ग्वालियर। लंबे इंतजार के बाद व्यापार मेले का शनिवार शाम उद्घाटन हो गया, लेकिन बीजेपी की गुटबाजी का साया इस पर मंडराता रहा. (Gwalior Trade Fair) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर मंच पर मौजूद नहीं हुए, दोनों ने वर्चुअल जुड़कर रस्म अदायगी की. तोमर समर्थक मंत्री भारत सिंह भी आयोजन में नही पहुंचे, मंच पर ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों का ही दबदबा दिखा. सांसद और उद्योगमंत्री को छोड़कर मंच पर सिर्फ सिंधिया समर्थक की मौजूद थे. सांसद ने अपने भाषण में तंज कसते हुए कहा कि खुशी है कि बार-बार टलने के बाद आखिरकार आज मेले का उद्घाटन हो ही गया.
मंत्री गोविंद सिंह ने तोड़ी चुप्पी: कार्यक्रम के बाद मंत्री गोविंद सिंह (Minister Govind Singh Rajput) ने जमीन विवाद मामले में कहा कि मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है. हालात ये रहे कि प्रदेश सरकार के उद्योग मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम ही भूल गए. एक बार उन्होंने माधव राव सिंधिया के नाम से संबोधित किया तो दूसरी बार ज्योतिराज सिंधिया बोला. हालांकि बाद में उन्होंने हाथ जोड़कर माफी मांगी.
सिंधिया समर्थकों का दबदबा: इस समारोह में न तो बीजेपी के बड़े नेता नजर आए और न ही कार्यकर्ता. मंच से लेकर दर्शक दीर्घा तक के वीवीआइपी सोफे तक सिंधिया समर्थकों का ही दबदबा रहा. मंच पर उनके समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट, गोविंद राजपूत, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और लोकनिर्माण मंत्री सुरेश राठखेड़ा से लेकर पूर्व विधायक रमेश, इमरती देवी और मुन्ना लाल गोयल तो नजर आए लेकिन पूर्वमंत्री जयभान सिंह पवैया, वेदप्रकाश शर्मा और अन्य वरिष्ठ बीजेपी नेता न मंच पर दिखे न सोफे पर.
बीजेपी नेताओं को आमंत्रण पत्र ही नहीं पहुंचे: उद्घाटन समारोह में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ता तो दूर पदाधिकारियों तक को आमंत्रित नहीं किया गया. पार्टी के सूत्रों ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि विगत 15 वर्षों से पदाधिकारियों को आमंत्रित किया जाता था बल्कि कार्यकर्ताओं को आमंत्रित करने के लिए भी कार्ड भेजे जाते थे लेकिन इस बार किसी ने पूछा नहीं. उनकी पीड़ा थी कि जब कांग्रेस की सरकार थी तब भी उन्हें आदर से बुलाया जाता था, लेकिन इस बार तो अपनी ही सरकार होने के बावजूद आमंत्रण पत्र तक नहीं मिला.