसे में अनिल पाल और उसकी बेटी नैंसी पाल की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि पत्नी रेनू और बेटी भव्या गंभीर घायल हैं. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया.
शुक्रवार को किया गया था रैफर, मां की भी हालत नाजुक
पति और बड़ी बेटी की मौत से अनजान घायल रेनू को यहां डॉक्टर ने पैर काटने के लिए कहा था. हालत बिगड़ने पर उसे और उसकी बेटी भव्या को दिल्ली रैफर किया गया था. शुक्रवार शाम को उन्हें एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया. पर मासूम भव्या की शनिवार सुबह से ही पल्स नीचे जाने लगी थी. उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही थी. शनिवार रात मासूम ने उसी बेहोशी की हालत में दम तोड़ दिया. परिवार में अब सिर्फ रेनू ही बची है. शनिवार रात उसका भी ऑपरेशन चल रहा था. डॉक्टर पैर बचाने का प्रयास कर रहे हैं. हालत बेहद नाजुक है. पर ऑपरेशन से पहले जब भी होश आता वह अनिल, नैंसी और भव्या के बारे में ही पूछ रही है. कोई उसे बताने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है.
48 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली
घटना के समय आरोपी के वाहन कीया की सेल्टोज कार नंबर MP07 CJ-0045 की स्पीड 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार में थी. क्योंकि टक्कर मारने के बाद कार के एयरबेग खुल गए थे. एयरबेग ने आरोपी कार चालक की जान तो बचा ली, लेकिन उसकी टक्कर से वैन में सवार परिवार उजड़ गया. हादसे को 48 घंटे बीत गए हैं. 3 मौत हो चुकी है. इसके बाद भी आरोपी तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है. टक्कर मारने वाली कार का पूरा ब्योरा परिवहन विभाग की वेबसाइट पर है. लेकिन अभी तक पुलिस आरोपी को पकड़ नहीं पाई है.