ग्वालियर। शहर के गांधी प्राणी उद्यान में एक बार फिर से खुशियों का माहौल देखने को मिल रहा है. करीब सवा महीने पहले चिड़ियाघर की दुर्गा नामक मादा टाइगर ने 2 शावकों को जन्म दिया था, उन्हें कड़ी देखरेख में रखने के बाद सोमवार को दर्शकों को देखने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने निकाला है. इस मौके पर महापौर शोभा सिकरवार और उपायुक्त मुकुल गुप्ता सहित अन्य नगर निगम के अधिकारी मौजूद थे. चिड़ियाघर प्रबंधन ने उम्मीद जताई है कि "आने वाले दिनों में टाइगर का कुनबा और बढ़ेगा क्योंकि अभी यहां एक मादा वाइट टाइगर गर्भवती है. इसके साथ ही चिड़िया घर को सजाया संवारा जा रहा है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को शहर के बीचों-बीच जंगल की फीलिंग महसूस हो."
ग्वालियर के चिड़ियांघर में गूंजी किलकारियां: ग्वालियर के गांधी प्राणी उद्यान चिड़ियाघर में करीब 42 दिन पहले मादा टाइगर दुर्गा की कोख से जन्म लेने वाले दोनों शावकों को सोमवार शाम को खुले बाड़े में जू प्रबंधन द्वारा छोड़ा गया, जहां वे अपनी मां दुर्गा के साथ अठखेलियां करते नजर आए. वहीं नन्हें टाइगरों को देखने के लिए साथ ही इस खुशी के पल को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद करने के लिए काफी संख्या में सैलानी चिड़ियाघर पहुंचे थे. इन दोनों शावकों को देख सैलानियों के चेहरे पर खुशी नजर आई. इन शावकों की देखरेख कर रहे अधिकारियों का कहना है कि "नन्हें टाइगरों को अभी मां का दूध ही दिया जा रहा है."
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महापौर ने जताई खुशी: मादा बाघिन के खानपान का पूरा ध्यान प्रबंधन द्वारा रखा जा रहा है. तेज गर्मी को देखते हुए दोनों शावकों को सुबह और दोपहर के वक्त बाहर नहीं निकाला जाएगा, बल्कि शाम 5 बजे के बाद 2 घंटे के लिए इन शावकों को बाहर छोड़ा जाएगा. इसको लेकर महापौर शोभा सिकरवार ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए बच्चों को टॉफी भी बांटी हैं. उन्होंने कहा कि "टाइगर बचाने की दिशा में गांधी प्राणी उद्यान बेहतर काम कर रहा है." वहीं नगर निगम के उपायुक्त मुकुल गुप्ता ने कहा कि "जल्द ही शावकों का नामकरण किया जाएगा. इसके साथ ही चिड़ियाघर को नए सिरे से सजाया संवारा जा रहा है और हरियाली को बढ़ावा देते हुए यहां पेड़ पौधों की संख्या बढ़ाई जा रही है, जिस से आने वाले पर्यटकों को चिड़ियाघर में शांति और सुकून के साथ ही वाइल्डलाइफ का आनंद लेने की अनुभूति महसूस हो."