ग्वालियर। सेंट्रल जेल में बंद कैदी कामता प्रसाद शर्मा की 3 महीने पहले ही मौत हो गई थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश को पत्र लिखा है. पत्र में लिखा गया है कि इस मामले की जांच जेएमएफसी से कराई जाए. जेएमएफसी को निर्धारित अवधि में बताना होगा कि इस मामले की न्यायिक जांच की जरूरत है या नहीं.
गौरतलब है कि, शिवपुरी के पिछोर इलाके में एक व्यक्ति की हत्या हो गई थी. इस मामले में कामता प्रसाद शर्मा को दोषी ठहराया गया था. उसे न्यायालय के आदेश पर आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया था, जो ग्वालियर की सेंट्रल जेल में लंबे अरसे से बंद था.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बीके शर्मा के मुताबिक, कामता प्रसाद की लंबे समय से तबीयत खराब थी. इस आधार पर उसकी सजा के निलंबन की मांग करते हुए आवेदन पेश किया गया था, लेकिन जेल अधिकारियों ने समय पर स्वास्थ्य रिपोर्ट पेश नहीं की. इस कारण कामता को जमानत नहीं मिल सकी. उन्होंने बताया कि जब कामता प्रसाद की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई, तो उसे जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान उसकी 12 अक्टूबर 2020 को मौत हो गई.
मृतक के परिजनों का कहना है कि पूर्व में कामता प्रसाद को कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन लगातार जेल में उसका स्वास्थ्य खराब बना रहा. समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण उसकी मौत हो गई. कामता की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए हाईकोर्ट ने जेएमएफसी से जांच कराने के आदेश जारी किए है.