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रामनवमी के बाद हनुमान जयंती भी सादगी से मनी, भक्तों ने मंदिर के बाहर से ही किए दर्शन - Gwalior News

कोरोना के कहर से भगवान भी अछूते नहीं हैं. बुधवार को हनुमान जयंती का पर्व धूमधाम से ना मानते हुए सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से मनाया गया. शहर के सभी हनुमान मंदिरों में लगभग सन्नाटा सा रहा. सिर्फ पुजारी की मौजूदगी में चुनिंदा लोगों ने हनुमान जयंती मनाई.

Hanuman Jayanti celebrated with simplicity to Corona virus in Gwalior
कोरोना वायरस : रामनवमी के बाद हनुमान जयंती भी सादगी से मनी
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Published : Apr 8, 2020, 10:43 PM IST

ग्वालियर। पिछले 21 मार्च से शहर के सभी मंदिरों में तालाबंदी है. लॉकडाउन के चक्कर में मंदिरों के पट लंबे अरसे से बंद हैं, इसलिए रामनवमी के बाद हनुमान जयंती भी सादगी से मनाई गई. मंदिर के पुजारी और कुछ चुनिंदा भक्तों की मौजूदगी में भगवान का अभिषेक किया गया और उनकी आरती गाकर उनकी प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाए गए.

हनुमान जयंती के दिन शहर के प्रसिद्ध श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर श्री मंशापूर्ण हनुमान मंदिर गरगज हनुमान मंदिर महाराज बाड़े के हनुमान मंदिर और रोकडिया सरकार पर विशाल मेला लगाया जाता है.

यह पहला मौका है, जब भक्तों की गैरमौजूदगी में यह हनुमान जयंती मनाई गई है. कुछ इसी तरह का माहौल रामनवमी को भी देखने को मिला था. शहर 15 दिन से लॉकडाउन है. इसके तहत किसी भी श्रद्धा के केंद्र यानी मंदिर मस्जिद में सार्वजनिक पूजा और इबादत के लिए प्रशासन ने रोक लगाई हुई है.

हनुमान मंदिरों के बाहर कुछ भक्त पहुंचे और बाहर से ही दर्शन करके वापस हो लिए. ऐसा माहौल देखकर भक्त निराश भी हैं, लेकिन महामारी से बचने के लिए शर्तों का पालन करने के लिए भी वे मजबूर हैं.

ग्वालियर। पिछले 21 मार्च से शहर के सभी मंदिरों में तालाबंदी है. लॉकडाउन के चक्कर में मंदिरों के पट लंबे अरसे से बंद हैं, इसलिए रामनवमी के बाद हनुमान जयंती भी सादगी से मनाई गई. मंदिर के पुजारी और कुछ चुनिंदा भक्तों की मौजूदगी में भगवान का अभिषेक किया गया और उनकी आरती गाकर उनकी प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाए गए.

हनुमान जयंती के दिन शहर के प्रसिद्ध श्री खेड़ापति हनुमान मंदिर श्री मंशापूर्ण हनुमान मंदिर गरगज हनुमान मंदिर महाराज बाड़े के हनुमान मंदिर और रोकडिया सरकार पर विशाल मेला लगाया जाता है.

यह पहला मौका है, जब भक्तों की गैरमौजूदगी में यह हनुमान जयंती मनाई गई है. कुछ इसी तरह का माहौल रामनवमी को भी देखने को मिला था. शहर 15 दिन से लॉकडाउन है. इसके तहत किसी भी श्रद्धा के केंद्र यानी मंदिर मस्जिद में सार्वजनिक पूजा और इबादत के लिए प्रशासन ने रोक लगाई हुई है.

हनुमान मंदिरों के बाहर कुछ भक्त पहुंचे और बाहर से ही दर्शन करके वापस हो लिए. ऐसा माहौल देखकर भक्त निराश भी हैं, लेकिन महामारी से बचने के लिए शर्तों का पालन करने के लिए भी वे मजबूर हैं.

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