ग्वालियर। जीआरपी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) ने ग्वालियर से गुजरने वाली ट्रेनों में लूटपाट करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह को पकड़ा है. पकड़ा गया गिरोह उत्तर प्रदेश के शामली और गाजियाबाद का है. यह गिरोह 2 से 3 वारदात करने के बाद उत्तर प्रदेश के लिए निकल जाता है. कुछ दिन बाद फिर लौटता है और वारदात को अंजाम देता है. दो दिन पहले लूटे गए मोबाइल को ऑन करते ही गिरोह के दो सदस्य पुलिस ने पकड़े है. वही इस गिरहों का एक साथी फरार है. पूछताछ में दो दिन पहले चेन और मोबाइल लूट की वारदातों को गैंग के सदस्यों से कबूल किया है.
- दो दिन पहले हुई थी मोबाइल लूट की घटना
दरअसल काफी समय से झांसी से दिल्ली जाने वाली कुछ ट्रेनों में मोबाइल और चेन लूट की घटनाएं बढ़ गई थी. बढ़ती घटनाओं को देखते हुए ASP प्रतिमा एस मैथ्यू ने ग्वालियर जीआरपी को अपना मुखबिर तंत्र मजबूत करने के लिए आदेश दिए. इसी दौरान दो दिन पहले ट्रेन से एक महिला की चेन और मोबाइल लूटकर बदमाश भाग निकले थे. वहीं इसी घटना से पुलिस को लूटे गए मोबाइल से महत्वपूर्ण जानकारी मिली कि ट्रेनों में वारदात को अंजाम देने वाले लुटेरे पश्चिमी यूपी के शामली और गाजियाबाद की गैंग के सदस्य है.
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- पकड़े गए आरोपियों पर यूपी के कई थानों में दर्ज है केस
जीआरपी ने लूट की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह के दो सदस्य को गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार यह आरोपी ग्वालियर स्टेशन पर किसी वारदात को अंजाम देने आए थे. पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने अपना नाम खेमसिंह निवासी शामली उत्तर प्रदेश और कालू उर्फ कोल निवासी गाजियाबाद बताया है. खेमसिंह गिरोह का सबसे तेज तर्रार खतरनाक सदस्य है. जिस पर दो हत्या और एक हत्या के प्रयास के मामले के अलावा आधा दर्जन लूट के मामले यूपी के कई शहरों के थानों में दर्ज हैं.
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दूसरा आरोपी कालू पर भी लूट और फायरिंग के कई मामले दर्ज हैं. इस गैंग का तीसरा सदस्य साथी मोहन सिंह भी गैंग का मुख्य गुर्गा बताया जा रहा है. जो अभी फरार चल रहा है. फिलहाल जीआरपी ने गैंग के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर दो दिन पहले सर्दन एक्सप्रेस से महिला यात्री से लूटी गई चेन और मोबाइल बरामद किया है. जीआरपी पकड़े गए गैंग के सदस्यों से इनके द्वारा की गई अन्य वारदातों का खुलासा करने के लिए पूछताछ शुरू कर दी है.
- गैंग के सदस्य ऐसे करते थे लूट
गैंग के सदस्य चलती ट्रेनों में सफर करने वाले ऐसे लोगों को टारगेट करते थे, जो कि ट्रेन के गेट पर खड़े होकर मोबाइल से बात कर रहे हैं. या कोई महिला खिड़की के पास बैठी है. जैसे ही कोई ट्रेन प्लेटफार्म से चलती थी, तो यह गैंग के सदस्य झपट्टा मारकर मोबाइल, चेन लूट लेते थे और ट्रेन के जाने के उल्टी दिशा में भाग जाते थे. उल्टी दिशा में भागने का कारण था कि इन लुटेरों का कोई भी पीछा न कर पाए.