ग्वालियर। मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनेता मतदाताओं को लेकर सक्रिय हो गए हैं. यही कारण है कि ग्वालियर की पूर्व विधानसभा के पूर्व विधायक और सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल ने अपनी विधानसभा में 25 हजार फर्जी वोटर होने का आरोप लगाया है. पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने कलेक्टर से शिकायत की है कि वोटर लिस्ट में फर्जी लोगों के नाम जुड़ गए हैं और इस मामले पर जांच की जाए. साथ ही ऐसे नामों को वोटर लिस्ट से हटाया जाए ताकि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष हो.
प्रमाण के वोटरों के नाम हटाने से इंकार: बता दें कि पूर्व विधायक मुन्ना लाल गोयल और कलेक्टर अक्षय कुमार के बीच इस मामले को लेकर काफी बहस हुई. बताया जा रहा है कि मुन्नालाल गोयल ने प्रशासन अधिकारियों को कहा कि "वह पिछले कई महीनों से लगातार फर्जी घटनाओं की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन के द्वारा लापरवाही बरती जा रही है." वहीं कलेक्टर ने बिना जांच और प्रमाण के वोटरों के नाम हटाने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि हर काम के नियम हैं यदि कोई किसी वोटर के नाम पर आपत्ति देगा तो उसका नाम हटाया जाएगा, सिर्फ संख्या बताने से नाम नहीं हट सकते हैं.
फर्जी वोटरों को लेकर बवाल: मध्य प्रदेश बीज निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल का मानना है कि "ग्वालियर पूर्व विधानसभा में हजारों ऐसे नाम हैं जिनका वोटर लिस्ट में नाम जोड़ दिया है, उसको लेकर कलेक्टर और प्रशासनिक अधिकारियों से बैठक हुई. बैठक में कलेक्टर अक्षय कुमार ने कहा कि "सिर्फ कहने से ही 25 हजार वोटर फर्जी नहीं माने जा सकते हैं. आयोग की प्रक्रिया है इसके तहत ही नाम हटाया और जोड़ा जा सकता है." इस मामले को लेकर भाजपा नेता मुन्नालाल गोयल का कहना है कि "फर्जी वोटरों को लेकर वह 5 बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन का कोई भी अधिकारी कार्रवाई करने से मना कर रहा है, इसके पीछे क्या साजिश है और अधिकारी को क्या मिलता है यह समझ में नहीं आ रहा है."
कई लोगों का वोटर लिस्ट में नाम नहीं जुड़ा: वहीं, बीज निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल का कहना है कि "उनकी विधानसभा में 25 हजार से अधिक फर्जी मतदाता हैं और इसको लेकर उन्होंने अब पत्र भी लिखा है. उनका कहना है कि सैकड़ों मतदाता ऐसे हैं कि उनका अभी तक वोटर लिस्ट में नाम नहीं जुड़ पाया है और उन्होंने अभी तक एक भी बार वोट नहीं डाला है. उनको तत्काल वोटर लिस्ट में शामिल किया जाना चाहिए. वहीं जब इस मामले को लेकर कलेक्टर अक्षय कुमार से बात की तो उन्होंने बताया है कि इस मामले को लेकर जांच की जा रही है जांच के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि कितने मतदाता हटाना है और कितने बढ़ाने हैं.